उड़ानें रद्द होने से ईरान में फंस गए हैं यूपी के सैकड़ों लोग, कैसे होगी सुरक्षित भारत वापसी?
इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देश मिसाइलों के हमले में जल रहे हैं। बेहद तनावपूर्ण हालात के बीच ईरान में यूपी के सैकड़ों छात्र और तीर्थयात्री फंस गए हैं। इनमें से कई लोग वहां परिवार समेत रह रहे हैं। यहां रह रहे उनके परिजनों की नींद उड़ गई है।

ईरान-इजरायल के बीच छिड़ी जंग में यूपी के सैकड़ों तीर्थयात्री और छात्र फंस गए हैं। इनमें से कई लोग वहां परिवार समेत रह रहे हैं। यहां रह रहे उनके परिजनों की नींद उड़ गई है। मोहर्रम से पहले इनमें से कई की वापसी होनी थी, लेकिन एयरबेस बंद होने से सारी फ्लाईट कैंसिल हो चुकी हैं। अब ईरान में फंसे कौशाम्बी के लोग वापसी के लिए अन्य हवाई मार्ग को लेकर विकल्प तलाश रहे हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षित भारत वापसी कैसे होगी इसे लेकर तरह-तरह की उम्मीदें जताई जा रही हैं। इसमें एक वैकल्पिक मार्ग इराक, अफगानिस्तान से होते हुए भी बताया जा रहा है।
कौशांबी के लगभग तीन सौ छात्र और धर्मगुरू वहां फंस गए हैं। प्रयागराज और मेरठ से भी कुछ जायरीनों के ईरान में फंसने की खबरें मिल रही हैं। ईरान स्थित विश्वविद्यालयों में कौशाम्बी के दर्जनों गांव के लगभग तीन सौ छात्र इस्लामिक शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इनमें दर्जनों धार्मिक गुरु भी हैं, जो ईरान के अल मुस्तफा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, जमातुल मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी कुम, शाहिद युनिवर्सिटी तेहरान ईरान में दीनी तालीम देते हैं। कौशांबी में फंसे ज्यादातर लोगों की मोहर्रम से पहले वापसी होनी थी, लेकिन एयरबेस बंद होने से सारी फ्लाईट कैंसिल हो चुकी है।
अब ईरान में फंसे कौशांबी के लोग वापसी के लिए अन्य हवाई मार्ग को लेकर विकल्प तलाश रहे हैं। उम्मीद है कि ये लोग ईराक, अफगानिस्तान के रास्ते वापस आ सकते हैं। सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर चल रही डरावनी तस्वीरों को देखकर ईरान में फंसे लोगों के परिजन बेचैन हैं। हाल-खबर लेने के लिए लगातार उनसे संपर्क किया जा रहा है। ईरान के सारे एयरबेस बंद कर दिए हैं, फ्लाईट कैंसिल हो चुकी है। मोहर्रम से पहले सभी को आना है, इसके लिए अब वहां फंसे लोग परेशान हैं। अब वापसी के लिए लोग अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
करारी, लहना, सुहेला समेत दर्जनों गांव के हैं लोग
ईरान के कई प्रांतों में कौशांबी के रामपुर सुहेला, मझियांवा, अड़हरा, लहना, अमुरा, मंझनपुर, सरैंया, अगियौना, बाजापुर, फैजीपुर, मनौरी, पूरामुफ्ती, सैयदसरांवा, दारानगर, कड़ा, मुंगहरी, निंदूरा आदि गांवों के लोग रहते हैं। हमला होते ही ईरान गए छात्रों के परिजनों के होश उड़ गए हैं। सभी लोग चाहते हैं कि ईरान में फंसे लोग जल्द से जल्द अपने मुल्क वापस आएं।
रात-दिन बज रहे हैं मोबाइल, रिश्तेदार भी परेशान
ईरान में रह रहे कौशाम्बी के छात्रों-धर्म गुरुओं के परिजनों के साथ उनके रिश्तेदार भी ईरान की हकीकत जानने के लिए परेशान हैं। रात-दिन लोगों के मोबाइल फोन बज रहे हैं। ईरान में बातचीत न होने पर लोग परेशान हो जा रहे हैं। सोशल मीडिया व टीवी पर इजरायल के हमलों को देखने के बाद रिश्तेदार घर भी पहुंचने लगे हैं। ईरान में उनके परिजनों का क्या हाल है, वहां की ताजा स्थिति क्या है, यह जानने के लिए लोग बेचैन हैं। नात-रिश्तेदार दिलासा भी दे रहे हैं कि जल्द ही स्थिति ठीक हो जाएगी, लेकिन अपनों की सुरक्षित वापसी न होने तक लोगों को कैसे सुकून आएगा।
रास्ता ये भी हो सकता था लेकिन...
ईरान में फंसे भारतीयों की वापसी लेबनान और सीरिया के रास्ते भी संभव है। लेकिन सीरिया में तख्तापलट होने के बाद से स्थिति असामान्य है। वहां मौजूद लोगों के पास अब बड़ा विकल्प इराक, अफगानिस्तान के रास्ते वापस आने का है। ईरान से लोग कार अथवा बस के जरिए आसानी से इराक और अफगानिस्तान पहुंच सकते हैं और वहां के एयरबेस से इंडिया वापस आ सकते हैं। अब इसी रास्ते को लेकर विचार किया जा रहा है। रामपुर सुहेला के राशिद रिजवी, मंझनपुर के जेया रिजवी, खादिम रिजवी, अली मुक्तदा, मनौरी के गुलाम हसन ने बताया कि वापसी के लिए लेबनान का रास्ता बेहतर है, लेकिन अभी ईरान से सीधे वापसी होने की पूरी उम्मीद है। गुंजाइश है कि मंगलवार की फ्लाईट से वहां फंसे लोगों को भारत वापस भेजा जाएगा।
भारत सरकार के रुख पर टिकी सबकी नजर
ईरान में फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए परिजन दुआएं मांग रहे हैं। ईरान से लोग कैसे वापस आएंगे, इसके विकल्पों पर फिलहाल विचार हो रहा है। सबकी नजर इस मामले में भारत सरकार के अगले कदम पर टिकी है। एयर इंडिया की ओर से एडवाइजरी जारी हुई है, लेकिन भारत सरकार ने अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। भारत सरकार ने यदि पहल की तो ईरान में फंसे लोगों को सीधे ईरान के ही एयरबेस से वापसी के लिए फ्लाईट मिल जाएगी। इस मसले को लेकर भारत व ईरान दूतावास के बीच लगातार बात होने की बात वहां फंसे लोग व उनके परिजन कह रहे हैं।
वर्ष 2024 में भी फंस गए थे ईरान में लोग
ईरान में कौशांबी के बड़ी संख्या में लोग पढ़ाई करते हैं। दर्जनों की संख्या में लोग वहां के अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में धर्मगुरू भी हैं। अप्रैल वर्ष 2024 में राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी के समय भी इजरायल से जंग के हालात बने थे। इस दौरान ईरान के सभी एयरबेस बंद कर दिए गए थे। बड़ी संख्या में लोग वहां फंस गए थे। मई 2024 को प्लेन क्रैश में राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी की मौत हो गई थी। एयरबेस बंद होने पर वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए ईराक व अफगानिस्तान के रास्ते वापस भेजने की तैयारी चल रही थी, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य हो गई थी। अब जंग के माहौल में वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए इन्हीं रास्तों से वापस भेजने के विकल्पों पर विचार हो रहा है।
जियारत को गए मेरठ के तीन लोग ईरान में फंसे
मेरठ के किठौर क्षेत्र के ईसापुर गांव से ईरान में जियारत के लिए गए तीन लोग ईरान-इजरायल के बीच युद्ध के कारण ईरान में फंस गए हैं। चिंतित परिजनों ने सोमवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। गुहार लगाई है ईरान में फंसे देश के लोगों की सकुशल वापसी कराई जाए। ईरान में जियारत के लिए गए लोग सही सलामत हैं और लगातार उनकी परिजनों, संबंधियों से बातचीत हो रही है। सभी को हालात सामान्य होने का इंतजार है।
ईरान में फंसे मेरठ समेत अन्य स्थानों के लोगों के परिजनों की चिंता बढ़ी हुई है। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध को देखते हुए ईरान में फंसे भारतीयों की सलामती और सकुशल वतन वापसी के लिए दुआएं कर रहे हैं। किठौर क्षेत्र के ईसापुर निवासी तीन लोग ईरान में फंसे हुए हैं। ईसापुर निवासी सैय्यद मोहम्मद जामिन एवं परिजनों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन देकर ईरान में फंसे भारतीयों की सकुशल वतन वापसी कराने की गुहार लगाई है।
जिस दिन वापसी होनी थी उसी दिन हो गया युद्ध
13 जून को मेरठ के तीनों लोगों की वापसी थी। उसी दिन ईरान और इजरायल के बीच युद्ध हो गया। ईरान से आने वाली सभी फ्लाइट कैंसिल कर दी गईं। सभी लोग ईरान में फंस गए। बताया गया कि जियारत के लिए भारत से ईरान 72 लोगों का प्रतिनिधिमंडल गया था।
प्रयागराज के लोग भी फंसे
वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान में प्रयागराज से भी कई तीर्थयात्री और इस्लामिक स्टडीज के लिए गए छात्र फंसे हुए हैं। इनमें करेली, दरियाबाद, रानीमंडी, सैदपुर, नैनी, दांदूपुर, हंडिया, हनुमानगंज, जीरो रोड चक, बहादुरगंज, राले और कोराली आदि क्षेत्रों के लोग शामिल हैं।