बुन्देलखंड के लिए मुफीद है मूंगफली की खेती किसानी
कृषि विश्वविद्यालय में 500 अग्रिम प्रदर्शन हुआ शोध के बाद आई सामने बात, डेड़ लाख हे में होती मूंगफलीझांसी,संवाददाताबुन्देलखंड में मूंगफली की बुआई बेहद
झांसी,संवाददाता बुन्देलखंड में मूंगफली की बुआई बेहद मुफीद है। यह बात कृषि विज्ञानियों के शोध में सामने आई है। कृषि विश्वविद्यालय में 500 अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन करके चेक भी किया गया। वहीं शोध में सामने आया कि डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि ऐसी है जिसमें मूंगफली का उत्पादन किसान ही करने लगे है।
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में मूंगफली पर शोध व विकास कार्यों को विगत वर्षों में नए आयाम मिले हैं। पिछले चार वर्षों में कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लगभग 500 अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन किसानों के खेतों पर आयोजित किए । इनके सार्थक परिणाम देखने को मिले। विश्वविद्यालय में चल रहे शोध एवं प्रसार कार्यों से अधिक पैदावार देने वाली रोग रोधी प्रजातियों को चिन्हित करने एवं उच्च गुणवत्तायुक्त बीज पैदा करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
मूंगफली अनुसंधान संस्थान, जूनागढ़ के निदेशक डॉ. एसके बेरा ने कृषि विश्वविद्यालय एवं बुंदेलखंड के झाँसी, शिवपुरी, दतिया और निवाड़ी जिलों में विभिन्न स्थानों पर जाकर किसानों से मुलाकात की और मूंगफली की खेती से संबंधित जानकारी प्राप्त की। कृषि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के प्रयासों के चलते झाँसी, दतिया, निवाड़ी और जालौन आदि जिलों में मूंगफली की खेती का क्षेत्रफल लगभग 2.80,000 हैक्टेयर हो गया है।
वहीं झाँसी जनपद में ही मूंगफली का क्षेत्रफल लगभग 1,40,000 हैक्टेयर से अधिक हो गया है, जो कि इस क्षेत्र में मूंगफली की खेती की प्रगति को दर्शाता है। मूंगफली अनुसंधान संस्थान, जूनागढ़ के निदेशक डॉ. एसके बेरा ने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। कृषि विश्वविद्यालय और मूंगफली अनुसंधान संस्थान, जूनागढ, गुजरात़ के साथ मिलकर उच्च उत्पादन देने वाली किस्मों के बीजों की आपूर्ति और प्रचार - प्रसार से किसानों को लाभ दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
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