फिर नियुक्त होंगे आउटसोर्स पर दो कानून गो व तीन लेखपाल
फिर नियुक्त होंगे आउटसोर्स पर दो कानून गो व तीन लेखपाल14 नवम्बर को मांगे गए आवेदन, 18 को साक्षात्कार के बाद होगी नियुक्तीझांसी,संवाददातानगर निगम सम्पत
फिर नियुक्त होंगे आउटसोर्स पर दो कानून गो व तीन लेखपाल 14 नवम्बर को मांगे गए आवेदन, 18 को साक्षात्कार के बाद होगी नियुक्ती
झांसी,संवाददाता
नगर निगम सम्पत्ति विभाग में एक बार फिर से दो कानून गो एवं तीन लेखपालों को आउटसोर्सिंग पर रखने की फाइल दौड़ने लगी है। विभागीय अफसरों की माने तो पूर्व में सम्पत्ति विभाग में तैनात एक कानून गो व तीन लेखपालों को गड़बड़ी के आरोप में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। ऐसे में नजूल की भूमि की पैमाइश व अवैध कब्जों पर कार्रवाई को लेकर उक्त कर्मियों की आवश्यकता होने पर पुन: आउटसोर्स पर रखने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
नगरीय क्षेत्र में नगर निगम की 60 वार्डों में भूमियों पर अतिक्रमण व अवैध कब्जों को रोकने के लिए सम्पत्ति विभाग में शासन द्वारा अफसर की तैनाती न होने के कारण नगर निगम हर वार सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को आउट सोर्स पर तैनाती देता चला आ रहा है। वर्तमान में एडीएम से लेकर कानून गो व लेखपाल, चेनमैन, सुपरवाईजर से लेकर कम्प्यूटर ऑपरेटर तक आउटसोर्स पर तैनात किए गए है। पिछले दिनों सरकारी भूमि पर एनओसी के अलावा नगर निगम स्वामित्व की भूमियों पर अवैध कब्जों में तत्कालीन आउटसोर्स लेखपाल व कानून गो की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर नगर आयुक्त सत्यप्रकाश ने एक कानून गो सहित तीन लेखपालों की सेवाओं को समाप्त कर दिया था। ऐसे में अवैध कब्जों को लेकर बचे आउट सोर्स स्टॉफ को देखते हुए एक बार फिर दो कानून गो एवं तीन लेखपाल आउटसोर्स पर नियुक्त करने की फाइल विभाग में दौड़ने लगी है। शहरी आजीविका केन्द्र के जरिए रखे जाने वाले आउटसोर्स स्टॉफ को लेकर अफसरों ने 14 नवम्बर तक आवेदन मांगे है। आवेदन के आधार पर 18 नवम्बर को साक्षात्कार लेकर सफल रिटायर्ड कर्मियों का चयन किया जाएगा। विभागीय अफसरों की माने तो आवेदन में उन्हे प्राथमिकता दी जाएगी जो सरकारी सेवा से रिटायर्ड हुए है।
कोई मापदण्ड तय नहीं?
आउटसोर्सिंग पर तैनाती यानि नगर निगम की पक्की नौकरी के समान है। आउटसोर्स पर कितनी उम्र तक सेवाएं दी जा सकती है? दायित्व निर्वाहन में लापरवाही पर कार्रवाई? आउटसोर्स पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटरों के पटल परिवर्तन व उनकी सेवा अवधि? आउटसोर्स कर्मियों के आने व जाने की हाजिरी? ऐसी तमाम गाइड लाइन सम्बंधी मापदण्ड नगर निगम में तय नहीं है। आउटसोर्स पर तैनाती का मतलब नगर निगम की पक्की नौकरी बन गई है। पिछले 15 से 20 साल के समय गुजरने के बाद भी आज तक आउटसोर्स कर्मी का निगम से न हटना, कई शिकायत के बाद भी अफसरों का ध्यान न देना। कहीं न कहीं अफसरों की शिथिलता दर्शा या बिबसता दर्शा रहा है। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि 18 को साक्षात्कार के बाद नियुक्त होगी।
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