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इंदरगढ़ में नहीं मिल रही डीएपी, परेशान घूम रहे किसान

इंदरगढ़ में किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हैं। तीन घंटे सोसाइटी पर बैठने के बावजूद भी उन्हें डीएपी नहीं मिली। किसानों का कहना है कि जब तक डीएपी नहीं मिलेगी, वे एनपीके नहीं लेंगे। समिति के सचिव ने बताया...

Newswrap हिन्दुस्तान, कन्नौजSat, 23 Nov 2024 11:06 PM
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इंदरगढ़, संवाददाता। साधन सहकारी समिति इंदरगढ़ में डीएपी खाद के लिए किसान परेशान है। घण्टो सोसाइटी पर बैठने के बावजूद भी किसानों को डीएपी नहीं मिल रही है। डीएपी के बदले एनपीके खाद्य दिए जाने की बात कही जा रही है। पर किसानों का कहना है कि जब डीएपी मिलेगी, तभी साथ में ही एनपीके लेगें। क्योंकि खेत में उपज के दौरान डीएपी व एनपीके का मिश्रण डाला जाता है। डीएपी न मिली, तो एनपीके बेकार हो जाएगी। उधर साधन सहकारी समिति के सचिव विद्याराम व अध्यक्ष विकास पटेल का कहना है कि समिति पर सिर्फ 300 बोरी डीएपी आई थी। जिसको मानक के अनुसार 154 किसानों को वितरित कर दी गई है। अब स्टाक में डीएपी नहीं है। डीएपी के लिए डिमाण्ड भेजी गई है। खाद आने पर ही किसानाें को डीएपी मिल सकेगी।

तीन घण्टे इंतजार के बाद भी नहीं मिली डीएपी

कन्हईपुर्वा गांव के किसान सत्येन्द्र कुमार का कहना है कि वह डीएपी लेने के लिए शनिवार को सोसाइटी पहंुचे। करीब तीन घण्टे तक सोसाइटी पर बैठे रहे। सचिव ने ढं़ग से बात भी नहीं की। तीन घण्टे बाद बताया कि स्टाॅक नहीं है। जब खाद आएगी, तभी मिल पाएगी।

तीन दिनों से मायूस होकर लौट रहे वापस

इंदरगढ़। नईबस्ती गांव निवासी दलबीर सिंह ने बताया कि उन्होने दो एकड़ खेत में गेंहू की फसल बोई है। जिसके लिए उनको डीएपी की जरूरत हैं। पिछले तीन दिनों से सोसाइटी आकर वापस लौट रहे है। उन्हे डीएपी नहीं मिल पा रही है।

काफी इंतजार के बाद मिल रही मात्र एनपीके

इंदरगढ़। पूराराय गांव निवासी माया देवी का कहना है कि शनिवार को डीएपी लेने के लिए वह सोसाइटी गई थी। काफी इंतजार के बाद सचिव ने बताया कि डीएपी नहीं है। एनपीके ले जाओ। इसपर उन्होने मना कर दिया। कहा कि खेत में डीएपी और एनपीके मिलाकर डाली जाती है। सिर्फ एनपीके ले जाकर वह क्या करेगीं

खुले मार्केट में भी ब्लैक हो रही डीएपी

इंदरगढ़।इंदरगढ़ निवासी किसान उमेश मिश्रा का कहना है कि उन्होने अपने चार एकड़ खेत में गेंहू व आलू की फसल बोई है। इसके लिए उन्हे खाद की जरूरत है। सोसाइटी पर खाद नहीं मिल रही है। खुले मार्केट में भी डीएपी का अभाव है। जिस कारण उनकी फसल प्रभावित हो रही हैं।

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