स्टैंड और पार्किंग नहीं तो फिर ये वसूली क्यों ?
Kannauj News - कन्नौज में लगभग 4000 ई-रिक्शा संचालित हैं, लेकिन चालकों को अवैध वसूली और पार्किंग की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई चालकों ने कहा कि नगर पालिका द्वारा बिना पार्किंग के उनसे पैसे वसूले...
कन्नौज। जिले में करीब 4000 ई-रिक्शे संचालित हैं। आवागमन का प्रमुख साधन बन चुके इन ई-रिक्शा चालकों को तमाम तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है । अवैध वसूली और बदसलूकी झेलते हुए परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ लिए ये सब सहन करने को मजबूर हैं। इतनी बड़ी तादाद में ई-रिक्शा होने के बाद भी इनके लिए पार्किंग और स्टैंड का स्थान चिह्नित नहीं है। जी रोटी के लिए नाते-रिश्तेदार या बैंक से कर्ज लेकर ई-रिक्शा खरीदा हो या फिर किराये पर लिया हो। सर्दी-गर्मी और बारिश के बीच हर दिन इन्हें अपना और अपने परिवार का पेट भरने के साथ बैंक की किस्त भरने और वाहन मालिक को किराया अदा करने की चिंता रहती है। इन सबके बीच ई-रिक्शा चालकों को लोगों की गालियों और पुलिस के डंडों से बढ़ती दुश्वारियों से भी पार पाने की चुनौती होती है। ई-रिक्शा चालकों ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में अपनी पीड़ा खुलकर बयां की। कैलाश ने कहा कि जब हमारे लिये स्टैंड और पार्किंग की सुविधा नहीं है तो फिर ई-रिक्शा चालकों से नगर पालिका लिखी रसीद देकर ये अवैध वसूली क्यों और किस बात की। इस पर रोक लगनी चाहिए। शहर में रोजाना संचालित होने वाले ई-रिक्शा की संख्या करीब 600 है। वहीं जिले में 4000, पर ई-रिक्शा रजिस्टर्ड सिर्फ 1883 हैं। यह ई-रिक्शा शहर के सरायमीरा, तिर्वा क्रॉसिंग और लाखन तिराहा पर बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं। इन इलाकों से सवारियां लेकर दिन भर इनका आवागमन बना रहता है। ई-रिक्शा चालकों ने कहा कि उद्योग विभाग से स्वरोजगार योजना का लाभ लेते हुए अब पढ़े-लिखे बेरोजगार भी कर्ज लेकर ऑटो-रिक्शा चलाने लगे। इससे शहर में अधिक ई-रिक्शा हो गए हैं। पहले दिनभर में अच्छी कमाई हो जाती थी पर अब हालात बदल गए हैं। चालक राहुल ने बताया कि सभी इलाकों में ई -रिक्शा चालकों से रोजाना 20 रुपये की वसूली की जा रही है। इस वसूली के लिए बकायदे पालिका की एक रशीद काट कर दी जाती है । जिस पर पालिका का पड़ाव और पार्किंग शुल्क का जिक्र होता है, जबकि शहर में ई- रिक्शा के लिए न तो कोई पार्किंग निर्धारित की गई है और न ही कोई अड्डा पालिका के पास है। ऐसे में इन लोगों से रसूख और दबंगई के चलते जबरन वसूली की जा रही है । ऐसा नहीं है कि इस मसले की जानकारी किसी को नहीं है बावजूद इसके इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है । ई-रिक्शा चालक अजीम ने बताया कि हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या अवैध वसूली की है। नगर पालिका की फर्जी रशीद छाप कर कुछ लोग पार्किंग और पड़ाव के नाम पर रोजाना हमसे 20 रुपये की वसूली करते हैं । जबकि पालिका के पास न तो कोई पार्किंग है और न ही कोई वैध अड्डा है। बावजूद इसके ई -रिक्शा चालकों से शहर में अलग -अलग इलाकों में वसूली की जा रही है । चालकों ने बताया कि रोजाना शहर की सड़कों पर कहीं होमगार्ड के जवान इन्हें धमकाते हैं। कई इलाकों में सवारियां भरने के एवज में वसूली करते हैं। शहर में जाम लगने पर भी ई- रिक्शा चालकों को ही जिम्मेदार माना जाता है ।
जाम किसी भी कारण से लगे जिम्मेदार हम होते हैं
चालक मोहित ने बताया कि मुख्य मार्ग पर सबसे अधिक जाम रोडवेज बस से लगता है। बावजूद इसके चालान ई -रिक्शा का काटा जाता है। दिन भर मेहनत करने के बाद शाम तक 400 से 500 की कमाई कर पाते हैं। अधिकतर लोगों की गाड़ियां बैंक लोन पर होती हैं। एक महीने की किस्त 7 से 8 हजार रुपये आती हैं। हमें रियायत मिलना चाहिए। शहर में संचालित ई-रिक्शा चालकों को हर कदम चालान का खतरा बना रहता है। रिक्शा चालकों का कहना है कि शहर में कहीं भी जाम लगे तो इसके लिए सबसे पहले ई-रिक्शा चालकों को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
शिकायतें
1. शहर में ई-रिक्शा चालकों के लिए कोई ऐसा स्थान निर्धारित नहीं किया गया है जहां बैठा जा सके। और न ही कोई पार्किंग है।
2. जरा सी चूक होने पर ट्रैफिक पुलिस चालान काट देती है, इतना ही नहीं बदसलूकी और गाली गलौज भी सहन करना पड़ता है इससे काफी परेशानी होती है।
3. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए काफी परेशानी होती है। बिना घूस दिए लाइसेंस बनवाना कठिन है। हर बार कोई न कोई कमी बता दी जाती है ।
4. शहर में न तो कोई पार्किंग है और न ही कोई वैध अड्डा है। बावजूद इसके अवैध वसूली की जा रही है।
5. अधिकतर ई-रिक्शा लोन पर खरीदे गए हैं। एक-दो किस्त बकाया होने पर गाड़ी खींच ले जाते हैं।
सुझाव
1. पालिका को शहर में ई-रिक्शा स्टैंड और पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि किसी को भी अवैध वसूली का शिकार न होना पड़े।
2. महज टारगेट पूरा करने के लिए बेवजह चालान की व्यवस्था बन्द हो। साथ में ई-रिक्शा चालकों के साथ अभद्रता और बदसलूकी भी न हो ।
3. ई -रिक्शा चालकों को लाइसेंस दिलाने में आसानी होनी चाहिए। आरटीओ कार्यालय की ओर से कैंप लगाकर चालकों का लाइसेंस बनवाना चाहिए।
4. ई-रिक्शा चालकों के लिए रूट निर्धारित किया जाए इसके साथ ही अवैध वसूली पर रोक लगनी चाहिए।
5. जिले में ई-रिक्शा चालकों की यूनियन होनी चाहिए। ताकि किसी भी समस्या पर ई-रिक्शा चालकों की बात मजबूती से उठाई जा सके।
बोले ई-रिक्शा चालक
बैंक से कर्ज लेकर ई-रिक्शा निकलवाई है। किस्त बकाया होने पर फाइनेंस कंपनी वाले गाड़ी खींच ले जाते हैं। - राहुल
शहर में अवैध रूप से रशीदें कटवाई जा रही हैं। रुपये देने से मना करो तो मारपीट करने लगते हैं। -कैलाश
ई-रिक्शा चालकों के लिए कोई स्टैंड नहीं है न ही कोई पार्किंग की व्यवस्था है। कहीं खड़े हो गए तो भगा दिया जाता है। -अजीम
ई -रिक्शा चालकों के साथ बात-बात पर गाली गलौज की जाती है। पुलिसकर्मी भी अभद्रता पर उतर आते हैं। -बादल
हमारी समस्या पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता है। इसकी वजह साफ है कि ई रिक्शा चालकों की कोई यूनियन नहीं है। - अनमोल
पालिका की फर्जी रशीद छाप कर कुछ लोग पार्किंग और पड़ाव के नाम पर रोजाना हमसे 20 रुपए की वसूली करते हैं । -अरुण
बोले जिम्मेदार
यातायात प्रभारी आफाक खान ने बताया कि शहर की यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती जरूरी है। ई-रिक्शा चालक बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े करते हैं। इस वजह से उन्हे वहां से हटाया जाता है। रही बात रुपयेे लेने की तो यातायात पुलिस वाहन चालक से रुपये नहीं वसूलती। अगर ऐसा है तो इसकी जांच करेंगे।
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