साइज में कोरोना से बड़ा है एचएमपीवी वायरस, खतरा उससे कम; बीएचयू के प्रोफसर का दावा
- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) भारत में पहले से मौजूद है। इस वायरस का आकार कोरोना से बड़ा जरूर है, लेकिन खतरे के मामले में यह उससे कम है। कोरोना की साइज 90 और एचएमपीवी वायरस की साइज 130 नैनो मीटर है। इससे बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
HMPV Virus Infection: देश में एचएमपीवी संक्रमण की दस्तक के बीच आईएमएस बीएचयू के माइक्रोबायोलोजी विभाग के प्रो. गोपालनाथ ने दावा किया है कि यह कोरोना से कम असरदार है। उनका कहना है कि इस बार उभरा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) भारत में पहले से मौजूद है। इस वायरस का आकार कोरोना से बड़ा जरूर है, लेकिन खतरे के मामले में यह उससे कम है। कोरोना की साइज 90 और एचएमपीवी वायरस की साइज 130 नैनो मीटर है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
प्रोफेसर के मुताबिक आकार में छोटा होने के कारण कोरोना के ड्रॉपलेट्स हवा में दूर तक जा सकते हैं। ऐसा एचएमपीवी के साथ ऐसा नहीं है। इसके ड्रॉपलेट्स का दायरा कम होता है। इससे बचाव के लिए भी छह फीट की दूरी, मास्क और सेनेटाइजेशन जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत में एचएमपीवी वायरस पहले भी मिल चुका है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। बस लोग सचेत रहें। इसमें सांस की नली और फेफड़ा प्रभावित हो सकता है। इसकी वैक्सीन अभी नहीं है।
पैरामाइक्सोवायरस परिवार का है
प्रो. गोपालनाथ ने कहा कि एचएमपीवी वायरस पैरामाइक्सोवायरस परिवार का है। इसी परिसर के खसरा, निपाह सहित अन्य वायरस हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की तरह ये आरएनए वायरस है। इसमें निमोनिया का खतरा रहता है।
एचएमपीवी जांच की सुविधा नहीं
बनारस में अभी तक एचएमपीवी वायरस जांच की सुविधा नहीं है। बनारस में आस-पास के जिले के मरीज आते हैं। ऐसे में मरीजों को समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग अभी शासन की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है।
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इन लोगों को ज्यादा खतरा
-पांच साल से छोटे बच्चों को।
-जिनकी प्रतिरोधिक क्षमता कमजोर है।
-एंटी कैंसर थेरेपी दी जा रही हो।
-अनियंत्रिम मधुमेह।
ये हैं एचएमपीवी के लक्षण
गले में खराश।
हाई ग्रेड फीवर।
नाक बंद होना या बहना।
सांस लेने में दिक्कत।
सूखी खांसी।
ऐसे करें बचाव
छह फीट की दूरी रखें।
मास्क का उपयोग करें।
हाथों को सेनेटाइज करें।