यूपी की इस यूनिवर्सिटी में दो छात्राओं को मिले थे बराबर नंबर, टॉपर तय करने में छूट गया पसीना
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 9 वां दीक्षांत समारोह 29 अगस्त को है। यहां टॉपर्स लिस्ट तैयार करने के दौरान अनोखा मामला सामने आया है।
University Topper News: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 29 अगस्त को आयोजित होने वाले 9वें दीक्षांत समारोह से टॉपर्स लिस्ट तैयार करने के दौरान अनोखा मामला सामने आया है। बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की दो छात्राओं को एक समान अंक मिले थे। टॉपर के फैसले के लिए कुलपति को चार सदस्यीय समिति गठित करनी पड़ी। उन्हें भी फैसला लेने में पसीना छूट गया। बीटेक में पहली बार ‘टाईब्रेकर’ में पहुंचे इस केस में पल्लवी सिंह सिविल इंजीनियरिंग विभाग की टॉपर बनी हैं।
एमएमएमयूटी में सत्र 2023-24 में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में दो छात्राओं क्रमश पल्लवी सिंह और निधि मिश्रा ने एक समान 9.13 सीजीपीए प्राप्त किया था। किसी एक को विद्यार्थी को ही टॉपर घोषित किया जाता है। इसे देखते हुए कुलपति प्रो. जेपी सैनी के संज्ञान में यह मामला लाया गया। कुलपति ने इसके लिए चार सदस्यीय समिति गठित की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिपोर्ट के आधार पर टॉपर के रूप में पल्लवी सिंह को चुना है।
रिपोर्ट के मुताबिक पल्लवी सिंह ने प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था, जबकि निधि मिश्रा ने लेटरल एंट्री के जरिए दूसरे वर्ष में प्रवेश लिया था। दोनों के बीटेक में समान अंक होने के कारण द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष के प्राप्तांक का मिलान किया गया। इसमें पल्लवी को अधिक अंक मिले थे।
समिति की ये थीं सिफारिशें
समिति ने सिफारिश की थी कि समान अंक होने पर अंतिम तीन वर्ष का परिणाम देखा जाए। इसमें भी टाई हो जाने पर प्रैक्टिकल वाले विषय का अंक हटाकर थ्योरी के अंकों के आधार पर टॉपर घोषित किया जाए। वहां भी रिजल्ट टाई हो जाने पर इलेक्टिव पेपर को हटाकर प्राप्तांक का मिलान हो।
उदिशा सिंह बनीं बीटेक की ओवरऑल टॉपर
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की उदिशा सिंह बीटेक की ओवरऑल टॉपर बनी हैं। उन्हें बीटेक में कुल 9.40 सीजीपीए प्राप्त हुआ है। ओवरऑल टॉपर बनने पर विश्वविद्यालय का कुलाधिपति पदक उदिशा सिंह को मिलेगा। इसके अलावा कुलपति पदक समेत आधा दर्जन पदक भी मिलेंगे।
क्या बोले कुलपति
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो.जे.पी.सैनी ने कहा कि सिविल में दो छात्राओं को एक समान अंक मिले थे। इसे देखते हुए समिति गठित की गई थी। टाईब्रेकर में समिति की रिपोर्ट के आधार पर टॉपर का फैसला किया गया।