मोबाइल को हैकिंग से बचाना है तो यह करना जरूरी, CSJMU में साइबर विशेषज्ञ ने दी जानकारी
कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) में चल रही कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि किस प्रकार अपने मोबाइल फोन को हैकिंग से बचाया जा सकता है।
मोबाइल फोन आज सभी के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। घर हो या बाहर हम मोबाइल फोन के बिना नहीं रह पाते हैं। इस फोन ने तमाम सुविधाएं दी हैं तो वहीं कई तरह की दिक्कतें भी इसके कारण सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी दिक्कत हैकिंग और साइबर ठगी से संबंधित समस्याएं हैं। इसका उपाय भी हमारे पास ही है। इन उपायों पर आजकल कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) में चल रही कार्यशाला में बताया गया। पुलिस समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के लिए काम कर रहे एथिकल हैकर संजय मिश्रा ने कहा कि यदि आपके मोबाइल फोन का सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं है तो उसका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। साफ्टवेयर अपडेट रखने पर 50 फीसदी हैकिंग का खतरा कम हो जाता है।
CSJMU के एल-1 सभागार में साइबर सुरक्षा पर चल रही कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को विशेषज्ञों ने बचाव की जानकारी दी। विवि, राष्ट्रीय विचारक समिति और पुलिस कमिश्नरेट की ओर से आयोजित कार्यशाला में विवि के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, सीडीसी निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, आईआईटी के प्रो. अर्णव भट्टाचार्य, एनसीसी के कमांडिंग अफसर कर्नल नीरज नैथानी व दिल्ली से आए एथिकल हैकर संजय मिश्रा ने शुभारंभ किया।
नेहरू नगर स्थित ब्लाइंड स्कूल के दिव्यांग छात्र और उनकी मेंटर डॉ. प्रतिभा गुप्ता ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि मोबाइल पर अनावश्यक एप डाउनलोड न करें। अनजान ई-मेल, मैसेज को न तो क्लिक करें और न ही अनजान कॉल पर ज्यादा बात करें। लीगल एडवाइजर चिन्मय पाठक ने साइबर अपराध के विभिन्न प्रकारों को समझाया। प्रो. अर्णव ने कहा कि साइबर सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस काफी मददगार है लेकिन अपराध में भी उतनी ही खतरनाक है। इस मौके पर बलराम नरूला, डॉ. उमेश पालीवाल, उमेश दीक्षित, प्रो. जया मिश्रा, डॉ. रचना सिंह, प्रो. रॉबिन्स पोरवाल, विनोद कुमार धवन, प्रो. निरंकार तिवारी आदि मौजूद रहे।
टाइम बम है मोबाइल, संभाल कर करें उपयोग
कर्नल नीरज नैथानी ने कहा कि मोबाइल एक टाइम बम की तरह है। जरा सी गलती बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए, इसका उपयोग संभल कर करें। साइबर क्राइम में वृद्धि लोगों को डरा रही है क्योंकि यह श्रेणी के कई अपराध सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल मयंक गोयल ने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता शुरुआती कक्षाओं से होना चाहिए। क्योंकि वर्तमान में 50 फीसदी घरों में युवा पीढ़ी सिर्फ सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि मोबाइल से लेनदेन करने में एक्टिव हैं। उन्होंने सुरक्षा उपायों के बारे में भी जानकारी दी। वहीं, पुलिस कमिश्नरेट में एसीपी मोहसिन खान ने कहा कि साइबर फ्रॉड की जितनी जल्दी शिकायत करेंगे, रिकवरी और कार्रवाई उतनी बेहतर होगी।