Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़husband and wife became grooms again due to greed for money took seven rounds mass marriage ceremony Mathura

एक महीने पहले की शादी, फिर दूल्हा-दुल्हन बनने के लिए पहुंचे पति-पत्नी, अफसरों के उड़ गए होश

  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में शनिवार को दो शादीशुदा जोड़े ने पैसे और अन्य सामान के लालच में दोबारा शादी कर ली। सोशल मीडिया पर जोड़े के पुराने और नयी शादी के फोटो वायरल हो रहे हैं। मामले का खुलासा होने पर हड़कंप मचा हुआ है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, मथुराMon, 16 Dec 2024 10:37 PM
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यूपी के मथुरा में एक हैरान-परेशान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां दो शादीशुदा जोड़े ने एक बार फिर शादी रचाई। दोनों पहले से ही पति-पत्नी थे। ये दोनों जोड़े दोबारा से दूल्हा-दुल्हन बनने के लिए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहुंच गए। विभाग को जो जब इस मामले जानकारी हुई तो अफसरों के होश उड़ गए। जानकारी करने पर पता चला कि ये पूरा खेल पैसों के लालच में किया गया है। दोनों की शादी के अब फोटो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। ये पता चलने पर मुख्य विकास अधिकारी ने मामले की जांच शुरू करा दी है।

पूरा मामला शनिवार का है। जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह कराया गया था। इसमें 142 जोड़े विवाह के बंधन में बंधे थे। इसमें 35-35 हजार रुपये जोड़ों को कन्यादान दिया गया, जबकि 5-5 हजार रुपये प्रति जोड़ा विवाह योजना का खर्चा दिया गया और 10-10 हजार रुपये घरेलू सामान दिया गया। इसके अलावा दोनों पक्षों के दाबत की व्यवस्था भी थी। इस योजना में 136 हिंदू और 06 मुस्लिम जोड़ों का विवाह-निकाह हुआ। यहां पैसे के लालच में दो ऐसे जोड़े भी पहुंच गए, जिनकी शादी हो चुकी थी।

दरअसल एक गरीब आवेदक ने अपनी छठवीं एवं सातवीं बेटियों का विवाह दो सगे भाइयों से तय किया था। उसने विवाह में सरकारी मदद पाने के लिए 11 नवंबर को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पंजीकरण कराया था। इसके बाद सामूहिक विवाह की तिथि में विलंब होने पर उन्होंने 22 नवंबर को दोनों बेटियों का दोनों भाइयों से विवाह सम्पन्न करा दिया। इसके बाद 14 दिसंबर को तय मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में भी दोनों ही वर वधुओं ने पुन: विवाह कर लिया। इसका फोटो किसी ने वायरल कर दिया। इसकी जानकारी होने पर विभाग ने मामले की जांच शुरू करा दी।

जिला समाज कल्याण अधिकारी नगेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 11 नवंबर को दो पात्र अविवाहित लड़कियों का पंजीकरण किया था। उनका आवेदन जांच पड़ताल के बाद पास कर दिया गया था। इसके बाद सामूहिक विवाह कार्यक्रम की तिथि तय होने में देरी के चलते उन्होंने 22 नवंबर को विवाह कर लिया था। इसके बाद 14 दिसंबर को सामूहिक विवाह आयोजन में उन्हें बुलाया तो यहां भी उन्होंने दोबारा विवाह कर सरकारी सहायता का लाभ उठा लिया था। इसकी जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों की भेजी जा रही है।

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