हुनर को दें हिफाजत की गारंटी..फिर देखें कमाल
Kannauj News - कन्नौज में ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन युवतियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सुरक्षा की कमी, प्रशिक्षण की कमी और जाम जैसी समस्याएं उनके करियर को प्रभावित कर...
कन्नौज। शृंगार किसी भी महिला-युवती की प्राथमिकता होती है। तीज त्योहारों या शादी समारोह आदि में उनकी इस ख्वाहिश को हम बखूबी पूरा करते हैं। यह एक तरह की कला है, जिसमें हमें महारत हासिल है, लेकिन छेड़छाड़ जैसी कुछ जटिल समस्याएं ऐसी हैं, जो हमारे काम में अक्सर रोड़ा बनती हैं। इस काम में अपना कॅरियर बनाने वाली युवतियां कोर्स पूरा करने और कुछ दिन काम करने के बाद आगे नहीं बढ़ पाती क्योंकि परिजन माहौल को भांपते हुए उन्हें मना कर देते हैं। आते-जाते शोहदों की फब्तियां और अभद्र भाषा इन्हें आए दिन झेलनी पड़ती है, रास्ते में गुहार लगाएं तो किससे, पुलिस की गश्त होती नहीं है। शादी-ब्याह हो या तीज-त्योहार। खूबसूरत नजर आना हर महिला की पहली पसंद होती है। आकर्षक दिखने के जुनून ने ब्यूटी पार्लर स्टार्टअप को शहर से लेकर गांवों तक फैला दिया है। हर साल कई महिलाएं इस प्रोफेशन से जुड़ रही हैं, लेकिन कॅरियर नहीं बना पा रहीं क्योंकि ब्यूटी पार्लर के बाहर शोहदों का जमावड़ा अक्सर लग जाता है और इसकी भनक परिजनों को लगती है तो वे काम पर जाने से साफ मना कर देते हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा करते हुए इन ब्यूटीशियन ने अपना दर्द बयां किया । ब्यूटी पार्लर संचालिका पूनम ने कहा कि हमारे हुनर को सुरक्षा मिले तो हम बहुत आगे तक जा सकते हैं। अर्चना बोलीं पुलिस को सहालग के समय गलियों में भी गश्त करनी चाहिए।आधुनिकता की दौड़ में साज सज्जा को खास तरजीह दी जाती है। खास कर महिलाओं में सौंदर्य प्रसाधन को लेकर खासा क्रेज दिखता है। शादी पार्टी हो या फिर कोई विशेष अवसर या पर्व, महिलाएं सजने संवारने के लिए पार्लरों का रुख करती हैं। यही वजह है कि बीते कुछ सालों में ब्यूटी पार्लर कारोबार तेजी से विकसित हुआ है। कन्नौज में शहर और कस्बों को मिलाकर छोटे बड़े करीब 250 ब्यूटी पार्लर संचालित हैं। इन पार्लर संचालकों और ब्यूटीशियन की कई समस्याएं भी हैं जो इनकी प्रोफेशनल और व्यक्तिगत लाइफ में दुश्वारियां खड़ी कर रही हैं। जिले में खासकर बाजारों का जाम और अतिक्रमण से लेकर सुरक्षा व्यवस्था का मसला अहम है। इसके अलावा बाजार में डुप्लीकेट प्रोडक्ट और ऑनलाइन शापिंग भी ब्यूटीशियन के काम को प्रभावित कर रही है। पूजा ने बताया कि शहर हो या कस्बा या फिर गांव आज महिलाओं में ब्यूटी पार्लर को लेकर क्रेज छाया हुआ है। दुल्हन का श्रृंगार हो या फिर घर परिवार में कोई उत्सव या कार्यक्रम महिलाएं पार्लर का रुख करती हैं। संचालिका पारुल ने बताया कि बीते कुछ सालों में पार्लर का व्यवसाय महानगरों से होकर छोटे शहरों और कस्बों में भी तेजी से विकसित हुआ है। हालांकि पहले की अपेछा अब पार्लर संचालन करने वाली ब्यूटीशियन को कुछ समस्याएं भी पेश आने लगी हैं। शहर की बात करें तो यहां चूड़ी वाली गली और मुख्य बाजार को मिलाकर गलियों तक में पार्लर संचालित हैं। शहर में छोटे-बड़े करीब 50 पार्लर संचालित हैं। वहीं छिबरामऊ में भी 50 के करीब पार्लर संचालित हैं। पूरे जिले की बात करें तो कस्बों सहित करीब 250 छोटे बड़े पार्लर संचालित हैं। इन पार्लरों में काम करने वाली ब्यूटीशियन और उनकी सहायकों को मिलाकर करीब 1000 महिलाएं इस व्यवसाय से जुड़ी हैं। पार्लर संचालिका रीना ने बताया व्यापार पर असर डालने वाला सबसे बड़ा मसला शहर की तंग गलियों में रोजाना लगने वाला जाम है। जाम के चलते महिलाएं खासकर मेकअप के लिए आने वाली दुल्हन यहां तक आने में परहेज करती हैं।
शिकायतें
1. ट्रेनिंग न मिलने के कारण युवतियों को सही प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। इससे ट्रेंड स्टाफ नहीं मिल रहा है।
2. ऑनलाइन खरीदारी में कई बार ठगी होती है।
3. सुरक्षा ऐसी हो कि सड़क पर किसी भी समय निकलने पर किसी तरह का डर न रहे, हम देर रात तक काम कर सकें।
4. ट्रेंड स्टाफ की कमी के चलते शादी-ब्याह के सीजन में कई तरह की दिक्कतें होती हैं।
5. गांव-गली और चौराहों पर पार्लर खुल गए हैं। इससे व्यवसाय पर असर पड़ा है।
6. सौंदर्य के उत्पाद जीएसटी की वजह से महंगे मिलते हैं, इसके एवज में ग्राहक से रुपये नहीं मिलते।
सुझाव
1. कॉस्मेटिक सामान पर जीएसटी की दरें कम हों। महंगे सामान खरीदकर सस्ती सर्विस देना मुश्किल हो रहा।
2. शादी के सीजन में देर रात तक पुलिस को खास तौर पर गलियों में गश्त बढ़ानी चाहिए।
3. बाजार में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय बनाए जाएं
4. तमाम शहरों में कैब की सुविधा है लेकिन जिले में अभाव है, कैब चलने से सुरक्षा बढ़ेगी और समस्या नहीं होगी।
5. महिला पुलिस नियमित रूप से पार्लर और प्रशिक्षण संस्थानों का निरीक्षण करें।
6. ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएं, जिससे इस प्रोफेशन में ट्रेंड स्टाफ की कमी दूर हो सके।
बोलीं ब्यूटीशियन
बाजार में ऑनलाइन और नकली प्रोडक्ट की बाढ़ आई है। इसमें ठगी भी हो जाती है। इससे त्वचा को नुकसान पहुंचता है। -पूजा
शहर से लेकर कस्बों तक ब्यूटी पार्लर खुल गए हैं। ऑनलाइन सर्विस से भी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है। -अर्चना शाक्य
पार्लरों में अप्रशिक्षित युवतियां काम कर रही हैं। ट्रेनिंग सेंटर से काम सीख कर आएं तो काम भी ठीक होगा।-रंजू सिंह लकी
शहर में अच्छे ट्रेनिग सेंटर न होने से युवतियों को प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। इससे ट्रेंड स्टाफ की भी कमी है। -वंदना वर्मा
महिला उद्यमियों के लिए योजनाएं तो हैं पर सही जानकारी न होने से लाभ नहीं मिल पाता, कैंप लगा जानकारी दी जाए। -लक्ष्मी पांडेय
बोले जिम्मेदार
महिला थाना प्रभारी विनीता सारथी कहा कि शहर में जिन इलाकों में ब्यूटी पार्लर की संख्या अधिक है वहां ड्यूटी बढ़ा दी जाएगी। खासतौर से सहालग के दिनों में ब्यूटी पार्लरों के आसपास पुलिस तैनात रहेगी। अगर किसी भी महिला को रास्ते में कोई दिक्कत होती है तो वह पुलिस को जानकारी दे सकती है। -
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