महिला स्वास्थ्य कर्मी के रिश्वत मामले में विभागीय जांच शुरू, नोटिस जारी
गुरसहायगंज में महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा प्रसव के नाम पर रिश्वत लेने का वीडियो वायरल होने के बाद विभागीय जांच शुरू हो गई है। जांच टीम ने महिला स्वास्थ्य कर्मी और प्रसूता के पति को बयान के लिए तलब...
गुरसहायगंज, संवाददाता। प्रसव के नाम पर महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा रिश्वत लिए जाने के मामले में वायरल वीडियो की विभागीय जांच शुरू हो गई है। जांच टीम ने प्रसूता के पति और आरोपित महिला स्वास्थ्य कर्मी को नोटिस जारी करके अभि कथन अंकित कराने के लिए तलब किया है। शुक्रवार की सुबह ग्राम मलिकपुर निवासी एक गर्भवती महिला का प्रसव जीटी रोड गुरसहायगंज स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र में हुआ था। प्रसूता महिला के भतीजे आलोक कुमार द्वारा महिला स्वास्थ्य कर्मी को पैसा देते हुए वीडियो वायरल हो गया। इस संबंध में भतीजे आलोक कुमार का कहना है कि उपकेंद्र पर तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा प्रसव के नाम पर उससे 25 सौ रुपये लिए गए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉ विनोद कुमार ने एसीएमओ/ नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार नाग व एसीएमओ केपी तिवारी को प्रकरण की जांच के लिए टीम बना दी। एसीएमओ डॉ जितेंद्र कुमार नाग ने बताया कि उनके द्वारा मामले की जांच की जा रही है। जांच कार्यवाई आगे बढ़ाने के लिए आरोपित महिला स्वास्थ्य कर्मी और प्रसूता के पति को अभि कथन अंकित कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया की मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सीएमओ को भेजी जाएगी।
जीटी रोड चौराहा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर होने के बाद तकरीबन दो माह पहले स्वास्थ्य केंद्र को बंद करके समस्त स्टाफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरसहायगंज में अटैच कर दिया गया। स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही उपकेंद्र संचालित है। जहां गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का समस्त स्टाफ जब सीएससी में ट्रांसफर कर दिया गया, तो यहां तैनात आरोपित महिला स्वास्थ्य कर्मी को सीएचसी न भेज कर उपकेंद्र के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। जबकि कुछ महीने पहले ही आरोपित महिला स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति पीएचसी पर हुई थी। चर्चा है कि आरोपित महिला स्वास्थ्य कर्मी को सीएससी में अटैच न करके कुछ महीने बाद ही उपकेंद्र पर कैसे स्थानांतरित कर दिया गया। इस बात की चर्चा भी लोगों में देखी जा रही है। एमओआईसी का कहना है कि जो भी आदेश है वह सीएमओ आफिस से हुआ है।
इनसेट---
इस प्रकरण की जांच सीएमओ स्तर से की जा रही है। उन्हें विभागीय अधिकारी जैसा आदेश करेंगे उसका पालन कराया जाएगा। फिलहाल आरोपित महिला स्वास्थ्य कर्मी को उपकेंद्र के प्रसव कर से हटा दिया गया है।
-डॉ कुमारिल मैत्रेय, एमओआईसी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।