पुलिस की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते गई दलित किशोरी की जान
मछलीशहर, हिन्दुस्तान संवाद। दो दिन से लापता दलित किशोरी की मौत के मामले में
मछलीशहर, हिन्दुस्तान संवाद। दो दिन से लापता दलित किशोरी की मौत के मामले में परिवार के लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि तहरीर देने के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ी, लेकिन पैसे लेकर छोड़ दी। यानी पुलिस की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण ही किशोरी की जान गई। उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया। इस मामले में आईजी ने सीओ मछलीशहर को मामले की जांच करने के लिए कहा है। उधर, पीड़ित पिता ने आरोप लगाया कि एक दिन पहले एक आरोपी के घर जाने पर उसकी बहन ने बेटी से फोन पर बात भी करवायी थी। ऐसे में साफ है हत्या करने वालों से पुलिस मिली हुई है।
मछलीशहर के एक मोहल्ले में हुई घटना के बाद जब पुलिस महानिरीक्षक मोहित गुप्ता पहुंचे तो परिवार के लोग चिल्ला चिल्ला कर पुलिस पर आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि यदि पैसा लेकर आरोपियों को छोड़ा नहीं गया होता तो आज बेटी जिंदा होती। बताया कि 20 तारीख यानी बुधवार को ही दिन में बेटी गायब हो जाती है। पिता उसी दिन रात 11 बजे मछलीशहर कोतवाली पहुंचता है और नामजद तहरीर पुलिस को देता है। पुलिस 21 तारीख की सुबह आरोपियों को पड़कर लाती है, लेकिन शाम पांच बजे तक थाने में रखने के बाद आरोपियों को छोड़ दिया जाता है। पिता का आरोप है छुटने के बाद खुन्नस में आरोपी पुत्री का ना सिर्फ बलात्कार करते हैं बल्कि रात में ही उसकी हत्या करके शव को तालाब में फेंक देते हैं। आरोप लगाया कि जब 20 को ही पुलिस को सूचना दे दी गईतो गुमशुदगी का मुकदमा दूसरे दिन 22 तारीख की रात 12:13 बजे क्यों दर्ज किया गया। वह भी नामजद तहरीर देने के बावजूद अज्ञात लोगों पर मुकदमा हुआ। पिता ने मछलीशहर पुलिस की रिश्वतखोरी की लिखित शिकायत पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी मोहित गुप्ता से की है।
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