रंग--गुलाल लगाकर दूर किए गिले-शिकवे
..बजते होली के तराने, थिरकते से बुन्देले, उड़ता रंग-अबीर-गुलाल, ..सतरंगी रंगों में रंगे बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं, पुरुष और मौका होली का। सोमवार होलिका दहन के साथ शुरू हुआ रंगोत्सव मंगलवार को और...
..बजते होली के तराने, थिरकते से बुन्देले, उड़ता रंग-अबीर-गुलाल, ..सतरंगी रंगों में रंगे बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं, पुरुष और मौका होली का। सोमवार होलिका दहन के साथ शुरू हुआ रंगोत्सव मंगलवार को और परवान चढ़ गया। रानी की नगरी झांसी में जमकर रंग बरसा। चेहरे ही नहीं गली-मोहल्लों की सड़कें भी रंगों में रंग गई। महिलाओं ने भी होली खेली तो बच्चों ने भी छतों-मुड़ेर से रंग डालकर होली का लुत्फ उठाया। घर-घर बधाई संदेशों की गूंज रहीं।
बुन्देलों ने अपने ही अंदाज में होली पर्व मनाया। मंगलवार सुबह से शुरू हुआ रंगोत्सव सूरज चढ़ते-चढ़ते और गहरा होता गया। भोर होते ही ‘आज न छोडे़ंगे बस हम.., भीगे चुनर वाली.. होली पर दिल मिल.. जैसे तरानों पर बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं, पुरुष खूब थिरके। रंग के साथ जाम छलके और कहीं भांग भी घुटी। सुबह से शुरू होली खेलने का सिलसिला देर रात तक बरकरार रहा। जैसे-जैसे सूरज चढ़ा, रंगों का रंग और गाढ़ा होता गया। कहीं गुलाल उडे़ तो कहीं पिचकारियों से बच्चों ने खूब होली खेली। हुरियारों की टोलियां घर-घर घूमी। बुजुर्गवार घरों से बाहर निकले और एक-दूसरे गुलाल लगाया। महिलाएं भी किसी से पीछे न रहीं। गली-कूचों के साथ-साथ शहर की सड़कें भी रंग-बिरंगी भी हो गईं। नगर के कई इलाकों में इतना रंग बरसया गया कि मानो ‘बरसाने की होली हो। रंगों के साथ-साथ शुरू हुआ मेल-मिलाप के सिलसिले ने सड़कों पर खूब धमाल किया। बुधवार को पुलिस वालों की होली हुई। छोटे से लेकर बड़े अफसर तक होली के रंग में रंगे नजर आए।
मंगलवार को शहर में जमकर रंग बरसा। हर चेहरा रंगों से सराबोर रहा। बच्चों ने घरों की छतों से रंगों की बारिश की। हुरियारों ने टोलियों ने अपने तरीके से होली मनाई। कोई बाइक पर निकला तो कोई अन्य वाहनों पर सवार होकर। रंगों से भरे गुब्बारों फोड़े गए। होली का यह आलम रहा कि तंग गलियों से लेकर पॉश इलाकों तक बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं, पुरुष किसी से होली खेलने में पीछे न हे। ढोल-नगाड़ों पर खूब फॉगें गाई गई। ठुमके लगे। घरों में जाकर होली खेली गई। पकवानों का लुत्फ उठाया गया। रंगोत्सव पर शहर का कोई कोना न बचा, जहां रंग न खेला गया हो। नगर के शहर, सीपरी, सदर, बड़ाबाजार, केके पुरी, आवास विकास, नंदनपुरा, इसाईटोला, नगरा, नैनागढ़, गरिया फाटक सहित हर गली-गली, चौराहे-चौराहे होली के रंग में रंग गए। सड़कों पर धूम धमाल हुआ। शाम कई जगह होली महोत्सव हुआ। फिल्मी गानों पर हुरियारे खूब थिरके। बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं, पुरुष होली खेलने में किसी से पीछे न रहे। होली के साथ-साथ भांग, ठंडई और जाम भी छलके। शहर के आला अफसरों ने भी जमकर होली खेली।
‘..आज बिरज में होली रे रसिया, ..होली आई रे कन्हाई, ..आज न छोड़ेंगे। ..बजते होली के तराने, मटकते हुरियारे, उड़ता रंग-अबीर गुलाल और चढ़ता सूरज। सोमवार होलिका दहन के साथ शुरू हुआ रंगोत्सव मंगलवार को परवान चढ़ा। वहीं बुधवार भी होली खेली गई। बुन्देलों पर रंगों की ऐसा खुमारी चढ़ी कि यहां की होली ब्रज सी हो ली। ढोलक-मझीरों की थाप पर खूब धमाल हुआ। जो जहां मिला बिना गुलाल और गले मिल न रह सका। गुलाल लगाकर बड़ों से आशीर्वाद लिया तो वहीं हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी नगर में पेश की गई। होली खेलने में महिलाएं किसी से पीछे न रहीं। जमकर ठुमके भी लगाए। हुरियारों की टोली ने जहां घूम-घूम कर धमाल किया तो महिलाएं भी टोलियों में घूमीं। डीजे पर बज रहे होली के गीतों पर महिलाएं खूब थिरकीं। ढोल-मझीरों की थाप पर महिलाओं ने ठुमके लगाए। कहीं घूंघट की ओट पर होली का रंग चढ़ा तो कहीं खुल्लम-खुल्ला। सुबह से शुरू हुआ टोलियों-टोलियों घर-द्वार जाने का सिलसिला देर रात तक बरकरार रहा।
बुधवार को थाना, चौकी में भी जमकर रंग-अबीर गुलाल उड़ा। पुलिस वालों ने जमकर होली खेली। फिल्मी तरानों पर ठुमके लगाए। यही नहीं इसमें आला अफसरों ने भी शिरकत की। एक-दूसरे को रंग, अबीर, गूलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।
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