किसानों को आलू के उन्नत बीजों का किया वितरण
वैज्ञानिक बोले आलू की कर सकते है अच्छी पैदावार फोटो नंबर 12 केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को बीज बांटते हुए। झांसी,संवाददाताबुन्देलखंड में
वैज्ञानिक बोले आलू की कर सकते है अच्छी पैदावार फोटो नंबर 12 केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को बीज बांटते हुए।
झांसी,संवाददाता
बुन्देलखंड में भले ही आलू की पैदावार कम होती है पर किसानों को प्रेरित करने के लिए आलू का बीज बांटा गया। जानकारों ने कहा कि आलू की पैदावार से किसान अच्छी कमाई्र कर सकते है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली - केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान-क्षेत्रीय केंद्र, मोदीपुरम, मेरठ के द्वारा वित्त पोषित अनुसूचित जाति परियोजना के अन्र्तगत 20 चयनित कृषकों को आलू की उन्नत प्रजाति का बीज रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी में दिया गया। कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह के निर्देशन में रबी सीजन में कृषि विवि द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के उद्धेश्य से विभिन्न उन्नत प्रजाति के बीज किसानों को वितरण किया।
इसी श्रृंखला में जिला झांसी के ग्राम बेहठा, भदरवारा व धायपुरा के 20 अनुसूचित जाति के चयनित किसानों को आलू की उन्नत प्रजाति कुफरी गंगा का बीज अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने दिया। उन्होंने बताया कि कुफरी गंगा एक मध्यम परिपक्कता वाली, मुख्य मौसम व उच्च उपज देने वाली आलू की उन्नत किस्म है, जो उत्तर भारतीय मैदानों में खेती के लिए उपयुक्त है।
इसके अर्ध-संकुचित और लंबे पौधे होते हैं। यह किस्म पछेती अंगमारी बीमारी के प्रति प्रतिरोधी होती है। यह आकर्षक सफेद-क्रीम , उथली आंखों वाले अंडाकार आलू के कंद पैदा करती है। इसमें उच्च भण्डारण क्षमता और कंद में शुष्क पदार्थ (16-18 प्रतिशत) मध्यम होता है। यह 90 प्रतिशत विपणन योग्य उपज देता है और अनुशंसित वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों के तहत 35-40 टन/हेक्टेयर उपज देने में सक्षम है। इस दौरान सब्जी वैज्ञानिक डॉ. अर्जुन लाल ओला, डॉ. बृजबिहारी शर्मा ने आलू उत्पादन करने की वैज्ञानिक तकनीक, रोग व कीट प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।
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