नाबालिग से रेप केस में तेजी से चली कार्यवाही, दोषी पाए गए शख्स को 5 महीने में मिली 25 साल की सजा
- बलिया में 13 साल की एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए रेप के मामले में पुलिस और अदालत दोनों ही ने तेजी से कार्यवाही की। मामले में उसी दिन पकड़े गए शख्स के खिलाफ 44 दिन में आरोप पत्र चार्जशीट दाखिल कर दी गई। कुल 47 दिन सुनवाई चली और अब करीब 5 महीने बाद कोर्ट ने दोषी को 25 साल कैद की सजा भी सुना दी है।
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Punishment in rape case: यूपी के बलिया में करीब पांच महीने पहले 13 साल की एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए रेप के मामले में पुलिस और अदालत, दोनों ही ने तेजी से कार्यवाही की। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तत्काल ऐक्शन लेते हुए आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिसा था। इसके बाद विधिक कार्यवाही में भी पुलिस ने वैसी ही तेजी दिखाई। 44 दिन में आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया गया। कुल 47 दिन सुनवाई चली जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को दोष सिद्ध करार दिया। अब दोषी को 25 साल कैद की सजा भी सुना दी गई। दोषी पर 35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
बलिया के बिल्थरारोड इलाके की एक महिला ने 21 अगस्त 2024 को उभांव पुलिस को तहरीर दी थी। महिला ने पुलिस को बताया था कि वह अपनी छोटी बेटी को इलाज के लिए सीएचसी सीयर लेकर गई थी। लौटी तो पता चला कि अपने ननिहाल में रह रहा भीमपुरा थाना क्षेत्र के मुहम्मदपुर मठिया के रहने वाले आलोक ने 13 साल की बेटी को छत के रास्ते अपने रिश्तेदार के घर में ले जाकर दुष्कर्म किया है। महिला की तहरीर के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। मामले की विवेचना के बाद उभांव पुलिस ने 44 दिन में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) प्रथमकांत ने दोषसिद्ध पाते हुए आरोपी को 25 साल की कैद और 35 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा का आदेश दिया है।
44 दिन में चार्जशीट, 47 दिन में सुनवाई पूरी
किशोरी के साथ रेप के मामले में पुलिस और कोर्ट ने तेजी के साथ कार्रवाई की है। यही कारण है कि इतनी जल्दी दोषी को सजा मिल सकी है।
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21 अगस्त 2024 को हुई घटना के बाद उभांव पुलिस ने उसी दिन मुकदमा दर्ज कर आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया था। जांच अधिकारी एसओ उभांव विपिन सिंह ने 44 दिनों में विवेचना पूरी कर तीन अक्तूबर को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। दो दिसम्बर 2024 से विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हुई। गवाही आदि को लेकर करीब 47 दिनों में तक न्यायालय की कार्यवाही चली। शनिवार को न्यायालय ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया। मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकरण से जुड़े कुछ साक्ष्यों को पुलिस की ओर से जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला गोरखपुर भेजा गया था। वहां से 11 जनवरी को जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सुनवाई पूरी हो सकी है।