फ्लैग: टसर रेशम हेडिग: बुन्देलखंड में टसर रेशम की अपार संभावनाएं: निदेशक
Jhansi News - सब हेड: बड़ी संख्या में उत्पादक भी शामिल हुए यह हर्ष की बात: एमएलसीबुन्देलखंड रत्नगर्भा पर रेशम उद्योग की बड़ी परियोजना आवश्यकफोटो नंबर 13 टसर रेशम कृषि
सब हेड: बड़ी संख्या में उत्पादक भी शामिल हुए यह हर्ष की बात: एमएलसी बुन्देलखंड रत्नगर्भा पर रेशम उद्योग की बड़ी परियोजना आवश्यक
फोटो नंबर 13 टसर रेशम कृषि मेला में कोकून को देखते एमएलसी और रांची निदेशक व अन्य।
झांसी,संवाददाता
टसर कृषि मेला का बबीना के घिसौली फार्म पर शुभारंभ हो गया है। तीन दिन के कार्यक्रम में कई तरह के बिन्दुओं पर मंथन होगा। शनिवार को एमएलसी बाबू लाल तिवारी मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने फीता काटा और अध्यक्षता डा. एन. बी. चौधरी निदेशक सीएसबी सी टीआरटीआई रांची ने की। इस दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि बड़ी संख्या में उत्पादक शामिल हुए यह बेहद हर्ष की बात है। कहा बुन्देलखंड रत्नगर्भा पर रेशम उद्योग की बड़ी परियोजना की बेहद आवश्यकता है। इधर अध्यक्षता कर रहे सीटीआरटीआई रांची सीएसबी निदेशक डा एन बी चौधरी ने कहा कि बुन्देलखंड की जलवायु अनुसार यहां टसर रेशम की अपार संभावनाएं है।
केंद्रीय रेशम बोर्ड केंद्रीय टसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रांची एवं रेशम विकास विभाग झांसी के संयुक्त तत्वाधान में टसर किसान मेला लगाया गया है। इसमें करीब ढाई सौ लोग किसान सहित शामिल हुए। कार्यक्रम में रांची से आए श्री चौधरी ने किसानों को उत्साहित किया। कहा कि बुंदेलखंड की जलवायु भी अच्छी है। एमएलसी ने कहा कि यहां टसर रेशम की बड़ी परियोजना के रूप में जरूरत है। इससे यहां का पलायन भी रुकेगा। सहाय निदेशक सोनभद्र रणवीर सिंह ने कहा कि टसर से व्यापक बदलाव हो सकता है।
जो कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाएगी। किसान अन्य सह फसल भी उगा सहते हैं। सहायक निदेशक झांसी ए के राव ने कहा कि झांसी मंडल में तसर का उत्पादन काफी अच्छा हो रहा। बीटीएसएसओ के वैज्ञानिक डा प्रवीण गेडाम डा भावसकर दत्ता ने भाग लिया। इस दौरान ए. के. राव., सहायक निर्देशक रेशम, भारत सिंह., वयोवृद्ध सम्मानित पूर्व प्रधान, सुनील कुमार डी,डी.ओ, प्रोफेसर एस.पी.सिंह, बी.के.डी., विश्वविद्यालय झाँसी, डॉ. प्रवीण गेडाम, वैज्ञानिक-सी के अलावा अन्य मौजूद रहे।
इंसेट
विशेषज्ञों ने बताई कुछ सावधानियां
टसर रेशम उद्योग की विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा के बाद रणवीर सिंह सहायक निदेशक, राज्य रेशम विभाग ने प्रभावी सहभागिता की। इन्होंने टसर बीज उत्पादन में सावधानियां, टसर खेती में रोग व कीट का नियंत्रण, टसर रेशम उत्पादन में नई प्रौद्योगिकियाँ, टसर बीज उत्पादन के दौरान रोगों से बचाव किसानों का मंतव्य चर्चा एवं प्रश्नों का निवारण पर व्यापक चर्चा की। वैज्ञानिक जगदज्योती बी, डा जयप्रकाश पांडेय ने सीड के बारे में जानकारी दी। रेशम उत्पादन बढ़ाने पर विचार व्यक्त किए। सहायक निदेशक राज्य रेशम विभाग, डा प्रवीण गेडाम डा भावसकर ने तकनीकी जानकारी दी। बीज उत्पादक और बीज कोकून उत्पादक रेशम का उत्पादन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। संचालन डा जयप्रकाश पांडेय ने और धन्यवाद ए के राव व डा जगदज्योति ने किया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।