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फाइलों में स्टेडियम फुटपाथों पर खिलाड़ी

Kannauj News - कन्नौज के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को साबित करने के बावजूद खेल सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। मुख्यालय पर स्टेडियम का निर्माण आठ साल बाद भी नहीं हो सका है। खिलाड़ियों को बेहतर प्रैक्टिस के लिए 50 किमी दूर...

Newswrap हिन्दुस्तान, कन्नौजSat, 22 Feb 2025 12:05 AM
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फाइलों में स्टेडियम फुटपाथों पर खिलाड़ी

कन्नौज। कन्नौज के तमाम खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। इसके बाद भी यहां खेल सुविधाएं न के बराबर हैं। मुख्यालय पर एक स्टेडियम तक नहीं है। ऐसे में अपनी प्रतिभा निखारने और बेहतर प्रैक्टिस के लिए खिलाड़ियों को बड़े शहरों में जाना पड़ रहा है। ऐसे में कई प्रतिभावान खिलाड़ी संसाधनों के अभाव में आगे बढ़ने से वंचित रह जाते हैं। वजह साफ है कि हौसला तो बहुत है पर जिले में खेल सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं। ऐसे में खेल प्रतिभाएं दबकर रह गई हैं। जिले में खेल सुविधाओं पर बात की तो खिलाड़ियों का दर्द छलक पड़ा। करीब 20 लाख की आबादी वाले जिले में आठ साल बीतने के बाद भी मुख्यालय पर स्टेडियम कागजों से बाहर नहीं आ सका है। मुख्यालय से 50 किमी दूर सौरिख में बने स्टेडियम में कोच और खेल संसाधनों का अभाव है। जिले में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अब तक जो प्रयास किए गए हैं वह महज औपचारिकता भर हैं । खिलाड़ी बताते हैं कि आठ साल पहले स्टेडियम के लिए जमीन खरीदी गई लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। अफसरों की टेबल पर मौजूद फाइलों में स्टेडियम निर्माणाधीन है। इस वजह से खिलाड़ी फुटपाथों पर पसीना बहाने के लिए मजबूर हैं।

मुख्यालय पर साल 2016 में एक स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाने पर काम शुरू हुआ था। इसके लिए बकायदे 65 करोड़ की योजना बनाई गई । जमीन भी मकरंदनगर इलाके में ले ली गई । कई किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर उन्हें करीब 35 करोड़ का मुआवजा भी दे दिया गया। बावजूद इसके आज आठ साल बाद भी स्टेडियम बनने का सपना साकार नहीं हो सका है। ऐसे में युवाओं के पास शहर में महज एक ही मैदान है वह भी इंटर कॉलेज का है। यहां सिर्फ रनिंग करने के साथ सिर्फ क्रिकेट खेल सकते हैं। कई बार मैदान कंकड़ और ऊबड़खाबड़ होने के चलते खतरनाक साबित होता है। युवा प्रतिभावान खिलाड़ियों ने कई बार प्रयास किया कि स्टेडियम का काम किसी तरह से पूरा हो जाए पर कोई सुनवाई नहीं होती है। ऐसे में यहां के युवाओं के लिए सिर्फ एक विकल्प रह जाता है। सौरिख में बना स्पोर्ट्स स्टेडियम। यह स्टेडियम भी शहर से 50 किमी. दूर है। प्रतिदिन मुख्यालय से यहां पहुंचना बड़ा मुश्किल भरा है। आने-जाने में तीन घंटे बर्बाद होने के साथ आर्थिक क्षति भी होती है। कुछ सक्षम युवा जो यहां पहुंच भी जाते हैं वह यहां संसाधनों के अभाव और कोच न होने से निराश हो जाते हैं। एक एथलेटिक्स खिलाड़ी ने बताया कि कोच न होने से सही से दिशा-निर्देश नहीं मिल पाते हैं। यहां कई खेलों के कोच ही नहीं हैं। स्टेडियम में पांच-छह खेलों के कोच की आवश्यकता है। ऐसे में जिन खेलों के संसाधन हैं वे भी यहां धूल फांक रहे हैं।

शिकायतें

1. जिला मुख्यालय पर अब तक नहीं बन सका स्पोर्ट्स स्टेडियम। दूसरे शहर में जाने को हो रहे मजबूर

2. सौरिख स्पोर्ट्स स्टेडियम जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर होने से नहीं पहुंच पाते युवा

3. सौरिख स्पोर्ट्स स्टेडियम में कई खेलों के कोच तक उपलब्ध नहीं होते हैं

4. शहर के एक मात्र बोर्डिंग मैदान पर सुविधाएं भी नहीं है

5. कन्नौज में कोई खेल संगठन ऐसा नहीं जो सक्रिय होकर खिलाड़ियों की बात उठाए

6. खेलों में प्रशिक्षित करने को कोई बेहतर प्लानिंग नहीं होने से युवा निराश हो रहे हैं।

7. सौरिख स्टेडियम में एथलेटिक्स सहित कई खेलों के कोच नहीं होने से अभ्यास नहीं हो पा रहा है।

सुझाव

1. शहर मुख्यालय पर स्पोर्ट्स स्टेडियम का काम जल्द पूरा हो

2. खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए बेहतर कोच मिले।

3. खिलाड़ी सुरक्षित और सही तरीके से अभ्यास कर सके ऐसे इंतजाम किए जाएं।

4. ग्रामीण अंचल में खेलों को बढ़ावा देने पर काम हो

5. स्टेडियम का मुद्दा जनप्रतिनिधि विधानसभा और विधान परिषद में उठाएं।

6. कन्नौज में अस्थायी खेल कैंप लगाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का इंतजाम हो। जिला प्रशासन और नगरपालिका को भी इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए।

7 . प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए खास योजना बनाकर उन्हें बड़े शहरों में कैंप कराने की

व्यवस्था हो ।

बोले खिलाड़ी

मैदान बना तो है पर कोच व अन्य संसाधन नहीं हैं। ऐसे में खिलाड़ी अन्य जनपदों में जाकर तैयारी करने को मजबूर हैं। - प्रबल प्रताप, खिलाड़ी

कन्नौज शहर में स्टेडियम नहीं है। 50 किमी. दूर सौरिख में स्टेडियम बना है मगर यहां सुविधाएं नहीं हैं। -योगेंद्र यादव

जिले में खिलाड़ियों के लिए कोई भी इंतजाम नहीं है। शासन से हम लोगों की यही मांग है की स्टेडियम जल्द से जल्द बनाया जाए। - सुग्रीव

इत्र नगरी में केवल कॉलेज के मैदान के भरोसे ही खिलाड़ी अपना अभ्यास कर लेते हैं। जैसे तैसे काम चला रहे हैं। - गुलाम अब्बास

नेताओं की लापरवाही का नतीजा भुगत रहा है कन्नौज, यहां के खिलाड़ी सपने तो देखते हैं। मगर उनके सपनों को पंख नहीं लग पा रहे।- सत्यम राजपूत

बोले जिम्मेदार

जिला क्रीड़ा अधिकारी नूर हसन ने बताया कि स्टेडियम के लिए जमीन खरीद ली गई है और इसका करीब 24 करोड़ का स्टीमेट भी बनाकर शासन को भेजा जा चुका है। बजट मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। वहीं सौरिख के स्पोर्ट्स स्टेडियम में तीन कैंप संचालित हो रहे थे जिसमें फुटबॉल एवं कबड्डी का कैम्प चालू है। हालांकि हॉकी कोच का तबादला होने से यह कैंप बंद पड़ा है। कोच के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। वहां से ही कोच की नियुक्ति की जाएगी।

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