असिस्टेंट प्रोफेसर बनवाने के नाम पर 22 लाख ठगे, थमा दिया फर्जी नियुक्ति पत्र और पीएचडी की डिग्री
- कानपुर के स्वरूपनगर की युवती को PhD की डिग्री दिलाने और सीएसजेएम युनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाने के नाम पर 22 लाख से ज्यादा की ठगी की गई। उसे पीएचडी की फर्जी डिग्री और नियुक्ति पत्र भी थमा दिया।
कानपुर के स्वरूपनगर की युवती को पीएचडी की डिग्री दिलाने और सीएसजेएम युनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाने के नाम पर 22 लाख से ज्यादा की ठगी की गई। उसे पीएचडी की फर्जी डिग्री और नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। जब युवती सीएसजेएयू पहुंची तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जन शिकायत प्रकोष्ठ से स्वरूपनगर थाने में 4 आरोपितों पर जालसाजी, अमानत में खयानत समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
आर्य नगर की तान्या दीक्षित ने बताया पनकी के विक्रम सिंह सेंगर उसकी मां तृप्ती सेंगर, मित्र प्रियंका सेंगर का घर पर आना-जाना है। उन्होंने सीएसजेएमयू सहित अन्य जगहों पर ऊंची पहुंच की बात कही। कई लोगों की पूर्व में नौकरी भी लगवाने की बात भी बताई। झांसे में आकर तान्या ने भी पीएचडी करवाने को कहा। विक्रम ने कहा पीएचडी के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी भी करना। 22 लाख का इंतजाम करो। 48 हजार रुपये विक्रम के खाते में ट्रांसफर कर दिए। तान्या के मुताबिक, विक्रम ने बताया अलीगढ़ स्थित निजी विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन करा दिया है। इसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी को 18.50 लाख रुपये की व्यवस्था करने को कहा।
26 अप्रैल को 5.50 लाख नगद व 13 लाख रुपये तान्या की मां निशा दीक्षित के खाते से विक्रम को भेज दिए गए। 20 हजार प्रियंका के खाते में भेजे। 22 जून को प्रोफेसर का नियुक्ति पत्र डाक के माध्यम से आया, जबकि विक्रम ने जुलाई को व्हाट्सएप से पीएचडी की डिग्री भेज दी। बिना आवेदन किए व परीक्षा दिए नियुक्ति पत्र और डिग्री हासिल होने पर संदेह हुआ। पूछताछ की तो शातिर तीन लाख रुपये की और मांग करने लगे। डर के चलते विक्रम की मां के खाते में 3 लाख और ट्रांसफर कर दिए। उधर 11 जुलाई को तान्या कानपुर विवि जाकर रजिस्ट्रार से मिली और नियुक्ति पत्र दिखाया तो पता चला कि फर्जी है।