जब उन्हें राम से काम नहीं तो राम के काम से क्या काम, महाकुंभ में गैर हिन्दुओं की एंट्री पर बोले बागेश्वर बाबा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की दुकानों और गैर हिंदुओं की एंट्री बैन करने की बात का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें राम से कोई काम नहीं है तो राम के काम से क्या काम।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की दुकानों और गैर हिंदुओं की एंट्री बैन करने की बात का समर्थन किया है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जब उन्हें राम से कोई काम नहीं है तो राम के काम से क्या काम। इसलिए गैर हिंदुओं को महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए।
बागेश्वर बाबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिन्हें सनातन संस्कृति का ज्ञान हो, हिंदू धर्म के बारे में पता हो, देवी-देवताओं के बारे में पता हो, पूजन पद्धति के बारे में पता हो, पूजन की सामग्री का कितना सम्मान किया जाए इस बारे में पता हो उसी को यह कार्य दिया जाए, तो ही उत्तम है।
उन्होंने आगे कहा कि अब जिन्हें इस बारे में पता ही नहीं है, वो अगर विक्रय करेंगे तो निश्चित रूप से नाश ही करेंगे। उल्टा ही करेंगे। कहीं थूक कांड मिले, फलों के ऊपर गंदगी चिपकाते मिले, एक जगह पेशाब कांड मिला। इससे यह सिद्ध होता है कि कुछ षडयंत्रकारी, हम यह नहीं कहते कि ये वो लोग हो सकते हैं, कोई भी हो सकता है। इसलिए गैर हिंदुओं को महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम, वहां पर त्रिवेणी है, संगम है, महाकुंभ है, संतों का दर्शन है। तुम्हें कथा से कुछ लेना-देना नहीं, तुम्हें हिन्दुत्व से लेना-देना नहीं, तुम्हें सनातन से लेना-देना नहीं। तुम्हें राम से लेना-देना नहीं। जब तुम्हें राम से कोई काम नहीं है तो राम के काम से तुम्हारा क्या काम।
बता दें कि, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार तैयारी तेज कर दी है।
महाकुंभ से 45 हजार से अधिक परिवारों को मिलेगा रोजगार
वार्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है और आगामी महाकुंभ इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। सूत्रों ने कहा कि अनुमान है कि इस भव्य आयोजन से जुड़े प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों से 45,000 से अधिक परिवारों को लाभ होगा।
गौरतलब है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयागराज में कई प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन पहलों का उद्देश्य विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के कौशल को बढ़ाना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों। मौजूदा व्यवसायों को समर्थन देने के अलावा, इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विभिन्न धार्मिक पर्यटन स्थलों के आसपास रोजगार के नए स्रोत पैदा होने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास में और योगदान मिलेगा।
योगी सरकार ने यूपी में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए कई पहल की हैं, जिसमें नई पर्यटन नीति-2022 को मंजूरी देना भी शामिल है, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिला है। नीति का लक्ष्य 20,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और 10 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित करना है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यटन उद्योग में सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और प्रबंधन प्रशिक्षण से जोड़ना है। प्रयागराज महाकुंभ इस प्रयास के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य कर रहा है।