निस्वार्थ श्रद्धा ही भक्ति : महाराज
Jhansi News - झांसी (मऊरानीपुर), संवाददाताग्राम पंचायत घाटकोटरा स्थित प्राचीन कारखदेव मंदिर परिसर में चल रही भागवत कथा पुराण में पं. आनंद भूषण महाराज ने कहा कि कि
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झांसी (मऊरानीपुर), संवाददाता ग्राम पंचायत घाटकोटरा स्थित प्राचीन कारखदेव मंदिर परिसर में चल रही भागवत कथा पुराण में पं. आनंद भूषण महाराज ने कहा कि किसी के प्रति निस्वार्थ श्रद्धा ही भक्ति है। जिससे ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या का भाव जब हृदय में जागृत हो जाता है तो वही ज्ञान है तथा संसार असार है।
उन्होंने कहा कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य को देनेवाली है। यह जानने के पश्चात जो भाव जागृत होते है उसे वैराग्य कहा जाता है। समाज को सिर्फ मौखिक उपदेश देने से परिवर्तन नही होता है हमें अपने कृतित्व से अर्थात करके समाज को दिखाना होगा तभी परिवर्तन सम्भव है। सती चरित्र की कथा में उन्होंने कहा कि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। अहंकार के कारण ही प्रजापति दक्ष का शिरच्छेद हुआ था। माताओं बहनों को संदेश देते हुए कहा कि आपने पति साक्षात् शिव है और अविश्वास करके वन-वन भटकने वाले भगवान नही हो सकते। माता सती ने श्रीराम की परीक्षा ली जिससे पति वियोग का संताप सहा। पति और पत्नी का संबंध विश्वास पर टिका होता है इसे तोड़ने का अधिकार किसी को भी नही है। कथा में श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है। पुराण की आरती यजमान साधना संदीप सिंह परिहार ने उतारी। इस दौरान भीकम सिंह परिहार, सुरेन्द्र सिंह, नरेंद्र सिंह गौर, रघुबीर सिंह, सुदर्शन सिंह, रक्षपाल सिंह, राजू सिंह, चंद्रपाल सिंह, रामदास रायकवार, रामकुमार रैकवार, भागीरथ कुशवाहा, पजन कुशवाहा, केशव कुशवाहा, दिनेश पाल, हरदयाल, रामदास राय, कैलाश पाल, कनई कुशवाहा, दिनेश पाल, विनोद राय, श्रृंगार सिंह भदौरिया, प्रहलाद सिंह गौर, गनेश सोनी, जगेनद्र सिंह, आंनद सिंह, योगेन्द्र सिंह, छोटे सिंह मौजूद रहे।
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