अतिक्रमण हटे, सुरक्षा मिले तो चमके बाजार
Kannauj News - कन्नौज का सराफा कारोबार अतिक्रमण, सुरक्षा और पार्किंग की समस्याओं से जूझ रहा है। यहां 700 से अधिक दुकानें हैं, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। व्यापारी चोरी और टप्पेबाजी के...
कन्नौज। कन्नौज का सराफा कारोबार अतिक्रमण से पटा है। पार्किंग की व्यवस्था है और न ही सुरक्षा की। यहां शौचालय और पानी का संकट भी व्यापारियों के सामने मुंह बाए खड़ा है। सराफा कारोबारियों की छोटी-बड़ी 700 दुकानें हैं। आए दिन छिनैती एवं टप्पेबाजी की घटनाओं के बाद भी प्रशासन ने न ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की जहमत उठाई और न ही पिकेट पर पुलिस की तैनाती की । इन समस्याओं से उबर जाएं तो सराफा बाजार जगमगा जाए। कन्नौज के संकरे रास्तों पर होने वाला सराफा कारोबार अर्श से ‘फर्श की ओर जा रहा है। तमाम अव्यवस्थाओं से जूझ रहे सराफा कारोबारियों की यहां सबसे बड़ी समस्या है अतिक्रमण और असुरक्षा। न तो बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, न ही सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस। अतिक्रमण अपने पांव फैलाता जा रहा है। जिस कारण ग्राहक और सराफा कारोबारियों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। इन सभी समस्याओं का असर पड़ रहा है सराफा कारोबार पर। सराफा कारोबारी ज्ञान चंद्र ने बताया कि अतिक्रमण, पार्किंग की समस्या और सुरक्षा न मिलने से पहले से दुकानदारी बहुत कम हो गई है। प्रशासन अतिक्रमण हटवाये और सुरक्षा दे तो एक बार फिर हमारा सराफा कारोबार चमकसकता है। सराफा का कारोबार शहर समेत कई कस्बों में फैला है। शहर में सबसे बड़ा सराफा व्यवसाय फर्श गली, मोहल्लों से लेकर मेन बाजार में होता है। फर्श रोड स्थित प्रमुख सराफा बाजार वर्षों पुराना है। यहां 700 के करीब दुकानदार हैं। यहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने सराफा कारोबारियों से बात की तो उनका दर्द छलक उठा। उन्होंने कहा कि बाजार में न पीने के लिए साफ पानी का इंतजाम है और न ही सुरक्षा का। ऐसे में ये हमेशा डर के साये में ज्वैलरी का कारोबार करते हैं। डर के बीच आभूषणों का कारोबार करना जोखिम भरा होता जा रहा है। यह डर यूं ही नहीं है। बीते साल कन्नौज के गुरसहायगंज थाना क्षेत्र में एक सुनार को गोली मारकर लूट का मामला प्रकाश में आया था। इस वारदात के बाद से सुनार सहम गए। हालांकि पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मुठभेड़ में मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। इस वारदात से पूरे जिले के सराफा कारोबारियों में भय बैठ गया है। सराफा एसोसिएशन के प्रदेश सचिव चंद्रप्रकाश ललईया ने बताया कि इस वारदात से सराफा कारोबारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। इसके अलावा भी कई छोटी मोटी चोरी और लूट की वारदातें हो चुकी हैं। इस तरह की वारदात न हों इसके लिए प्रशासन को गंभीरता से काम करना चाहिए। प्रशासन को न सिर्फ पूरे बाजार में 360 एंगल वाले कैमरे लगवाने चाहिए बल्कि हर छोटे-बड़े चौराहे और तिराहे पर पुलिस की तैनाती करनी चाहिए। सुरक्षा और सही व्यवस्थाओं के साथ यदि सुनार काम करेंगे तो उनका पुलिस और प्रशासन के प्रति भरोसा और भी मजबूत होगा। साथ ही व्यापार में प्रगति भी होगी।
कारोबारी वैभव वर्मा ने बताया कि सराफा दुकानदारों ने अपने स्तर से दुकानों के बाहर व अंदर सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं। बावजूद इसके आए दिन छिनैती एवं टप्पेबाजी की घटनाएं होती रहती हैं। सराफा कारोबारियों ने कई बार प्रशासन से शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की मांग की है लेकिन आज तक प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया है। कई बार लूट और टप्पेबाजी जैसी वारदातें सुनारों के इस भय को और बढ़ा देती हैं। कारोबारी अमित ने बताया कि सराफा बाजार की सबसे बड़ी और जटिल समस्या पार्किंग और अतिक्रमण है। कोई पार्किंग न होने से खरीदारी करने गए ग्राहक बाइकों को दुकानों के बाहर खड़ा कर देते हैं। ऐसे में रोजाना जाम लगता है। इससे कारोबारियों को भी खासी असुविधा होती है। इससे आने-जाने वाले ग्राहक परेशान होते हैं। शिकायतें तो कई बार की गईं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सराफा बाजार में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। सुरक्षा के नाम पर स्थानीय पुलिस महज खानापूर्ति करती है । वहीं सराफा व्यवसायी विपिन, अमित व आलोक वर्मा ने बताया कि जिले में कन्नौज शहर के अलावा छिबरामऊ, गुरसहायगंज, तिर्वा में भी सराफा कारोबार से तमाम लोग जुड़े हैं। वहीं छोटे कस्बों में छोटी मोटी सराफा की दुकानें हैं। इन सभी को सुरक्षा की दरकार है।
बाजार में नहीं सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
ज्वैलर सत्य प्रकाश ने बताया कि करोड़ों रुपये का टर्नओवर करने वाले सराफा बाजार में प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं है। न तो कहीं सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही पिकेट की ही कोई व्यवस्था है। एक-दो जगह कहीं कैमरे लगे भी हैं तो वो खराब पड़े हैं। ऐसे में सराफा कारोबारियों ने खुद ही अपनी दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं। कई बार सराफा व्यवसायी चोरी और टप्पेबाजी का शिकार हो चुके हैं। उसके बाद भी प्रशासन कोई सीख नहीं ले रहा है। ऐसे में सराफा व्यापारियों को हमेशा चोरी और लूटपाट का भय बना रहता है। वहीं सराफा कारोबारियों का कहना है कि कई बार प्रशासन से असलहा लाइसेंस में सहूलियत देने को कहा गया। बैठकों में तो आश्वासन मिल जाता है। बावजूद इसके जब असलहे के लिए आवेदन किया जाता है तो यह निरस्त कर दिया जाता है। इसके लिए उन्हें अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
हॉलमार्क के लिए कानपुर की दौड़
विपिन वर्मा ने कहा कन्नौज जिले में अभी तक कहीं भी गहनों की शुद्धता चेक करने के लिए हॉल मार्क सेंटर नहीं है। ऐसे में सराफा बाजार से जुड़े हर छोटे -बड़े व्यापारियों को हॉल मार्किंग के लिए कानपुर, लखनऊ सहित बड़े शहरों की दौड़ लगानी पड़ती है। इससे समय की बर्बादी तो होती ही है। साथ ही आने-जाने में अतिरिक्त खर्च व माल साथ लाने ले जाने में सुरक्षा का मसला भी बना रहता है। खासकर सहालग के समय अधिक परेशानी होती है। एक साथ कई तारीखों में शादी होने से सोने और चांदी का सामान देना होता है। उस समय यह दौड़-भाग व्यापारियों को खलती है। इस ओर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है, जिससे सराफा व्यापारियों का समय बच सके और गहने चोरी और लूटपाट का डर न रहे। इससे सराफा कारोबारी के साथ ग्राहकों को भी सुविधा रहेगी।
पुराने गहने लेने पर लगता है डर
वैभव वर्मा ने बताया कि सराफा व्यवसायी आमतौर पर सोने के गहने बनाने एवं बिक्री करने का व्यापार करते हैं। इसके अलावा अपने ग्राहकों की जरूरत को देखते हुए पुरानी ज्वैलरी खरीदना और ज्वैलरी गिरवी रखकर सूद पर नगदी देना भी कारोबार का हिस्सा है। कभी-कभी कुछ लोग चोरी की पुरानी ज्वैलरी लेकर दुकान पर बेचने आ जाते हैं। अनजाने में दुकानदार ज्वैलरी खरीद कर भुगतान कर देता है। बाद में मामला खुलने पर कार्रवाई के साथ ही बदनामी का भी डर रहता है। सुनारों को इस बात की कैसे जानकारी हो सकती है कि बेचने वाला माल कहां से लाया है। ज्वैलरी बेचने वाले के आधार कार्ड की फोटोकॉपी और हस्ताक्षर किया हुआ कागज दुकानदार के पास होता है। इसके बावजूद पुलिस उनका उत्पीड़न करती है मुकदमे लिखे जाते हैं। जिससे उनके साथ कारोबार और परिवार दोनों परेशान होते हैं।
शिकायतें
1. सराफा व्यवसायियों की सुरक्षा को ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं, असलहों के आवेदन निरस्त कर दिए जाते हैं।
2. संकरे सराफा बाजार में अतिक्रमण से निकलना मुश्किल, हर दिन लगता है जाम।
3. सराफा बाजार में शौचालय की नहीं की गई कोई व्यवस्था, महिलाओं को होती सबसे अधिक परेशानी।
4. सराफा व्यापारियों को माल खरीदने में रहता डर अनजाने में चोरी का माल खरीदने पर पुलिस कार्रवाई बनती है परेशानी।
5. जिले में अभी तक कहीं पर शुद्धता चेक करने को हॉल मार्क सेंटर नहीं, बड़े शहरों की दौड़ लगानी पड़ती है।
6. सुरक्षा के नाम पर सराफा में पिकेट ड्यूटी न होने से घटनाओं का डर बना रहता है।
सुझाव
1. सराफा बाजार में सुरक्षा के इंतजामों में की जाए बढ़ोतरी, व्यापारियों को असलहा लाइसेंस में मिले सहूलियत।
2. सराफा बाजार में अतिक्रमण की समस्या पर नगर पालिका को गंभीरता से काम करना चाहिए।
3. बाजार में शौचालय की व्यवस्था करना अति आवश्यक है, स्थायी शौचालय का इंतजाम हो ।
4. शहर में शुद्धता चेक करने के लिए हॉल मार्क सेंटर बनाया जाए ताकि व्यवसायियों को बड़े शहरों की दौड़ न लगानी पड़े।
5. पुरानी ज्वैलरी खरीदने को लेकर ऐसी नीति बनाई जाए जिससे व्यापारियों को कोई परेशानी न हो ।
6. सभी सराफा दुकानों के बाहर प्रशासन अपने स्तर से कैमरे लगवाए।
बोले सर्राफ
बाजार में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों को पानी खरीदकर पीना उनकी मजबूरी है । -अमित वर्मा
सराफा बाजार में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। वाहन खड़ा करने में बड़ी दिक्कत होती है। -सक्षम वर्मा
सराफा बाजार में सुरक्षा व्यवस्था कड़़़ी हो। तभी टप्पेबाजी और चोरी पर अंकुश लगेगा।-सत्य प्रकाश
बाजार में कोई शौचालय नहीं है । इससे ग्राहकों के साथ हम लोगों को भी परेशानी होती है।-चंद्र प्रकाश
बाजार में संकरी गलियों के बावजूद अस्थायी दुकानदारों ने अतिक्रमण फैला रखा है।-श्रवण कुमार
पुराने गहने खरीदने पर कई बार गलती न होने पर भी उत्पीड़न झेलना पड़ता है। राहत मिलनी चाहिए। -वैभव वर्मा
बोले-जिम्मेदार
एडीएम आशीष कुमार सिंह ने बताया कि व्यापारियों की जो समस्याएं हैं उनका समाधान करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। जहां तक बात रही असलहों के लाइसेंस की तो इसपर विचार किया जाएगा। व्यापारियों को सहूलियत मिले इसका जिला प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है। जो समस्याएं निस्तारित हो सकती हैं उन पर काम हो रहा है ।
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