यूपी के इस शहर में कुत्ता पाले हैं तो जान लीजिए नगर निगम के ये नियम, चूके तो हो जाएंगे परेशान
लम्बे इंतजार के बाद गोरखपुर में पालतू श्वान, पेट शॉप, गो-भैंस पालन और डेयरी संचालन के लिए नगर निगम सदन से पारित उपविधियों का गजट प्रकाशन हो गया है।
Dog keeping rules: यूपी के गोरखपुर शहर में कुत्ता पाले हैं तो नए नियमों को जरूर जान लीजिए और इनका पालन करिए। एक साल के लम्बे इंतजार के बाद इस शहर में पालतू श्वान, पेट शॉप, गो-भैंस पालन और डेयरी संचालन के लिए नगर निगम सदन से पारित उपविधियों का गजट प्रकाशन हो गया है। इसके तहत पिटबुल और राट वीलर समेत कई खतरनाक प्रजाति के श्वानों को पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रकाशन की तिथि से ही यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इन दोनों ही उपविधियों को निगम सदन की तीसरी बैठक में बोर्ड की स्वीकृति मिली थी। उसके पूर्व लोगों से आपत्तियां एवं सुझाव भी लिए गए थे। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के मुताबिक जनजागरूकता के बाद सख्ती से इसका अनुपालन कराया जाएगा।
पेट शॉप और पालतू श्वानों का पंजीकरण अनिवार्य नगर निगम श्वान संबंधी अनुज्ञप्ति, नियंत्रण और विनियमन उपविधि 2023 के प्रकाशन के साथ पेट शॉप के साथ पालतू श्वानों का पंजीकरण करना अनिवार्य हो गया है। पंजीकरण न कराने या नियमों की अवहेलना पर प्रति श्वान 5000 रुपये अर्थदण्ड चुकाना पड़ेगा।
पार्क एवं लिफ्ट में मजल अनिवार्य सार्वजानिक स्थान जैसे पार्क और लिफ्ट में श्वान को ले जाते समय मजल लगाना अनिवार्य होगा। हालांकि अत्यधिक गर्मी के मौसम में जहां लोग कम हों मजल हटा सकते है। श्वानों की ये प्रजाति प्रतिबंधित गोरखपुर नगर निगम ने श्वानों की प्रजाति पिटबुल, रॉट वीलर, डोगो अर्जेन्टीना जैसे आक्रामक श्वानों का पंजीकरण और ब्रीडिंग प्रतिबन्धित किया है। हालांकि पहले से ही जिनके पास ये प्रजातियां हैं, उन्हें क्या समाधान मिलेगा, इस पर उपविधि मौन है।
दो या दो से अधिक पशु पालने वालों को लेना होगा लाइसेंस दुधारु पशुओं/डेयरी संबंधी अनुज्ञप्ति नियंत्रण और विनियमन उपविधि 2023 के प्रकाशन के साथ दो या दो से अधिक गाय एवं भैंस पालक को वार्षिक लाइसेंस लेना होगा, जिसकी अवधि 01 अप्रैल से वित्तीय वर्ष तक के लिए होगी। पशुपालकों को नगर निगम से प्रति पशु वार्षिक शुल्क जमा कर लाइसेंस लेना होगा। गाय के लिए 500 और भैंस के लिए 1000 रुपये लाइसेंस शुल्क देना होगा। जिनके पास दो या दो से कम पशु हैं, अपनी भूमि पर पालन पोषण कर रहे हैं, उनको डेयरी की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
बिना अनुमति पशुपालन पर देना होगा जुर्माना
पशुपालक अप्रैल में लाइसेंस नहीं लेता तो उसे प्रथम माह के लिए 100 रुपये और उसके बाद के महीनों के 50 रुपये प्रति माह बिलम्ब शुल्क, लाइसेंस शुल्क के अतिरिक्त देना होगा। प्रथम बार उल्लंघन पर डेयरी संचालक पर 1000 रुपये और दूसरी बार उल्लंघन पर 2000 रुपये जुर्माना लगेगा। अवैध डेयरी पर अधिकतम 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। उल्लंघन की पुनरावृत्ति पर पशुओं को जब्त करते हुए नीलामी की जाएगी।