Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़in up wait for jobs of these deceased dependents will end soon chief secretary letter creates stir

यूपी में इन मृतक आश्रितों का नौकरी के लिए इंतजार जल्‍द होगा खत्‍म, मुख्‍य सचिव के पत्र से मचा हड़कंप

  • विभागों से पूछा गया है कि उनके यहां कितने सरकारी कर्मियों की मौत हुई है। उनके कितने आश्रितों को अब तक नौकरी दी जा चुकी है। आश्रितों की नौकरी न देने वाले विभागों से भी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। मुख्य सचिव के इस पत्र के बाद सरकारी विभागों में हड़कंप मचा हुआ है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, लखनऊ। हिन्‍दुस्‍तानSun, 17 Nov 2024 06:33 AM
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Job under deceased dependent quota: कोविड-19 महामारी के दौरान मरे सरकारी कर्मियों के बचे हुए आश्रितों का इंतजार जल्‍द खत्‍म होगा। उन्‍हें नौकरी देने में आनकानी करने वाले विभागों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में पूरी रिपोर्ट विभागवार तलब की है। विभागों से पूछा गया है कि उनके यहां कितने सरकारी कर्मियों की मौत हुई है और उनके कितने आश्रितों को अब तक नौकरी दी जा चुकी है। आश्रितों की नौकरी न देने वाले विभागों से स्थिति स्पष्ट करने को भी कहा गया है। मुख्य सचिव के इस पत्र के बाद सरकारी विभागों में हड़कंप मचा हुआ है।

वर्ष 2019 में कोराना महामारी के दौरान कई सरकारी कर्मचारियों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने सख्त आदेश दिया था कि ऐसे कर्मियों के बकाए का भुगतान किया जाएगा और उनके आश्रितों को जल्द प्रक्रिया पूरी करते हुए नौकरी दी जाएगी। मुख्य सचिव को जानकारी में आया है कि इसके बाद कुछ विभाग ऐसे हैं जहां सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है। कुछ आश्रितों ने इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय को पत्र भी भेजा है कि बिना वजह उन्हें नौकरी देने के लिए दौड़ाया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि इसके आधार पर ही सभी सरकारी विभागों से इसके बारे में जानकारी मांगी गई है। उनके पूछा गया है कि उनके विभाग में कोविड-19 महामारी के दौरान कितने सरकारी कर्मियों की मौत हुई है। मौत के बाद क्या इनका कोई आश्रित अनुकंपा नौकरी का हकदार था। अगर हकदार था तो क्या उसे नौकरी मिल गई है या नहीं।

अगर नौकरी नहीं मिली है तो इसकी क्या वजह है। इसकी पूरी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर कोई पात्र बच हुआ है तो अभियान चलाकर उसे तत्काल नौकरी देते हुए इसकी पूरी रिपोर्ट जल्द दी जाए।

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