ईद के तसव्वुर में सजे बाजार, खरीदारों का इंतजार
..ईद करीब है। गर, चांद के दीदार रविवार की शाम हो गए तो सोमवार को ईद होगी। ईद के तसव्वुर में शहर के बाजार सज गए हैं। शनिवार फुटवेयर, कपड़ा, चूड़ी, नकाब, बुरका, कॉस्मेटिक, सौन्दर्य की दुकानें खुली। पर,...
..ईद करीब है। गर, चांद के दीदार रविवार की शाम हो गए तो सोमवार को ईद होगी। ईद के तसव्वुर में शहर के बाजार सज गए हैं। शनिवार फुटवेयर, कपड़ा, चूड़ी, नकाब, बुरका, कॉस्मेटिक, सौन्दर्य की दुकानें खुली। पर, व्यापार फीका रहा। व्यापारी ग्राहकों का इंतजार करते रहे। 59 दिन की बंदी में बड़ा नुकसान झेल चुके दुकानदारों का ईद पर खास नफा नजर नहीं आ रहा है। वहीं गाइडलाइन के अनुरूप रविवार बाजार बंद रहेंगे। यानी खुशियों की खरीददारी पर ग्रहण लग गया है।
ईद करीब आते ही हर चेहरा खिल जाता था और बाजार भी। सीपरी, सदर, बड़ाबाजार, नगरा, नैनागढ़, राई का ताजिया, मानिक चौक, बिसाती बाजार सहित अन्य मार्केटों में पैर रखने की जगह न रहती थी। रोजा-अफ्तार के बाद बुर्कानशीन भी बाजारों का रुख करती थी और बच्चे, बूढ़े, जवान, पुरुष भी। पर, इस बार ऐसा कुछ नहीं। शनिवार को गाइडलाइन के अनुसार बर्तन, खिलौने, रेडीमेट गारमेंट्स, कपड़े, फुटवेयर सहित अन्य टे्रडों की दुकानें खुलीं। हर तरफ सूना-सूना रहा। सिर्फ इक्क-दुक्का लोग ही नजर आए। दोपहर ढाई बजे के करीब करीब 44 डिग्री टेम्प्रेचर में बाजारों में सन्नाटा सा पसर गया। शाम सूरज ढलने के पहले ही बाजार बंद हो गए। लिहाजा, ईद पर बाजार परवान नहीं चढ़ सका। व्यापारियों की मानें तो कुछ उम्मीद जगी थी। लेकिन, अब फिर नुकसान पर नुकसान नजर आ रहा है।
कहते हैं व्यापारी
उत्तर प्रदेश व्यापार मण्डल प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी कहते हैं कि ईद पर कपड़ा, फुटवेयर, जूता, चप्पल, कॉस्मेटिक्स, सौन्दर्य, खिलौने, टोपी, साफी, सिवई, मिठाई, गिफ्ट की दुकानों पर खूब भीड़ होती थी। बोले, अनुमान के मुताबिक करीब दस करोड़ रुपए का व्यापार होता था। उम्मीद के अनुरूप कुछ नहीं हुआ है। व्यापारी सलीम कहते हैं कि व्यापारी टूट चुका है। गारमेंट की दुकान पर आज भी दो लोग ही आए। उम्मीद थी ईद पर कुछ होगा। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं है।
बंदिशों पर बंदिशें भी कारण
कोरोना महामारी को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सभी से अन्य खर्चों को रोककर जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है। वहीं दूसरी तरफ लोगों के हाथ में पैसा भी नहीं है। सबसे बड़ी समस्या महामारी की दहशत और तल्ख मौसम भी है। चटक धूम के बाद दोपहर में बाजारों में सन्नाटा पसरा है। वहीं गाइडलाइन के अनुसार सुबह शाम पांच बजे तक दुकानें खुलनी हैं। जबकि शाम रोज-अफ्तार के बाद लोग बाजारों का रुख करते थे। ऐसे में बंदिशें और सिर्फ बंदिशें भी बड़ा कारण है। जो लोगों को बाजारों में जाने से रोक रही हैं।
टोपी, इत्र का बाजार भी फीका
ईद पर सबकुछ गुलजार रहने वाला बाजार फीका-फीका है। न पहले जैसी इत्र की डिमांड है और न ही जालीदार टोपी-साफी की। व्यापारी सलीम कहते हैं कि इस बार बाहर से माल ही नहीं आ पाया। जो था वही दिया जा रहा है। उस तरह की डिमांड फिर भी नहीं है। सैय्यद मियां कहते हैं ईद से पहले टोपियों का बाजार भी खूब चढ़ता था। जालीदार, मेहराबी टोपी पसंद पर हावी होती थीं। लेकिन, अब तो सबकुछ फीका-फीका है।
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