गल्ला मंडी के रहमोकरम पर पूरा सब्जी कारोबार
Kannauj News - कन्नौज की गल्ला मंडी में सब्जी व्यापारियों को बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। मंडी में हैंडपंप और लाइटें खराब हैं, और आवारा पशुओं का आतंक है। व्यापारी और किसान अपनी सब्जियों का...
कन्नौज। जिले में खुद की सब्जी मंडी नहीं है। किसान और आढ़ती गल्ला मंडी में ही सब्जी कारोबार करने को मजबूर हैं। सब्जी कारोबार से दस लाख रुपये का राजस्व देने वाली इस मंडी में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता है। हैंडपंप और लाइटें खराब पड़ी हैं, आवारा पशुओं का भी जमावड़ा लगा रहता है। भंडारण के लिए दुकानें तक नहीं है। ऐसे में सस्ते में सब्जी बेचना कारोबारियों की मजबूरी है। कन्नौज स्थित गल्ला मंडी ही सब्जी मंडी है। यह भी सिर्फ नाम की। न तो कारोबारियों के लिए यहां बैठने की जगह है और न ही उनकी सब्जी रखने के लिए दुकानें। ऐसे में या तो वे बाहर गोदाम लेकर सब्जी रखते हैं या फिर सस्ते में बेच देते हैं। मंडी में हैंडपंप और लाइटें भी खराब पड़ी हैं। अंधेरे में कारोबार करने को मजबूर सब्जी व्यापारी आवारा पशुओं से भी परेशान हैं। समस्याओं के अंबार से यहां के सब्जी कारोबारी निराश हैं। इन्हीं में से एक राजेंद्र बताते हैं कि कन्नौज की सब्जी मंडी गल्ला व्यापारियों के रहमोकरम पर चल रही है। उनकी जगह पर बैठकर हम लोग सब्जी का कारोबार करते हैं। किसान और आढ़ती कहते हैं कि अगर उनकी सब्जी मंडी अलग हो तो एक्सप्रेस वे के चलते उनके कारोबार को पंख लग सकते हैं। मंडी समिति में सब्जी व्यापारी हर साल तकरीबन नौ करोड़ रुपये का व्यापार करते हैं इसके एवज में इन व्यापारियों से एक फीसदी चार्ज के हिसाब से सालाना करीब दस लाख का मंडी टैक्स भी वसूला जाता है, पर इन्हें मंडी में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता है। सब्जी कारोबारियों ने बताया कि बारिश के दिनों में मंडी में पानी भर जाता है। महीनों से पीने का पानी मंडी में उपलब्ध नहीं है। मंडी में लगे सभी हैंडपंप खराब पड़े हैं। मंडी की सुरक्षा व्यवस्था भी राम भरोसे है। कुछ गार्ड तैनात जरूर हैं, पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए। मंडी में आवारा पशुओं का आतंक है जिसे रोकने वाला कोई नहीं है। मंडी में सब्जी कारोबारियों के बैठने एवं सब्जी के भंडारण के लिए कोई भी स्थायी दुकान उपलब्ध नहीं कराई गई है। इतना ही नहीं सब्जी कारोबारी को अपना कारोबार करने के लिए टीन शेड तक मयस्सर नहीं है। कुछ किसान और सब्जी कारोबारियों ने दबी आवाज में कहा कि वे मंडी कर्मचारी, सुरक्षा कर्मी की अवैध वसूली से भी त्रस्त हैं। असुविधाओं एवं परेशानियों के चलते सब्जी व्यापारी दिनों दिन उजड़ते जा रहे हैं। किसान और व्यापारियों ने कई बार इस संबंध में मंडी अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन कोई भी निराकरण नहीं हुआ है। उधर बंदर, कुत्ते जैसे आवारा मवेशी भी इन सब्जी कारोबारियों का बड़ा नुकसान करते हैं। किसान से लेकर सब्जी कारोबारी काफी दिक्कतों के बीच व्यापार कर रहे हैं। इसके अलावा मंडी में बनाए गए शौचालय एवं मूत्रालय पिछले कई वर्षों से क्षतिग्रस्त हैं। गंदगी और झाड़ियों के बीच घिरे क्षतिग्रस्त शौचालय के कारण सब्जी व्यापारी एवं किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंडी प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद अभी तक समस्या का निदान नहीं किया गया है, जिससे किसानों में एवं व्यापारियों में नाराजगी व्याप्त है।
मंडी में गोदाम के अभाव में नहीं होता है भंडारण
मंडी में सब्जी व्यापारियों के लिए गोदाम की व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके चलते व्यापारी सब्जियों का भंडारण नहीं कर पाते हैं। प्याज, लहसुन, अदरक टमाटर, कटहल जैसी सब्जियों को बाहर किराये पर गोदाम लेकर रखना पड़ता है। इससे सब्जी कारोबारी को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। मंडी में बंदर बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं जो सब्जी का नुकसान करते रहते हैं। इसके अलावा अन्ना मवेशी भी घूमते रहते हैं मंडी सुरक्षाकर्मी इन पशुओं को भगाने में कोई सहयोग नहीं करते हैं।
हैंडपंप खराब, बाहर से लाना पड़ रहा व्यापारियों को पानी
संजय कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित मंडी समिति में व्यापारियों एवं किसानों के पेयजल के लिए छह हैंडपंप लगाए गए थे, लेकिन पिछले एक साल से सभी हैंडपंप खराब हैं। ऐसे में सब्जी कारोबारी एवं किसानों को पेयजल की समस्या बनी हुई है। किसान पीने के साथ अपनी सब्जी को धोने के लिए भी पानी का प्रयोग करता है, लेकिन मंडी में पानी का अभाव होने से बाहर से लाना पड़ रहा है। मंडी अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया।
शिकायतें
1. सब्जी मंडी में लगाए गए सभी हैंडपंप खराब हैं लिहाजा लोगों के सामने पेयजल का संकट है। आढ़ती और किसानों को पीने से लेकर सब्जियों को ताजा रखने के लिए बाहर से पानी लाना पड़ता है।
2. मंडी समिति में बनाए गए शौचालय एवं मूत्रालय पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। व्यापारियों एवं किसानों को परेशानी होती है। इस वजह से व्यापारी और किसानों को भटकना पड़ता है।
3. सब्जी मंडी में लगी हाई मास्क लाइट खराब होने से अंधेरा रहता है जिससे व्यापारियों को परेशानी हो रही है।
सुझाव
1. मंडी में आवारा मवेशी काफी नुकसान करते हैं, जिससे व्यापारी एवं सब्जी किसानों को बड़ी समस्या हो रही है। इससे निजात दिलाई जाए। जिससे आढ़ती और किसान दोनों को नुकसान न हो।
2. सुबह मंडी में सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती जरूरी है ताकि अराजक तत्व मंडी में झगड़ा फसाद न कर सकें और सुरक्षा बनी रहे।
3. पेयजल के लिए भी मंडी में हैंडपंप रिबोर कराना जरूरी है इसके साथ ही पानी की टंकी भी रिपेयर कराई जाए ताकि सबको पेयजल की सुविधा मिल सके।
बोले व्यापारी
घने कोहरे के बीच सर्दी में खुले में बैठकर मंडी में सब्जी का कारोबार करते हैं। बैठने के लिए टीन शेड भी नहीं है । -राजेश कुशवाहा,आढ़ती
भोर से सब्जी का व्यापार शुरू होता है। मंडी में लगी हाई मास्क लाइट खराब है। जिससे अंधेरे में दुकानें लगाना मजबूरी है। -अरूण, आढ़ती
मंडी में कोई दुकान न होने के कारण बची हुई सब्जी का भंडारण नहीं कर पाते हैं। जिससे बचा हुआ माल खराब हो जाता है। -राजेंद्र
मंडी में कोई ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं है । इससे व्यापारियों को अपना माल बाहर भेजने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। -अनिल
बोले जिम्मेदार
सचिव मंडी समिति रघुराज सिंह ने बताया कि सब्जी कारोबारी की दिक्कतों को देखते हुए मंडी परिसर में सात दुकानें बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जल्द ही प्रस्ताव पारित हो जाएगा। इसके बाद सब्जी व्यापारियों के बैठने एवं भंडारण के लिए व्यवस्था कर दी जाएगी । दुकानों में आगे टीन शेड भी होगा।
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