इंशा अल्लाह सब ठीक होगा...आजीवन कारावास की सजा पाए मौलाना कलीम के नाम से ऑडियो हुई वायरल
- धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए मौलाना कलीम के नाम से एक ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है। एक मिनट 23 सेकेंड के इस ऑडियो में लोगों को परेशान न होने का संदेश दिया जा रहा है।
धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए मौलाना कलीम के नाम से एक ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है। एक मिनट 23 सेकेंड के इस ऑडियो में लोगों को परेशान न होने का संदेश दिया जा रहा है। इस ऑडियो को मौलाना कलीम का संदेश बताकर वायरल किया जा रहा है। हिन्दुस्तान इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
मौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके साथी उमर गौतम समेत 16 लोगों को एनआईए कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई थी। गुरुवार को मौलाना कलीम सिद्दीकी के नाम से एक ऑडियो मैसेज सोशल मीडिया और व्हाट्सएप व अन्य माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। यह ऑडियो कब और किसने रिकॉर्ड किया इस बात की जानकारी नहीं दी गई है। ऑडियो में एक शख्स बोल रहा है कि जो भी कुछ होता है, वह अल्लाह की मर्जी से होता है। उनका ही फैसला समझकर इस सभी को मान लें। कहा जा रहा है कि सभी लोग बेफिक्र रहें।
अल्लाह इस सबसे बाहर निकाल देगा। कोई परेशान और मायूस न हो। कोई उम्मीद न छोड़े। इंशा अल्लाह सब ठीक होगा। यह आवाज मौलाना कलीम की बताई जा रही है लेकिन हिन्दुस्तान इसकी पुष्टि नहीं करता है। फिलहाल पुलिस प्रशासन की जानकारी में भी यह वायरल ऑडियो आया है। इसे लेकर अफसर जांच की बात कह रहे हैं।
मौलाना कलीम समेत सात लोगों पर मुजफ्फरनगर में भी चल रहा मुकदमा
धर्मांतरण प्रकरण में खतौली के फुलत गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी को आजीवन कारावास की सजा मिली चुकी है लेकिन अभी एक और मुकदमे में फैसला आना बाकी है। चरथावल के युवक ने धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए मौलाना कलीम उनके चालक सलीम समेत सात आरोपियों के खिलाफ नवंबर 2021 में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है। एक अक्तूबर को सीजीएम द्वितीय की कोर्ट में सुनवाई होनी है।
चरथावल थाने में 10 नवंबर 2021 को एक मुकदमा दर्ज हुआ था। चारथावल के पीड़ित युवक ने तहरीर में बताया था कि फर्नीचर शोरूम में काम करते समय उसकी मुलाकात सलीम से हुई थी। मई 2014 में आरोपी उसे खतौली तहसील क्षेत्र के फुलत गांव स्थित जामिया इमाम शाह वलीउल्लाह इस्लामिया मदरसा ले गया। वहां पर सलीम ने उसे मौलाना कलीम सिद्दीकी से मिलवाया। कलीम ने उसे कलमा पढ़वा कर धर्म परिवर्तन कराते हुए उसका नाम अब्दुल्ला रख दिया। इतना ही नहीं उसे जमात में ले जाकर नमाज व कलमा पढ़ना सिखाया गया।
कलीम ने वर्ष 2015 में उसे मदरसा देवबंद में उर्दू व अरबी भाषा सीखने के लिए भेजा दिया था। इस मामले में पुलिस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी, हाजी सलीम, दिलशाद, जाहिद मुल्ला, नौशाद, मोमीन और इसरार प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।आरोपियों के खिलाफ 17 अप्रैल 2022 को पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। कोर्ट से आरोपियों को समन जारी किए गए थे, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। अब दोबारा से समन जारी किए गए हैं।
गोमांस खाने का दबाव बनाने पर भाग गया था पीड़ित
तहरीर के अनुसार 25 अक्तूबर 2021 को देवबंद में उसकी पिटाई की गई और उस पर गोमांस खाने का दबाव बनाया गया। इसके बाद पीड़ित किसी तरह जान बचाकर वहां से भगने में सफल रहा। लेकिन मौलाना कलीम के रूतबे और डर के चलते वह मुकदमा नहीं लिखा पाया। धर्मांतरण का केस खुलने के बाद आरोपी ने भी हिम्मत बटोर कर पुलिस में शिकायत की।