बेटे पर न आए बाधा, माताओं ने रखा संकट चौथ का व्रत
Jaunpur News - 0 जगह जगह महिलाओं ने किया पूजन, पूरे दिन रहीं निराजल ने निराजल रहकर पूजन किया और भगवान गणेश से मंगल की कामना कीं। प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष
जौनपुर, संवाददाता। पुत्र की दीर्घायु और उसे स्वस्थ रखने की कामना के साथ माताओं ने शुक्रवार को सकट चौथ यानी गणेश चतुर्थी व्रत रखा। माताओं ने निराजल रहकर पूजन किया और भगवान गणेश से मंगल की कामना कीं।
प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को यह व्रत किया जाता है। पूरे साल माताओं को इसका इंतजार होता है। इस साल शुक्रवार को यह तिथि पड़ी तो महिलाओं ने आस्था और परंपरागत तरीके से व्रत किया। इस दिन भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व है। कर्मकांडी ब्राह्मणों की मानें तो सकट चौथ जिसे तिल चौथ के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से संतान के लिए लंबी आयु, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसे तिलकुट चौथ, माघ संकष्टी चतुर्थी आदि नामों से भी पुकारा जाता है। माताओं ने सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण किया और पूजा स्थल को शुद्ध करके भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को एक साफ स्थान पर स्थापित किया। भगवान गणेश को दुर्वा, फूल, शमी पत्र ,चंदन और तिल से बने लड्डू अर्पित अर्पित करके पूजन किया। जौनपुर शहर, शाहगंज, खेतासराय, बदलापुर, सिकरारा, केराकत, जलालपुर आदि क्षेत्रों में शाम को चंद्रमा को देखकर जल से अर्घ्य अर्पित किया।
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