Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कन्नौजMany broken families joined at the threshold of Lok Adalat

लोक अदालत की चौखट पर जुड़ गए कई टूटे हुए परिवार

भले ही कानपुर के बिल्हौर के धौरहरा निवासी सीमा देवी के पति न रहे हों, लेकिन कन्नौज के तेरारागी के सहतेपुर्वा स्थित अपनी ससुराल में अब वह जिंदगी गुजार सकेंगी। ससुर ने सहमति जता दी। भरण-पोषण की...

Newswrap हिन्दुस्तान, कन्नौजSat, 8 Feb 2020 11:02 PM
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भले ही कानपुर के बिल्हौर के धौरहरा निवासी सीमा देवी के पति न रहे हों, लेकिन कन्नौज के तेरारागी के सहतेपुर्वा स्थित अपनी ससुराल में अब वह जिंदगी गुजार सकेंगी। ससुर ने सहमति जता दी। भरण-पोषण की जिम्मेदारी उठाने को भी हामी भर दी। यह सब संभव हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत में।

जिला कचहरी में शनिवार को सीमा देवी जैसी कई महिलाओं व पीड़ितों को तत्काल न्याय मिला जो वर्षों से न्याय की आस में कोर्ट के चक्कर लगा रहीं थीं। समय व रुपयों की बर्बादी हो रही थी, लेकिन लोक अदालत उनके लिए राहत बनकर आई। इसी तरह कामिनी-सोनेलाल, अमरजीत-अर्चना अपने दो बच्चों के साथ, योगिता-सुनील, विनय-सोनी, सुनील-रेखा अपने दो बच्चों के साथ खुशहाल जिंदगी जीने को राजी हो गए। शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला जज मुशीर अहमद अब्बासी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर द्वीप प्रज्जवलन व पुष्प अर्पित कर किया।

उन्होंने मामले निस्तारण को लगे काउंटरों पर पहुंचकर अधिक से अधिक मामले निस्तारण को भी कहा। लोक अदालत के स्थाई अध्यक्षत शशि मौलि तिवारी ने कहा कि खुशहाल जीवन का रहस्य है मन में उत्तेजना न लाना। जो इसमें सफल हो जाएगा, वह सुखी, लंबी व खुशहाल जिंदगी जिएगा। इससे मुकदमों की संख्या भी कम होगी। इस मौके पर नोडल अधिकारी रामबरन सरोज, विशेष न्यायाधीश सतेंद्र कुमार, एडीजे रोहित सिन्हा, अजय श्रीवास्तव, सत्यजीत पाठक, शिवकुमार यादव, सीजेएम गीतांजलि गर्ग, एसीजेएम शिल्पी चौहान, सिविल जज सीनियर डिवीजन शांभवी यादव, सिविल जज एफटीसी सीनियर डिवीजन सचिन दीक्षित, जूनियर डिवीजन नितिका राजन, जेएम अंकित वर्मा, सिविल जज जूनियर डिवीजन एफटीसी शालिनी विधेय, रोहित सोनी, अपर सिविल जज ऋषभ चतुर्वेदी, अरुणा सिंह आदि न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता आदि मौजूद रहे।

14 हजार मामले निपटे, करोड़ों की हुई वसूली

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रियंका सिंह ने बताया कि एक ही दिन में 14542 वादों का निस्तारण हुआ। छह करोड़ 84 लाख 42 हजार 666 रुपए विभिन्न मदों में वसूले गए। मोटर दुर्घटना क्लेम में 1.41 करोड़ से अधिक दिलाए गए। मोटर दुर्घटना क्लेम, घरेलू हिंसा, पारिवारिक मामले व बैंकिंग समेत कई तरह के मामलों का निपटारा हुआ।

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