अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुए विविध कार्यक्रम
Jhansi News - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे, बीएचईएल और बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बबीना स्टेशन पूरी तरह से महिला कर्मियों द्वारा संचालित किया गया और बीएचईएल में नारी...

झांसी,संवाददाता अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे, बीएचईएल व बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थानों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। रेलवे में बबीना स्टेशन पूर्णत: महिलाकर्मियों द्वारा संचालित किया गया तो भेल में नारी सशक्तिकरण पर चर्चा की गई। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में संगोष्ठी कर महिलाओं के उत्थान विचार व्यक्त किए गए।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे ने विभिन्न प्रतियोगिताओं व कार्यक्रमों का आयोजन किया। सीनियर रेलवे इंस्टीट्यूट में डीआरएम तथा अध्यक्षा महिला कल्याण संगठन द्वारा उत्कृष्ट कार्य पर महिला कर्मियों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर सांस्कृृतिक कार्यक्रम हुए। वहीं मण्डल रेलवे के बबीना स्टेशन को पूर्णता नारी शक्ति द्वारा संचालित किया। जहां 40 महिला स्टॉफ द्वारा वाणिज्य, परिचालन, सिग्नल एवं दूरसंचार, टी आर डी, इंजीनियरिंग एंड सी एंड डब्ल्यू ने महिला सशक्तिकरण का प्रदर्शन किया गया। साथ ही वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी से ग्वालियर जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस का संचालन पूर्णत: महिला कर्मियों द्वारा किया गया। वहीं बीएचईएल सभागार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि आशमा रिज़वान अध्यक्षा भेल महिला कल्याण समिति ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की थीम "हम सब मिलकर महिला समानता स्थापित कर सकते हैं और सामूहिक रूप से हम सभी, कार्रवाई में तेजी ला सकते हैं" रही । आशमा रिज़वान ने महिला सशक्तिकरण पर सारगर्भित एवं प्रभावी वक्तव्य दिया।इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में भेल अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक अपर महाप्रबंधक डा फरहत रूही के साथ भेल की समस्त महिला कर्मचारी एवं भेल महिला कल्याण समिति की सदस्यायें उपस्थित रहीं। संचालन वरिष्ठ प्रबंधक मोनिका व आभार अर्चना मौर्या ने व्यक्त किया। वहीं बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा विभागाध्यक्ष डा यतीन्द्र मिश्र की अध्यक्षता, सहायक आचार्य डॉ मुहम्मद नईम एवं श्रीमती गुंजा चतुर्वेदी की उपस्थिति में विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विद्यार्थियों द्वारा महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित विचार व्यक्त किए गए तथा गीत-कविता आदि की प्रस्तुति दी। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डा यतीन्द्र मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता महिला सशक्तिकरण है। महिला सशक्तिकरण में समाज कार्य व्यवसाय की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। समाज कार्य के विद्यार्थी निरन्तर क्षेत्रीय कार्य, अनुसंधान के माध्यम से इसमें अपना योगदान देते हैं। डा मुहम्मद नईम ने कहा कि शिक्षा और स्बावलम्बन ही नारी सशक्तिकरण का आधार है। आज शिक्षा, आजीविका के क्षेत्र में महिलायें आगे बढ़ रही हैं, किन्तु सामाजिक कुरीतियां एवं महिलाओं के हित में बनाये गये कार्यक्रमों का उचित क्रियान्वयन न होना उनकी प्रगति में बाधक है। गुंजा चतुर्वेदी ने कहा कि आज भी महिलाओं से समक्ष एक यक्ष प्रश्न खडा होता है कि उनका घर कहां है, मायके या ससुराल में, हमें इस विवाद न पड़कर स्वयं ही सक्षम एवं सबल होकर अपने घर का निर्माण करना है अर्थात् अपने लक्ष्य की प्राप्ति स्वयं करना है।
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