बटोंगे तो कटोगे...पूरे हिन्दुस्तान के लिए है CM योगी का बयान, बरेलवी उलेमा बोले, इसको समझने की जरूरत
- मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की मंशा ये है कि भारत में रहने वाले जितने भी नागरिक हैं, चाहें वो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई क्यों न हों वो सभी लोग मिलजुल कर रहें। एक साथ रहे और एक दूसरे का सम्मान करते रहे, बटे नहीं।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मंगलवार को प्रेस को जारी किए गए अपने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिए गए बयान 'बटोंगे तो कटोगे' को बड़े परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए, उन्होंने ये बयान उस समय दिया, जब बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन चल रहा था। आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्ता पलट दिया था।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की मंशा ये है कि भारत में रहने वाले जितने भी नागरिक हैं, चाहें वो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई क्यों न हों वो सभी लोग मिलजुल कर रहें। एक साथ रहे और एक दूसरे का सम्मान करते रहे, बटे नहीं। अगर बटेंगे तो देश का नुकसान होगा और बंग्लादेश की तरह अराजकतत्व और कट्टरपंथी विचारधारा के लोग देश को अस्थित कर देंगे। इसलिए पूरे हिन्दुस्तान में रहने वाले सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर रहें।
मौलाना बोले बयान को पॉजिटिव नजरिए से देखें
मौलाना ने कहा मुख्यमंत्री के बयान को पॉजिटिव नजरिए के साथ देखना चाहिए। समझने की जरूरत है कि 1857 से लेकर 1947 तक की जंगे आजादी में हिन्दू और मुसलमानों ने मिलकर कांधे से कंधा मिलाकर देश को आजाद कराया। देश की आजादी में किसी समुदाय की कुर्बानी को कम नहीं आका जाना चाहिए। ये भारतवासियों की एकता और अखंडता का नतीजा है कि देश आजाद हुआ और सभी नागरिक आजादी की सांसें ले रहें हैं।
पड़ोसी देशों को जवाब देने के लिए एकजुट हो
मौलाना ने आगे कहा की मुख्यमंत्री के बयान को इस परिप्रेक्ष्य में भी देखा जाना चाहिए कि अगर भारत के पड़ोसी देश भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं और अपनी जमीन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए देते हैं तो ऐसी सूरत-ए-हाल में भारत में रहने वाले सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बन जाती है कि भारत के हितों और उसकी एकता और अखंडता के लिए सभी धर्मों के लोगों को उठ खड़ा होना होगा।
नारा किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं
मौलाना ने कहा कि मुख्यमंत्री का ये नारा भारतीयता का प्रतीक है। ये किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि सभी देशवासियों के लिए है। मैं सभी लोगों से भी कहना चाहता हूं कि इसको सिर्फ हिंदूत्व के नजरिए से न देखा जाएं।