झांसी अग्निकांड : हादसे के 20 घंटे बाद अस्पताल के वार्ड में फिर बजा अलार्म, धुंआ देखकर भागे मरीज
- झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के 20 घंटे बाद शनिवार देर रात एक बार फिर फायर अलार्म बज उठा। आसपास सो रहे तीमारदार और मरीज धुआं देखकर हंगामा करने लगे। आग-आग की आवाज के साथ लोग अन्य वार्डों में भर्ती बच्चों को लेने के लिए दौड़ पड़े।
झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के 20 घंटे बाद शनिवार देर रात एक बार फिर फायर अलार्म बज उठा। आसपास सो रहे तीमारदार और मरीज धुआं देखकर हंगामा करने लगे। आग-आग की आवाज के साथ लोग अन्य वार्डों में भर्ती बच्चों को लेने के लिए दौड़ पड़े। हल्ला सुनकर मौके पर पहुंचे अस्पताल कर्मियों ने बताया कि लाल बिल्डिंग के बाहर मच्छरों के भगाने के लिए मशीन से फॉगिंग की जा रही है ये धुआं उसी का है तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
दरअसल, मेडिकल में कॉलेज में बनी लाल बिल्डिंग के बाहर मशीन से फॉगिंग की जा रही थी। यहां से धुआं शिशु वार्ड समेत 4 वार्डों में घुस गया। इससे अलार्म बजने लगा तो तेज ध्वनि और धुआं देख मरीज सक पका गए और आग-आग चिल्लाते हुए भागे। परिजन बच्चों को उठाने के लिए शिशु वार्ड के अंदर घुस गए। सूत्रों की मानें तो अग्निकांड के बाद घायल बच्चों को इसी शिशु वार्ड में एडमिट करवाया गया है। हालांकि स्टाफ ने आकर समझाया कि फॉगिंग का धुआं है तब मामला शांत हुआ।
सील रहा एनआईसीयू, छावनी में तब्दील रहा मेडिकल कॉलेज
हादसे के दूसरे दिन रविवार को मेडिकल कॉलेज छावनी में तब्दील रहा। इमरजेंसी में मरीजों के अलावा किसी को आने की इजाजत नहीं दी गई। मुख्य गेट पर पुलिस की एक टीम तैनात कर दी गई थी। रोजाना सुबह 10.30 बजे जहां लोगों की भीड़ उमड़ती थी वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। सूत्रों की मानें तो किसी भी सियासी दल को अंदर आने नहीं जाने दिया गया। दोपहर से लेकर शाम तक सिर्फ अफसरों की गाड़ियों के हूटर ही सुनाई दे रहे थे। आसपास पांच किमी के दायरे में पुलिस ने मुस्तैदी कर रखी थी। मुख्य द्वार पर बैरियर लगे रहे। किसी को भी पास जाने की इजाजत नहीं थी। लोगों इमजरेंसी और दवा कक्ष के बाहर से लौट रहे थे। पिछले वार्डों में भर्ती मरीजों के तीमारदार दूर से ही उस वार्ड को निहारते रहे, जिसमें शुक्रवार रात भीषण हादसा हुआ था।
मृतक बच्चों के परिजनों के खातों में पहुंची पांच लाख की धनराशि
दिल दहला देने वाले झांसी मेडिकल कालेज अग्निकांड में अपने बच्चों की जान गंवाने वाले परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि रविवार को जारी कर दी गई। हालांकि एक मृतक बच्चे के परिजन का बैंक खाता ना होने से राशि नहीं भेजी जा सकी। अब जल्द बैंक में उनका खाता खुलवाने के लिए अफसर जुट गए हैं। बता दें कि शुक्रवार रात झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में भयानक आग से बच्चों ने जान गंवा दी थी। मामले को लेकर तत्काल शासन की ओर से मदद की घोषणा की गई थी। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक, मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता धनराशि जारी कर दी गई है। वहीं घायलों के परिजनों को भी 50-50 हजार की सहायता राशि भेज दी गई है।