नौकरी-पेंशन सब चली जाएगी, वोटरों को रोकने पर अखिलेश यादव का अधिकारियों पर फूटा गुस्सा
यूपी उपचुनाव की वोटिंग के दौरान मतदाताओं को रोकने की खबरें और वीडियो सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बेहद आक्रोशित हो गए। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
यूपी उपचुनाव की वोटिंग के दौरान मतदाताओं को रोकने की खबरें और वीडियो सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बेहद आक्रोशित हो गए। अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि भाजपा बेईमानी से चुनाव जीतना चाहती है। चुनाव में गड़बड़ी कराने में जो पुलिस अधिकारी लिप्त हैं। उनके नाम और पदनाम की सपा सूची बना रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। कोर्ट का फैसला इन बेईमानों के खिलाफ जाएगा। इनकी नौकरी, पेंशन, पीएफ सब जाएगी, इनकी बच्चों, परिवार और रिश्तेदारों में इज्जत भी जाएगी। जनता ऐसे अधिकारी को कैसे देखेगी बताने की जरूरत नहीं है। मीरापुर के वोटर कार्ड छीनने वाले अधिकारी की मैं खुद जानकारी करूंगा।
अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना कहा कि दिल्ली और दोनों डिप्टी सीएम इनके खिलाफ हैं। वो अपना सिंहासन बचाने के लिए लड़ रहे हैं लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद सपा प्रदेश की सभी नौ सीटों को जीतने जा रही है। स्थिति यह है कि एक भी विधायक मुख्यमंत्री के पक्ष में नहीं है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा वोट से नहीं खोट से जीतना चाहती है। भाजपा के इशारे पर पुलिस अपनी ड्यूटी न कर कार्यकर्ता की तरह काम करती हुई नजर आई। सपा समर्थकों को वोट डालने से रोकने के लिए दबाव बनाया गया। पुलिस मतदाताओं का कार्ड नहीं चेक कर सकती, इसके बाद भी इसे चेक करने के बहाने से उन्हें रोका गया।
सुबह से ही सक्रिय हो गए अखिलेश
सपा मुखिया बुधवार की सुबह मतदान शुरू होते ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए। रह-रह कर वह सोशल मीडिया पर अपनी बात कहते रहे। मतदाताओं को वोट डालने के लिए जागरूक करते रहे। उन्होंने मीरापुर विधानसभा सीट की ककरौली हो या इब्राहीमपुर का मामला सोशल मीडिया पर उठाया। वह कहते रहे जिनको वोट डालने से रोका गया वो वापस जाकर वोट डालें।
उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से बात होने के बाद वीडियो और फोटो सबूतों के आधार पर भ्रष्ट और पक्षपाती पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बाकी अन्य दोषी भी निलंबित होने वाले हैं। इसलिए बेखौफ होकर लाइन में लग जाएं।
उन्होंने पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा प्रशासन पर सपा समर्थकों को वोट देने से रोकने के लिए दबाव बना रही है। इसीलिए सपा समर्थकों को वोट करने से रोका जा रहा है। अधिकारी लोगों को वोट नहीं करने दे रहे हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि पुलिसकर्मी मतदाताओं के कार्ड नहीं चेक कर सकते हैं, फिर भी इसे चेक करने के बहाने से उन्हें वोट देने से रोका गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के दोनों इंजन आमने-सामने आ गए हैं। इसलिए इन चुनाव में बेईमानी हो रही है। सपा मुखिया ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लगता है कि चुनाव आयोग की इंद्रिया काम नहीं कर रही हैं। इन लोगों को न तो कुछ दिखाई दे रहा है और न ही सुनाई दे रहा है।