पीयू के शोधार्थियों को मलेशिया और रसिया से मिलेगा सहयोग
- मलेशिया के एशिया पैसिफिक यूनिवर्सिटी से पीयू का हो चुका है एमओचूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के शोधार्थियों को अब पहले से ज्यादा सुविधा, कंटेंट और व
जौनपुर, कार्यालय संवाददाता। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के शोधार्थियों को अब पहले से ज्यादा सुविधा, कंटेंट और विषय मिलेंगे। इनके शोध को पूरा करने में मलेशिया और रसिया के विश्वविद्यालय भी सहयोग करेंगे। इन दोनों देशों के भी शोधार्थियों को पूर्वांचल विश्वविद्यालय यहां से कंटेंट मुहैया कराएगा। इसके लिए एशिया पैसिफिक यूनिवर्सिटी मलेशिया से एमओयू हो चुका है, जबकि रसिया के साउदर्न फेडरल यूनिवर्सिटी के बीच करार अंतिम दौर में है। एक सप्ताह या 15 दिन में यह भी फाइनल हो जाएगा। विश्वविद्यालय की इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता और शोध में पहले से ज्यादा तेजी आएगी। मौजूदा समय में देश और विदेश में शोध के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ रही हैं। नए नए निसर्च हो रहे हैं और नई तकनीकी इजात की जा रही है। इन सबके बीच पूर्वांचल के छात्राओं की शिक्षा में गुणवत्ता का विकास करने के लिए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने पहल की है। इसके तहत विदेशी विश्वविद्यालयों से मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) कर रहा है। पीयू के प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो अभी एक माह पहले ही मलेशिया की यूनिवर्सिटी से एमओयू फाइनल हुआ है और रसिया के एक यूनिविर्सटी से एमओयू की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। छात्र-छात्राओं को करीब 52 विषयों में शोध करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही तीन अन्य देशों के विश्वविद्यालयों से भी बात चल रही है। दिसंबर या जनवरी तक इसमें सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है।
क्या-क्या होगा
दोनों देश के विश्वविद्यालयों के छात्र संयुक्त रूप से रिसर्च कर सकेंगे। रिसर्च के सिलसिले में ऑनलाइन और ऑफलाइन पठन-पाठन की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। छात्र फैकल्टी वार फैकल्टी पब्लिकेशन करेंगे। इसके अलावा रिसर्च संबंधित सभी पहलुओं पर काम करेंगे। शिक्षक एक्सचेंज विजिट दोनों देशों में होता रहेगा। यदि कोई शोध छात्र रसिया या मलेशिया के विश्वविद्यालय से शोध करना चाहे तो उसे पीयू में ऑनलाइन कक्षा दी जाएगी। वहां से कंटेंट आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
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शोध के लिए 300 से अधिक सीटें बढ़ेंगी
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 60 नए शोध गाइड बने हैं। इसकी वजह से करीब 300 से अधिक सीटें बढ़ने का अनुमान है। विश्वविद्यालय कुल 52 विषयों में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा करने का निर्णय लिया है। कुलपति डॉ. वंदना सिंह ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था उसी आधार पर 60 नये गाइड बनाए गए हैं। पीएचडी प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। जिससे छात्रों को काफी सहूलियत मिलेगी। 60प्रतिशत सीटों पर नेट, गेट जेआरएफ छात्रों को सीधे प्रवेश दिया जाएगा। बाकी पर प्रवेश परीक्षा के जरिए।
कोट::
मलेशिया के विश्वविद्यालय से एमओयू हो चुका है, जबकि रसिया का होने का कगार पर है। अन्य तीन विश्वविद्यालयों से भी बातचीत चल रही है। जनवरी तक होने की उम्मीद है। छात्र छात्राए संयुक्त रूप से रिसर्च डिप्लोमा, शोध कर सकेंगे।
- डॉ. मनोज कुमार पांडेय, नोडल अधिकारी-पूविवि
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