मुक्ति का सहज मार्ग भागवत कथा
मुक्ति का सहज मार्ग भागवत कथा था के समापन पर आयोजित भंडारे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर राम आसरे यादव, रामचेत याद
सुइथाकला। क्षेत्र के गंजरिया गांव में बजरंग सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन शनिवार को भंडारा के साथ हुआ। कथा के अंतिम दिन श्रीधाम वृंदावन के कथा व्यास कौशल किशोर पंडित ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा संसारिक बंधनों से मुक्ति का सहज मार्ग है। उन्होंने कृष्ण-सुदामा की मित्रता पर विस्तार से प्रकाश डाला। कथा के समापन पर आयोजित भंडारे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर राम आसरे यादव, रामचेत यादव, राजेश यादव, संजय पाण्डेय, डॉ.लालजी यादव, मुन्ना तिवारी, प्रेमा देवी अन्य मौजूद रहे। लंका दहन होते ही लगा श्रीराम का जयकारा
सुइथाकला। हनुमत रामलीला समिति के मंच पर शुक्रवार की रात राम-हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मित्रता, बालि वध, लंका दहन की लीला हुई। हनुमान जी ने जैसे ही राम, लक्ष्मण को कंधे पर उठाया पूरा पंडाल जै श्री राम के जयकारे से गूंज उठा। लंका दहन के दृश्य पर भगवान राम का जयकारा लगा। बालि-सुग्रीव का युद्ध देख दर्शक रोमांचित हो उठे। अशोक वाटिका में सीताजी की दशा देख दर्शक दुखी हो गए। मंच संचालन जयप्रकाश अग्रहरी ने किया। मंच संचालन प्रबंधक सुरेश गुप्ता व गोविन्दा सोनी ने किया।
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