एमबी से पहले भुगतान का मामला फिर गरमाया
विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत खोजीपुर एक बार भी चर्चा में आ गई है। दरअसल यहां बिना एमबी के भुगतान का मामला फिर से गरमा गया
छिबरामऊ, संवाददाता। विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत खोजीपुर एक बार भी चर्चा में आ गई है। दरअसल, यहां बिना एमबी के भुगतान का मामला फिर से गर्मागया है। पिछले दिनों इस मामले में कंसल्टिंग इंजीनियर को नोटिस जारी किया गया था। उसका साक्ष्यों के साथ स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने जांच कमेटी को ही संदेह के घेरे में लेते हुए कई बिंदुओं पर सवाल खड़े किए। विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत खोजीपुर इस समय काफी चर्चा में चल रही है। दरअसल, पिछले दिनों यहां रामसनेही के घर से प्यारेलाल के घर तक इंटरलॉकिंग का कार्य हुआ था। कार्य पूरा भी नहीं हुआ और उसकी एमबी भी नहीं हुई थी। इसके बाद भी सचिव द्वारा 2 लाख 22 हजार 982 रूपये का आहरण कर लिया गया। यह मामला शिकायत के बाद गठित की गई कमेटी की जांच में निकल कर आया, जिसकी बीडीओ को आख्या रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई थी। इस मामले में बीडीओ दीपांकर आर्य ने कंसल्टिंग इंजीनियर निशी वर्मा को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। कंसल्टिंग इंजीनियर द्वारा जो स्पष्टीकरण दिया गया है, उसमें जांच कमेटी के साथ-साथ कई अन्य बिन्दुओं पर भी तमाम सवाल खड़े किए गए हैं। उनका कहना है कि जांच रिपोर्ट समिति द्वारा 06 नवंबर को प्रस्तुत की गई, जबकि उनके द्वारा पहली एमबी 7 नवंबर को की गई। 30 अक्टूबर तक कोई एमबी नहीं की गई थी। जब उन्होंने 7 नवंबर को एमबी की, तो कारण बताओ नोटिस में 27 अगस्त दर्शाई गई। एमबी की तिथियों में अतिलेखन किया गया है। 27 अगस्त को की गई अन्य कार्यों की स्टाक एमबी प्यारेलाल के घर से मंदिर तक है। जिसको दिखाकर जांच को भ्रमित किया गया है।
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