हिंदू क्षेत्र से मुस्लिम जुलूस निकल सकता है तो मुस्लिम मोहल्ले से शोभायात्रा क्यों नहीं, विधानसभा में बोले सीएम
- सीएम योगी ने कहा कि जयश्री राम का नारा उत्तेजक नहीं है, यह हमारी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। अगर जयश्रीराम से उन्हें समस्या है तो हिन्दू भी अल्लाह-हू-अकबर पर आपत्ति कर सकता है।
संभल व बहराइच मामले में विपक्ष को आईना दिखाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत में राम, कृष्ण व बुद्ध की परंपरा चलेगी, बाबर और औरंगजेब की नहीं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब हिंदू मोहल्ले से मुस्लिम जुलूस निकल सकता है तो मुस्लिम मोहल्ले से हिंदू शोभायात्रा क्यों नहीं। उन्होंने साफ कहा कि जयश्री राम का नारा उत्तेजक नहीं है, यह हमारी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। अगर जयश्रीराम से उन्हें समस्या है तो हिन्दू भी अल्लाह-हू-अकबर पर आपत्ति कर सकता है। उन्होंने संभल के दंगों का सच सामने लाने की बात कहते हुए कहा कि इसकी रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी, तब दूध का दूध, पानी का पानी होगा और इसके दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी। पत्थरबाजी कर माहौल खराब करने वालों में एक भी बचने वाला नहीं है।
मुख्यमंत्री ने ये बातें सोमवार को विधानसभा में सपा के सदस्य इकबाल महमूद द्वारा संभल की घटना के बाबत उठाए गए सवालों पर कहीं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि जब कोई भी मुस्लिम त्योहार का जुलूस हिंदू मोहल्ले से, मंदिर के सामने से सुरक्षित निकल जाता है, कोई समस्या नहीं होती। पर, जब कोई हिंदू शोभायात्रा किसी मस्जिद के सामने से या मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से निकलती है तो क्यों समस्या खड़ी हो जाती है। इकबाल महमूद की ओर मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप चाहते हैं कि आपके पर्व और त्योहार तो शांति से मनाए जाएं, लेकिन दूसरों के नहीं।
संविधान में कहां लिखा है कि किसी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हिंदू शोभायात्रा नहीं निकल सकती। जब आप रोकते हैं तो हिंदू पक्ष की ओर से भी रिएक्शन आता है कि हम भी नहीं जाने देंगे। इन बातों को लेकर कि मस्जिद के सामने से शोभायात्रा नहीं निकलने देंगे। ये सड़क किसी की अमानत है क्या, ये सार्वजनिक मार्ग है, आप किसी को कैसे रोक सकते हैं।
मुख्यमंत्री बोले, कल आपसे कहूंगा कि अल्लाह हो अकबर का स्लोगन हमें अच्छा नहीं लगता तो क्या आपको अच्छा लगेगा। हमारी विरासत तो इतनी लंबी चौड़ी और प्राचीन है। मैं जय श्रीराम, हर-हर महादेव और राधे-राधे के संबोधन से ही पूरा जीवन काट सकता हूं। हमें और किसी संबोधन की जरूरत ही नहीं है।
भारत अकेला देश, जहां बहुसंख्यक समाज विशेष अधिकार की नहीं, समान नागरिक कानून की बात करता है
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि संविधान की मूल प्रस्तावना को पढ़ें और मौलिक अधिकारों का अध्ययन करें। संविधान में राम भी नजर आएंगे और कृष्ण भी, लेकिन धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द कहीं नहीं मिलेगा। जिन्होंने संविधान का गला घोंटा, उनका पिछलग्गू बनकर आप केवल सत्ता हथियाना चाहते हैं। देश, जहां बहुसंख्यक समाज विशेष अधिकार की नहीं, समान नागरिक कानून की बात करता है।