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कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगाकर दी जान

Jhansi News - कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगाकर दी जानपरिजन बोले, पिता व स्वयं का करीब साढे 11-12 लाख रुपए था कर्जधान के भी नहीं मिल पा रहे थे सही दामदरवाजा तोड़कर

Newswrap हिन्दुस्तान, झांसीSun, 19 Jan 2025 10:07 PM
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कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगाकर दी जान

झांसी (चिरगांव), संवाददाता चिरगांव थाना क्षेत्रान्तर्गत गांव नादखास में रविवार दोपहर कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। बंद कमरे में वह फंदे पर झूलता मिला तो परिवार में कोहराम मच गया। उन्होंने बताया कि पिता व स्वयं का साढ़े 11-12 लाख का केसीसी था। धान के भी सही दाम नहीं मिल पा रहे थे। जिससे यह कदम उठाया है। वहीं पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

गांव नादखास निवासी बृषभान सिंह दांगी उर्फ रवि (38) किसान थे। करीब डेढ़ साल पहले उनके पिता लक्ष्मी नारायण की मौत हो गई थी। अबकी उन्होंने करीब 30 बीघा जमीन पर धान की फसल बोई थी। जिसे वह उचित दाम पर बेचना चाहते थे। लेकिन, वह नहीं बिक पाई। रविवार को पत्नी रचना खेत पर काम करने गई थी। मां पशुबाड़े में थी। तभी बृषभान अंदर के कमरे में गए। वहां उन्होंने साड़ी के सहारे फांसी का फंदा बनाया और झूल गए। दोपहर 1.30 बजे जब पत्नी घर आई तो रवि की कोई आहट न होने पर चिंतित हो गई। अंदर जाकर देखा तो दरवाजा बंद था। जिससे वह घबरा गई। किसी तरह कमरे में देखा तो रवि फांसी के फंदे पर झूल रहा था। जिससे वह रोने-बिलखने लगी। वहीं परिवार में कोहराम मच गया। आसपास हड़कंप मच गया। आनन-फानन में ग्रामीण एकत्र हो गए। दरवाजा तोड़कर उसे तुरंत फंदे से नीचे उतारा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिरगांव ले गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लिया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी तुलसीराम पांडेय ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का प्रयास प्रतीत होता है। गले में साड़ी के चमकीली-सितारे मिले हैं। फिर भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो सकेगा। अगर परिजनों की तरफ से किसी तरह की शिकायत आती है तो अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

करीब साढे़ 11-12 लाख का था केसीसी

मृतक के भतीजे अमित दांगी ने बताया कि दादा लक्ष्मीनारायण की करीब डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी। उन्होंने करीब 9 से 10 लाख रुपए का केसीसी लिया था। जिसे वह नहीं चुका पाए थे। इसके बाद चाचा बृषभान सिंह ने भी ढाई से तीन लाख रुपए का केसीसी लिया था। वह करीब साढ़े 11-12 लाख रुपए के कर्ज को लेकर आए दिन परेशान रहते थे। इस बीच बंैक से भी नोटिस आई थी।

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