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जात-पात ऊंच-नीच से आजादी पाकर रहेंगे : शास्त्री

Jhansi News - जात-पात ऊंच-नीच से आजादी पाकर रहेंगे : शास्त्री फोटो नंबर 09 पदयात्रा को संबोधित करते संत-महंत व मौजूद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री।फोटो नंबर 21 ओरछा में ध

Newswrap हिन्दुस्तान, झांसीFri, 29 Nov 2024 07:07 PM
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जात-पात ऊंच-नीच से आजादी पाकर रहेंगे : शास्त्री फोटो नंबर 09 पदयात्रा को संबोधित करते संत-महंत व मौजूद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री।

फोटो नंबर 21 ओरछा में धीरेंद्र शास्त्री की सभा में मोजूद लोग।

झांसी, संवाददाता

ओरछा तिगैला पर शुक्रवार को अंतिम पड़ाव के बाद जैसे ही पं. धीरेंद्र शास्त्री पदयात्रा के साथ आगे बढ़े तो भक्तों का मेला साथ चल रहा था। उन्होंने कहा कि यह पड़ाव अंतिम नहीं है। जात-पात, ऊंच-नीचत से आजादी पाकर ही पड़ाव का अंत होगा।

पदयात्रा में बुंदेली भाषा खूब लहलहाई। उन्होंने कहा, काए जीजी काहौ अम्मा। सबन को जात-पात मिटावे के लाने आगे आने चाहिए कै नाई। तभी लोगों ने हां में जवाब दिया। शास्त्री बोले, कहो राम-राम सीताराम। यदि छुआ-छूत मिटाने, हिंदुओं को एक करने के लिए ऐसी यात्राओं के प्रयोग न हुए तो देश के हालात बिगड़ेंगे। गृहयुद्ध की तरफ बढ़ेंगे। जिसमें जनहानि भी हो सकती है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत में अब एक बार फिर जात-पात ऊंच नीच से आजादी चाहिए। इसके लिए एक होना पड़ेगार्। ंहदू अब संकल्प ले कि बंटेगा नहीं। कटेगा नहीं। एक होकर सनातन धर्म की रक्षा करनी होगी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हुआ है। अब चुप नहीं बैठेंगे। यहां सब एक होकर रहेंगे। यह बतलाएंगे। यह यात्रा रामराजा सरकार की कृपा से सफल हुई है। लेकिन, जब सभी लोग जात-पात मिटकर एक होकर रहंगे तो कुछ और बात होगी।

जेसीबी से बरसाए गए फूल

यात्रा जैसे ही ओरछा तिगैला से आगे बढ़ी तो फूलों की बारिश शुरू हो गई। सड़क के दोनों ओर भक्तों फूलों की रंगोली, गुलदस्ते और पंखुड़ियों लेकर खडे थे। वह एक झलक को बागेश्वर धाम के उतावले थे। एमपी सीमा को क्रॉस कर जैसे ही यूपी यात्रा पहुंची और फिर एमपी सीमा में गई तो आस्था का मेला भी बढ़ता गया। हर हाथों में भगवा लहरा रहा था।

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