Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़जौनपुरStudents Confused Over New Evaluation Criteria at Veer Bahadur Singh Purvanchal University

विसंगति दूर करने की एलएलएम छात्रों ने की मांग

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एलएलएम द्वितीय वर्ष के छात्रों ने नए मूल्यांकन मानकों को लेकर असमंजस व्यक्त किया है। विश्वविद्यालय ने उत्तीर्णता के लिए अंकों की सीमा 40 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत...

Newswrap हिन्दुस्तान, जौनपुरTue, 12 Nov 2024 11:48 PM
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एलएलएम द्वितीय वर्ष (तृतीय सेमेस्टर) के छात्रों ने हाल में घोषित नए मूल्यांकन मानकों से असमंजस में हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच नवंबर को संशोधित परिणाम जारी किया, जिसमें प्रत्येक विषय में उत्तीर्ण होने के लिए 50 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता लागू की गई, जबकि पहले यह सीमा 40 प्रतिशत थी। छात्रों का कहना है कि सत्र 2023-24 में पंजीकरण के समय उन्हें 40 प्रतिशत अंकों पर उत्तीर्ण होने की जानकारी दी गई थी और प्रथम वर्ष के परिणाम भी इसी नियम के अनुसार जारी हुए थे। हालांकि, द्वितीय सेमेस्टर का परिणाम 10 सितंबर 2024 को 40 प्रतिशत नियम के आधार पर जारी किया गया था, जिसे बाद में वेबसाइट से हटाकर पांच नवंबर को पुन: जारी किया गया, जिसमें उत्तीर्णता सीमा को 50 प्रतिशत कर दिया गया। इस बदलाव के कारण कई छात्र असफल हुए हैं, जबकि कुछ आंशिक रूप से पास माने गए हैं। छात्रों का तर्क है कि अन्य केंद्रीय और प्रदेश के विश्वविद्यालयों में उत्तीर्णता के लिए विभिन्न प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता है, लेकिन वहां लिखित और प्रायोगिक परीक्षाओं का प्रावधान भी है, जिससे छात्रों को अतिरिक्त अवसर मिलते हैं। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में हर विषय में 100 अंकों की एकल परीक्षा होती है, जिससे 50 प्रतिशत की उत्तीर्णता सीमा अपेक्षाकृत कठिन है।

किसान विधि कॉलेज के छात्रों का प्रतिनिधिमंडल कुलपति से मिला

जौनपुर। किसान पीजी कॉलेज गाजीपुर के छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति प्रो. वंदना सिंह से मिला और इस नए नियम को वापस लेने तथा पुरानी मूल्यांकन पद्धति बहाल करने की मांग की। छात्रों ने अपील की कि विश्वविद्यालय कोई ऐसा निर्णय न ले जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य प्रभावित हो। उन्होंने आग्रह किया कि प्रशासन पहले की तरह 40 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को बनाए रखते हुए परिणाम जारी करे ताकि किसी छात्र का एक वर्ष प्रभावित न हो। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने बोर्ड ऑफ स्टडीज के नियमों का हवाला देते हुए विधि विभाग के डीन से चर्चा कर अंतिम निर्णय लेने का भरोसा दिलाया। छात्रों ने समर्थन में पूर्व और संशोधित परिणामों की प्रतियां और अन्य विश्वविद्यालयों में लागू उत्तीर्णता मानकों से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं।

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