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‘जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई

Jhansi News - ‘जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाईजैसे आजादी की लड़ाई लड़ी, वैसे ही छुआ-छूत के विरुद्ध लड़ें : शास्त्रीकरनी सेना ने दिया समर्थन, लगाए जयकारे, एक

Newswrap हिन्दुस्तान, झांसीWed, 27 Nov 2024 11:29 PM
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झांसी, संवाददाता बागेश्वर पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बुधवार को घुघुसी से मध्य प्रदेश निबाड़ी के 7वें पड़ाव को रवाना हुए तो आस्था मेला चहूंओर नजर आए। सड़क पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश की आजादी सबने मिलकर पाई थी। उसी प्रकार हिन्दुओं को जात-पात, छुआ-छूत मिटाने के लिए एक होना पड़ेगा और डटकर लड़ाई लड़नी होगी।

नारा दिया ‘जात-पात की करो विदाई, हमसब हिंदू भाई-भाई जिसे जनसैलाब ने दोहराया और संकल्प लिया। शास्त्री ने कहा कि अगर एक नहीं हुए तो भारत बांग्लादेश बन जाएगा। बांग्लादेश में हुए हिंदुओं पर अत्याचार को सभी ने देखा। लेकिन अब नहीं देखेंगे, अब हिंदुओं को एक होना ही चाहिए। करनी सेना ने भी अपना समर्थन देते हुए एकता के नारे लगाए और हिन्दू राष्ट्र बनाए जाने की वकालत की।

ऊंच-नीच से चाहिए आजादी

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत में फिर से जात-पात ऊंच नीच से आजादी चाहिए। हिंदू कम हो रहा हैर्। ंहदू जातियों में बंट गया है। सभी जातियों को एक होना होगा। बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार हुआ। हमने देखा। अब चुप नहीं बैठेंगे। यहां सब एक होकर रहेंगे। यह बतलाएंगे। बोले, गांवों में सबसे बड़ा रोग जात-पात है। उसी को देखते हुए यह यात्रा निकाली जा रही है। जबकि यह नहीं मिलेगा? ऐसी यात्राओं की जरूरत होती रहेगी। देश को ऐसी यात्रा करते जगाते रहेंगे।

बहन-बेटियों को लव-जेहाद से बचाएंगे

धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों को संकल्प दिलाया कि क्या अपने देश को बांग्लादेश बनाना चाहते हो? तभी आवाज आई। नहीं। बोले, क्या जात-पात ऊंच-नींच में पड़ना चाहते हो। जनता बोली नहीं। बोले, बहन-बेटियों को लव जेहाद से बचाना है। ऐसी यात्राएं जरूरी हैं। ताकि हिंदू एक हो। अब सड़कों पर उतरना होगा। जात-पात को दूर करने के लिए हिुदओं को एक होना पड़ेगा। फिर नारा दिया गया जात-पात की करो विदाई हम सब हिंदू भाई-भाई। अंत में उन्होंने बुंदेली में कहा ‘..सभी जजन को आशीर्वाद। सबकी अरजी बालाजी सरकार स्वीकार हो जाए। एक व्यक्ति ऊपर चढ़ा तभी वह बुंदेली में बोले, ‘ठठरी के बंधे तुम ऊपरे काय चढ़े, नैचे आ। ऊपर टंगो, नैचो उतर। बूढ़े होके, जवानी जैसो काम कर रऔ। जात-पात ऊंच नीच से आजादी चाहिए। हिंदूी राष्ट्र हो। जय हो। बागेश्वर धाम की जय, जयजय सीता राम।

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