एक साल बाद का बनाया मृत्यु प्रमाण पत्र, किए फर्जी हस्ताक्षर
छिबरामऊ में एक मृत्यु प्रमाण पत्र में 18 जून 2025 की तिथि दर्ज है, जबकि शपथ पत्र में 18 जून 2024 की तिथि है। इसमें ग्राम प्रधान और अन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, जबकि ग्राम रोजगार सेवक की तैनाती...
छिबरामऊ, संवाददाता। विकास खंड मुख्यालय पर इस समय एक मृत्यु प्रमाण पत्र खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, प्रमाण पत्र में मृत्यु की तिथि 18 जून 2025 दर्शाई गई है। वहीं, शपथ पत्र में इसकी तिथि अलग है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रमाण पत्र में ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा और कोटेदार समेत ग्राम रोजगार सेवक के हस्ताक्षर हैं, जबकि रोजगार सेवक की गांव में पिछले कई वर्षों से तैनाती ही नहीं है। इसके बावजूद भी आवेदन पत्र में उसके हस्ताक्षर हैं। हालांकि, ग्राम सचिव ने जांच के बाद आवेदन को निरस्त कर दिया। ग्राम पंचायत प्रेमपुर के मजरा नगला बाउरी निवासी शिवेंद्र कुमार शाक्य ने अपनी मां विद्यादेवी का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन किया। इसमें विद्यादेवी की मृत्यु की तिथि 18 जून 2025 दर्ज है, जबकि उनके द्वारा दिए गए शपथपत्र में मृत्यु की तिथि 18 जून 2024 लिखी है। इस आवेदन पत्र में ग्राम प्रधान पुष्पेंद्र कुमार ने 3 अक्तूबर 2024 को हस्ताक्षर किए हैं। वहीं, इसी तिथि में आंगनबाड़ी कार्यकत्री गीता मिश्रा, कोटेदार अंतराम, आशा राममूर्ति के अलावा ग्राम रोजगार सेवक के भी हस्ताक्षर हैं। जब यह आवेदन पत्र ग्राम पंचायत सचिव बन्नाम सिंह के पास पहुंचा और उन्होंने आवेदन पत्र की जांच की तो उनके होश उड़ गए। आवेदन पत्र में लिखी तिथि वर्ष 2025 की देख उनके कान खड़े हो गए। फिर उन्होंने बारीकी से उसकी जांच की तो पता चला कि प्रधान समेत अन्य जिम्मेदारों ने बिना देखे ही गैर जिम्मेदार ढंग से अपने हस्ताक्षर किए हैं। इतना ही नहीं, इस आवेदन पत्र में ग्राम रोजगार सेवक के भी हस्ताक्षर हैं, जबकि वहां काफी समय से रोजगार सेवक की तैनाती ही नहीं है। फिलहाल, उन्होंने आवेदन पत्र को फर्जी मानते हुए उसे निरस्त कर दिया।
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