मनुष्य शरीर किराए का मकान : महाराज
मनुष्य शरीर किराए का मकान : महाराजसतसंग में उमड़े भक्त, बही ज्ञान की गंगाफोटो नंबर 08 संत उमाकांत जी महाराज के सतसंग में उमड़े भक्त।झांसी (सकरार), संवाद
मनुष्य शरीर किराए का मकान : महाराज सतसंग में उमड़े भक्त, बही ज्ञान की गंगा
फोटो नंबर 08 संत उमाकांत जी महाराज के सतसंग में उमड़े भक्त।
झांसी (सकरार), संवाददाता
कस्बा सकरार में संत सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज पहुंचे। उन्होंने ज्ञान की गंगा बहाई। कहा कि मनुष्य शरीर किराए का मकान है। सांसों की पूंजी खत्म होने पर सबको एक दिन खाली करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह देव दुर्लभ अनमोल मनुष्य शरीर केवल खाने-पीने, मौज-मस्ती करने के लिए नहीं मिला। मनुष्य शरीर का असली उद्देश्य जीते जी प्रभु को पाना है। श्मशान घाट पर शरीर को मुक्ति मिलती है आत्मा को नहीं। मौत को हमेशा याद रखो क्योंकि एक दिन सब की आती है। मरने के बाद जो काम आवे वह काम करना और वह दौलत प्राप्त करनी चाहिए। सन्त-सतगुरु किसी दाढ़ी, बाल या वेशभूषा का नाम नहीं होता। शिव नेत्र सबके पास है। समरथ गुरु की दया से खुल सकता है। उन्होंने कहा, यकीन करो जय गुरु देव नाम प्रभु का है। इसमें उस मालिक की पूरी ताकत है। बोलने से फायदा मिलेगा। मौत के समय पीड़ा इसी नाम को बोलने से कम होगी। दु:ख, तकलीफ, बीमारी में राहत पाने के लिए शाकाहारी, सदाचारी, नशा मुक्त रहकर सुबह-शाम, रोज रात को सोने से पहले भाव के साथ बराबर कुछ दिन जय गुरु देव नामध्वनि बोलने से फायदा दिखने लगेगा। आजमाइश करके देख लीजिए। उन्होंने कहा, जातिवाद, भाई -भतीजावाद, भाषावाद, कौमवाद, एरियावाद खून बहा देता है, इससे दूर रहना चाहिए। किसी भी धर्म, मजहब, व्यक्ति की निंदा मत करो। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजद रहे।
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