तेज रफ्तार स्लीपर बसों से हो रहे अधिकतर हादसे
Kannauj News - सौरिख में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार स्लीपर बसों के कारण कई हादसे हुए हैं। पिछले एक साल में रोडवेज बसों से केवल एक दुर्घटना हुई है। स्लीपर बसें यातायात नियमों की अनदेखी कर रही हैं, जिससे कई...
सौरिख, संवाददाता। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सबसे ज्यादा हादसे तेज रफ्तार से फर्राटा भरने वाली स्लीपर बसों से हुए हैं। जबकि पिछले एक वर्ष में यदि हादसों पर नजर डाली जाए, तो सौरिख और सकरावा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रोडवेज बस से मात्र एक दुर्घटना हुई है। इसके पीछे रोडवेज बसों का संतुलित गति से चलना बताया जा रहा है। जबकि स्लीपर बसों से ओवर स्पीड के चलते कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और कई लोगों की जान भी जा चुकी है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के पैकेज नंबर 3 में किलोमीटर 137 पर 15 दिसंबर 23 को अयोध्या डिपो की रोडवेज बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। यह हादसा तब हुआ था जब चालक बस को खड़ा कर सवारियां उठा रहा था। तभी पीछे से आए टैंकर ने बस में टक्कर मार दी थी। हादसे में चार लोग घायल हुए थे। जबकि इसके विपरीत आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर स्लीपर बसेंं लंबा सफर कम समय में तय करने के लिए यातायात के नियमों की पूरी तरह अनदेखी करते हैं। जिसकी वजह से कई दुर्घटना हो चुकी हैं। उन हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि तमाम घायल हो चुके हैं। एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा कर्मियों की माने तो प्राइवेट बस चालक यातायात के नियमों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से बसों को ओवर स्पीड में चलाते हैं। कर्मियों का कहना है कि मध्य डिवाइडर से पहली लाइन ओवरटेक के लिए बनाई गई है। दूसरी लाइन 100 किलोमीटर की स्पीड से चलने वाले वाहनों के लिए है। वहीं तीसरी लाइन 80 किलोमीटर की स्पीड से चलने वाले वाहनों के लिए बनाई गई है। जबकि प्राइवेट बस चालक जल्दी दूरी तय करने के चक्कर में ओवरटेक लाइन में बसों को ओवर स्पीड से भगाते हैं। जिसके चलते अक्सर हादसे हो जाते हैं। जबकि इन नियमों का पालन कराने के लिए चालकों को आगरा के किलोमीटर 21 एवं लखनऊ के किलोमीटर 290 पर जागरूक किया जाता है। इसके बावजूद चालक यातायात के नियमों की लगातार धज्जियां उड़ा रहे हैं।
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