बर्खास्त सिपाही के आतंक से दहशत में थे ग्रामीण
बर्खास्त सिपाही ने छोटी सी बात पर अपने छोटे भाई पर चाकू से वार करके उसे मार डाला। आरोपी का गांव में आतंक था, जिससे लोग पुलिस में शिकायत करने से कतराते थे। घटना के बाद गांववाले राहत की सांस ले रहे हैं।
तिर्वा, संवाददाता। बर्खास्त सिपाही ने छोटी सी बात पर चाकू से ताबड़तोड़ वारकर अपने छोटे भाई को मौत के घाट उतार दिया। खून के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी है। लोगों ने बताया कि आरोपी का गांव में आतंक था। उसके आतंक से सभी दहशतजदा थे। इसी कारण डर से पुलिस से शिकायत करने में भी कतराते थे। मढ़पुरा गांव निवासी दुर्गा नारायण मिश्रा के पांच बेटे थे। सन् 1989 में उसका पुत्र लोकबन्ध मिश्रा पुलिस में सिपाही की पद पर भर्ती हुआ था। पुलिस में होने के कारण उसके संबंध चंदन तस्करों से हो गए थे। जल्द ही करोड़पति बनने के लालच में उसने भी चंदन की तस्करी का कारोबार शुरू कर दिया थी। पुलिस को भी उसकी गतिविधियों की भनक लग गई थी। इससे उसकी गतिविधियों पर निगाह रखी जाने लगी। आखिरकार, चंदन की तस्करी के आरोप में उसे पुलिस ने जेल भेज दिया। इसके बाद विभाग ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया। जेल से छूटने के दो वर्ष पहले वह अपने घर पर गया। उसकी कार्यशैली से नाराज पत्नी निर्मला देवी ने भी उससे किनारा कर लिया। वर्ष 2011 में वह बच्चों को लेकर मायके चली गई। इधर, गांव में रहकर लोकबंध शराब, गांजा व अफीम का आदी हो चुका था। आए दिन गांव के लोगों से झगड़ा किया करता था और पुलिस का रौब दिखाता था। लोगों से कहता था कि एक दिन वह फिर पुलिस में वापस चला जाएगा। इस नाते गांव के लोग उसकी शिकायत करने में भी कतराते थे। शुक्रवार रात उसने खून से कलंकित करने वाली घटना कर डाली। छोटी सी बात को लेकर उसने अपने छोटी भाई को मौत के घाट उतार दिया। दबी जुबान से गांव के लोगों का कहना है कि उसके जेल जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
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