चोक नालियां- सड़क पर सीवर से जूझ रहे कांशीराम के बाशिंदे
Kannauj News - कन्नौज की कांशीराम कॉलोनी में गंदगी, चोक नालियों और टूटी सड़कों की समस्या है। यहाँ के निवासी 15 वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। जलभराव और खराब सुरक्षा व्यवस्था के कारण लोग परेशान हैं। स्थानीय...
कन्नौज। पसरी गंदगी, चोक नालियों से ओवरफ्लो हो बहता गंदा पानी, सीवर के खुले चेंबर, आवास की छतों पर उगी कंटीली झाड़ियां, प्लास्टर झड़कर गिरने से जोखिम में जान, अराजकतत्वों का जमावड़ा। यह तस्वीर कन्नौज की कांशीराम कॉलोनी की है। बारिश में यहां के लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। 15 साल से यहां रह रहे लोग आज भी सुविधाओं से वंचित है। लोगों ने कहा कि जलनिकासी ,पक्के रास्ते और सफाई की व्यवस्था हो तो कॉलोनी गुलजार हो जाए। शहर की कांशीराम आवासीय कॉलोनी जिम्मेदारों की उपेक्षा की शिकार है। रखरखाव के अभाव में यहां रहने वाले बाशिंदे अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं। सभी ब्लॉकों के सीवर टैंक चोक हैं जिससे गंदगी खुले में जमा हो रही है, वहीं पाइप भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दुर्गंध से कॉलोनीवासियों को अपने घरों में रहना तक मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा गलियों से ईंट उखड़ने से पैदल चलना व वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा करते हुए कांशीराम कॉलोनी के बाशिंदों का दर्द छलक उठा। कॉलोनी वासी नवाब सिंह ने कहा कि चोक नालियां- और सड़क पर सीवर से हम कांशीराम कॉलोनी के बाशिंदे जूझ रहे हैं। गरीब तबके के लोगों के लिए पक्का मकान पाना सपना ही होता है। इन गरीबों के सपनों को साकार करने के लिए साल 2009-10 में सरकार ने कांशीराम कॉलोनी के नाम से 1500 आवास गरीब और वंचित तबके के लोगों के लिए इत्र नगरी कन्नौज में अलग-अलग स्थान पर बनवाए थे। इन आवासों को झोपड़ पट्टी में रहने वाले गरीब लोगों को आवंटित किए गए। आवास मिलते ही इन गरीब परिवारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पहले तो मूलभूत सुविधाओं से युक्त इन आवासों में यह लोग बड़े ही आराम से रह रहे थे। समय गुजरता गया और कांशीराम कॉलोनी में समस्याएं पेश आने लगीं। कॉलोनी वासी निगम ने कहा कि कहीं गंदगी तो कहीं टूटी पाइप लाइनें और उखड़ती सड़कें समस्या बनकर सामने आने लगी हैं। शहर में ताजपुर नकासा, पुरानी पुलिस लाइन, दरियापुर, कदरौली बांगर, नगरकोट में बनी कांशीराम कॉलोनी के बाशिंदों ने बताया कि जब से आवास मिले हैं तब से कोई भी अधिकारी हम लोगों का हाल पूछने नहीं आया। यहां नालियां पूरी तरह चोक हैं और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मल्टी स्टोरी इस बिल्डिंग में जगह-जगह सीवर पाइप टूटे हुए हैं। जिससे इन आवासों की दीवारों में नमी बनी रहती है। नमी से जर्जर हुई इन दीवारों में दरारें भी पड़ गई हैं। जिन्हें देखकर यहां रहने वाले हर पल डरे और सहमे रहते हैं। इसके अलावा इन कॉलोनियों में पेयजल व्यवस्था भी अस्त व्यस्त है। कॉलोनी वासी सरबती ने बताया कि कई जगह पानी की लाइन टूट चुकी है। इन पानी की लाइनों में सीवर का गंदा पानी आता है। वहीं परिसर में लगाए गए कई हैंडपंप भी खराब हो गए हैं। कुछ तो रीबोर की स्थिति में हैं। ऐसे में यहां के लोगों के लिए पेयजल संकट बना हुआ है। यह लोग आस पड़ोस से पीने का पानी लाते हैं। तमाम दुश्वारियों को देखते हुए कुछ लोगों ने अपने आवासों को छोड़ दिया है और उसमें किरायेदार बसा दिए हैं। कांशीराम कॉलोनी में सुरक्षा को लेकर लोगों की मानें तो यहां सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर कोई भी पुलिस गश्त नहीं होती है। न ही कोई पिकेट है। शाम होते ही इन कॉलोनी के आसपास अराजक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है। कॉलोनी वासी सरबती बोलीं खासतौर पर यहां रहने वाली महिलाओं को असुरक्षा का भय बना रहता है। विरोध करने पर झगड़ा फसाद पर आमादा हो जाते हैं। वहीं स्थानीय पुलिस भी इन अराजक तत्वों पर कोई लगाम नहीं लगाती। ऐसे में तमाम दुश्वारियों के बीच इन आवासों में रहना पड़ रहा है। कॉलोनी जाने वाली सड़क पर लगी स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। एक, दो ही ठीक हैं। शाम होने के बाद घर से निकलने में डर लगता है। रात के अंधेरे में आने वाले लोग या फिर उनके परिजनों को अपने मोबाइल की रोशनी ऑन करनी पड़ती है। तब वह घर पहुंच पाते हैं। वहीं अरबाज कहते हैं कि घरों की वायरिंग वर्षों पहले कराई गई थी। आए दिन हादसे होते रहते हैं। बारिश के दिनों में लोगों को खतरे का डर सताता है।
शिकायतें
1. कांशीराम कॉलोनी में1500 आवास बने हैं जो मेंटेनेंस न होने से जर्जर हो रहे लेकिन अधिकारी गंभीरता से ध्यान नहीं देते है।
2.सफाई न होने से कॉलोनियों की नालियां चोक हो चुकी हैं और चारों तरफ कंटीली झाड़ियां उग आई है। जिससे जीव-जंतु घरों में घुस आते हैं।
3. आवासों में बिजली की वायरिंग कराई जाए, यहां तार फॉल्ट होने से लाइटें बंद रहती हैं।
4. कॉलोनी की सड़कें टूटी पड़ी हैं बारिश के दिनों में स्थिति और खराब हो जाती है। लोगों की गिरने से हड्डियां टूट रही हैं।
5. कांशीराम कॉलोनी में पुलिस गश्त न होने से चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं।
सुझाव
1. कॉलोनी में जो आवास अभी सुरक्षित हैं उनका जीर्णोद्धार हो जाए तो लोगों के परिवारों को काफी राहत मिलेगी।
2. दो-तीन साल में अगर आवासों की रंगाई पुताई कराई जाए तो खस्ता हाल होने से बचेंगे।
3. कॉलोनियों की साफ-सफाई के लिए सफाई कर्मी तैनात किए जाएं। जिससे गंदगी के अंबार न लगे। संक्रामक बीमारियां नहीं फैलेंगी।
4. नालियों की साफ-सफाई बारिश से पहले कराई जाए तो लोगों के आवासों में जलभराव नहीं होगा।
5.कांशीराम कॉलोनी में जर्जर सड़क, टूटी नालियों को ठीक किया जाए। रात में पुलिस गश्त हो जिससे चोरी की घटनाओं पर रोक लग सके।
बोले बाशिंदे
कॉलोनी में अव्यवस्थाओं का अंबार है। लोग जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं।-निगम
यहां की इमारतें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। पाइप लाइन भी जगह-जगह ध्वस्त हो गई है। -दीपशिखा पाल
यहां सुरक्षा का भय सताता रहता है। पुलिस गश्त भी रात के समय नहीं होती है। -जरीना
नालियां चोक होने से पानी की निकासी नहीं हो पाती। गंदा पानी सड़क पर फैला रहता है। रोड भी इससे टूट रही।- नीलम
कांशीराम कॉलोनी में पीने के लिए साफ पानी भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। अधिकांश पाइप लाइन टूटी हुई हैं । - नवाब सिंह
बोले जिम्मेदार
कांशीराम कॉलोनियों में जो समस्याएं हैं उनके निस्तारण का प्रयास किया जाएगा । कॉलोनी में बिजली ,गंदगी और टूटी पाइप लाइन को लेकर संबंधित नगर पालिका को निर्देशित किया जाएगा कि वहां की व्यवस्थाएं दुरुस्त करें ।
-आशीष कुमार, एडीएम कन्नौज
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