‘अगर आप 12 बजे सोकर उठेंगे तब तो…’, CM योगी ने सुनाया रोचक किस्सा; स्वस्थ रहने के लिए दी ये सलाह
- सीएम ने एक पुराना किस्सा सुनाते हुए कहा कि हमारी दिनचर्या तब खराब होती है, जब हम समय पर सोते नहीं और समय पर जागते नहीं हैं। उन्होंने अच्छे स्वास्थ्य के लिए लोगों को नियम संयम से रहने और समय पर सोने और समय से जागने की सलाह दी।
CM Yogi Adityanath News: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने विशेष व्याख्यान के दौरान लोगों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियम संयम से रहने और समय पर सोने और समय से जागने की सलाह दी। सीएम ने एक पुराना किस्सा सुनाते हुए कहा कि हमारी दिनचर्या तब खराब होती है, जब हम समय पर सोते नहीं और समय पर जागते नहीं हैं। यह तीन दिवसीय संगोष्ठी महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) की तरफ से आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक अंतरसंबंधों पर आयोजित की गई थी। संगोष्ठी के दूसरे दिन सीएम योगी अपना विशेष व्याख्यान दिया। इस दौरान उन्होंने 4 साल पहले की एक घटना का जिक्र करते हुए एक रोचक किस्सा सुनाया। इसमें रात को 2 या 3 बजे तक जागकर लेखन करने और दिन में 10-12 बजे तक सोने वाले एक पदाधिकारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप 12 बजे सोकर उठेंगे तब तो स्वस्थ नहीं रह सकेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं।
सीएम योगी ने कहा, 'हमारे एक बहुत वरिष्ठ पदाधिकारी थे। उत्तर प्रदेश विधानसभा के संचालन के साथ उन्हें जोड़ना था, लेकिन उनकी हालत ऐसी थी कि लगता था कि कभी भी उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ सकती है। संबंधित अधिकारी के बारे में हमारे मंत्री ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, ऐसे में विधानसभा का संचालन कैसे होगा? इसके बाद सत्र के दौरान मैं अचानक उनके चैंबर में पहुंच गया। मैंने देखा कि वह अपनी चेयर में लुढ़के हुए थे। जब संबंधित अधिकारी ने मुझे देखा तो उन्होंने खड़े होने का प्रयास किया, लेकिन खड़े नहीं हो पा रहे थे। इस पर मैंने उनसे पूछा कि आपकी तबियत खराब है? उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इस पर मैंने उनसे सवाल किया कि क्या आप सत्र चला पाएंगे या मुझे कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी है? इस पर संबंधित पदाधिकारी ने बताया कि मैं इसका पूरा प्रयास करूंगा। लेकिन मैंने कहा कि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसके बाद मैं उनके पास बैठ गया। जब उन्होंने मुझे देखा तो उनकी चेतना थोड़ी सी जागृत होती हुई दिखाई पड़ी। इस दौरान मैंने उनसे सवाल पूछा कि आप कितने बजे सोकर उठते हैं? इस पर उन्होंने बताया कि विधानसभा चल रही है तो 10 बजे सोकर उठ रहा हूं और अन्य दिनों में 12 बजे उठता हूं। मैंने कहा कि अगर 12 बजे आप सोकर उठेंगे तब तो आपको…जाना चाहिए। इस पर वो मुझे देखने लगे तो मैंने पूछा कि सोते कितने बजे हैं? उन्होंने बताया कि रात को 2 या 3 बजे। इस पर मैंने कहा कि यह कोई सोने का समय है? मैंने उन्हें सलाह दी कि आप अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करें और कोशिश करें कि 11 बजे सो जाएं। यह एक दिन में नहीं होगा, इसलिए हर रोज आधे घंटे समय को कम कीजिये। इसके बाद 10 बजे तक हर हाल में सो जाइये। मुझे संबंधित पदाधिकारी ने बताया कि मुझे लेखन का काम करना होता है। इस पर मैंने उनसे कहा कि लिखने-पढ़ने का जो भी काम हो उसे आप ब्रम्हमूर्त में किया करिए। मैंने उन्हें सलाह दी कि रात में जल्दी से सोईये और सुबह में जल्दी जागिए। मैंने उन्हें बताया कि इससे आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। पहले आप खुद को नियम संयम से जोड़ लीजिये। समय पर जागना और समय पर सोना, समय पर नाश्ता और भोजन लेना, यदि आप इतना कर लेंगे तो अगले एक महीने बाद आपके शरीर में एक चेतना दिखेगी।'
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सीएम योगी ने कहा कि जो पदाधिकारी तीन साल पहले उस तरह की मरणासन्न हालत में थे आज वे दिनचर्या में बदलाव के बाद मेरे पास चलकर आते हैं और पूरी तरह से स्वास्थ्य हैं। सीएम ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति 10 बजे तक सो जाए और सुबह जल्दी उठे और अपनी क्रियाओं को नियमित कर ले तो वह अपने आप ही आरोग्यता को प्राप्त कर सकता है।
‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्'
सीएम योगी ने कहा कि भारतीय मनीषा मानती है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्'। अर्थात धर्म की साधना के लिए शरीर ही माध्यम है। धर्म के सभी साधन स्वस्थ शरीर से ही संभव हो सकते हैं। धर्मपरक जीवन से ही अर्थ, कामनाओं की सिद्धि और फिर मोक्ष प्राप्ति संभव है। इस परिप्रेक्ष्य में धर्म साधना से जुड़े जीवन को लेकर आयुर्वेद, योग और नाथपंथ की मान्यता के समान है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की मान्यता है कि चराचर जगत पंचभूतों से बना है। इन्हीं पंचभूतों से हमारा शरीर भी बना है। महायोगी गुरु गोरखनाथ ने भी कहा है कि पिंड में ही ब्रह्मांड समाया है। जो तत्व ब्रह्मांड में है वही हमारे शरीर में भी हैं।
आयुर्वेद, योग और नाथपंथ सबका ध्यान नियम-संयम पर
सीएम योगी ने कहा कि भारतीय मनीषा में हर व्यक्ति के जीवन का एक अभीष्ट होता है, धर्म के पथ पर चलते हुए मोक्ष की प्राप्ति करना प्रति करना। धर्म की साधना के लिए स्वस्थ शरीर की अपरिहर्ता हमारे ऋषियों, मुनियों ने बताई है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद, योग और नाथपंथ, तीनों नियम-संयम पर जोर देते हैं। आयुर्वेद में जहां व्याधियों को दूर करने के लिए औषधियों और पंचकर्म की पद्धतियां हैं तो वही योग में भी हठयोग, राजयोग, ज्ञानयोग, लययोग और क्रियायोग की विशिष्ट विधियां हैं। इसी क्रम में शरीर की आरोग्यता के लिए नाथपंथ का हठयोगी योग को खट्कर्म से जोड़ता है। आयुर्वेद, योग और नाथपंथ की पद्धतियां, तीनों ही वात, पित्त और कफ से जनित रोगों के निदान के लिए एक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं और वह मार्ग है नियम-संयम। सीएम योगी ने कहा कि आयुर्वेद, योग और नाथपंथ तीनों ही व्यवहारिकता के स्तर पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। तीनों ने ही शरीर को पंचभौतिक माना है