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योगी के नारे से भाजपा के लोग कर रहे किनारा, डबल इंजन आपस में टकरा रहे: HTLS में अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि डबल इंजन की बात होती है लेकिन दोनों इंजन ही आपस में टकरा रहे हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानSat, 16 Nov 2024 09:23 PM
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि डबल इंजन की बात होती है लेकिन दोनों इंजन ही आपस में टकरा रहे हैं। इनका इंजन ही नहीं, नारा भी टकरा रहा है। बटेंगे तो कटेंगे का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने जो नारा दिया था, उसी का हिंदी वर्जन यह लोग दे रहे हैं। इस नारे से अब भाजपा वाले ही किनारा कर रहे हैं। इनके सहयोगी दल के लोग नारे से अलग हो रहे हैं। भारतीय राजनीति के इतिहास में इतना नकारात्मक नारा किसी ने नहीं दिया था। ये नकारात्मक लोग हैं।

अखिलेश यादव हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में कहा कि यह लोग तोड़ने का काम कर रहे हैं हम लोग जोड़ेंगे का काम करेंगे। एक ने कहा कि बांटेंगे काटेंगे तो दूसरे ने एक हैं तो सेफ हैं का नारा दिया दे दिया है। दोनों नारे टकरा रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा का हर नारा निगेटिव है। एनडीए के एन का मतलब ही निगेटिव है। यह नकारात्मक लोग हैं। कुकर्म करने वालों का माला पहनाकर स्वागत कर रहे हैं। प्रयागराज में अपने हक के लिए आंदोलन कर रही दिव्यांग बेटी की बैशाखी छीन ली गई। बीएचयू में गैंगरेप के आरोपी भाजपा के लोग हैं निकले और उनका भी स्वागत किया जा रहा है।

अखिलेश ने सीधे सीएम योगी पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की नकारात्मक सोच की वजह से भाजपा लोकसभा चुनाव में हारी है। अयोध्या में इतना काम करने का ढिढोरा पीटा गया फिर भी नकारात्मक राजनीति के कारण ही भाजपा वहां भी हार गई। एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि जिस तरह से पर्यावरण में प्रदूषण फैला हुआ है उसी तरह राजनीति में भाजपा ने पॉल्यूशन फैलाया है, उसको साफ कर रहा हूं। इसकी शुरुआत यूपी से कर चुका हूं।

कहा कि अयोध्या में क्या काम किया है, वोट से पता चल गया। लोकसभा में जीतने के बाद कुछ लोग चर्चा कर रहे थे कि आपने एक हजार करोड़ का मंदिर बना दिया फिर भी हार गए। हमने तो 15 हजार करोड़ का एक्सप्रेसवे बनाया फिर भी हारे हैं। अयोध्या की हार की वजह से भाजपा के लोग सो नहीं पा रहे हैं।

हार के डर से ही टाला गया चुनाव

अखिलेश यादव ने कहा कि उपचुनाव में प्रतिशत के हिसाब से कहें तो सौ प्रतिशत ये लोग हारेंगे और संख्या के हिसाब से नौ में नौ हारेंगे। चुनाव टालना बताता है कि यह लोग हार रहे हैं। इन्हें पता था कि लोग दिवाली, छठ पर घर घर आए हैं। लोगों ने चुनाव में वोट डालने के लिए अपनी छुट्टी बढ़ा ली है और वोट डालकर जाएंगे। इसके बाद यह लोग डर गए और चुनाव टाल दिया।

हमारे काम को आगे भी नहीं बढ़ाया गया

अखिलेश यादव ने कहा कि हमने जो काम किया था उसे आगे बढ़ाया ही नहीं गया। एक्सप्रेस-वे तक को को आगे नहीं बढ़ाया गया। बिजली का कोई कारखाना नहीं लगा। डबल इंजन सरकार की बात होती है लेकिन एनएचआई ने एक भी एक्सप्रेसवे यूपी को नहीं दिया है। प्रधानमंत्री जिस यूपी से चुने जाते हैं वहां एक एक्सप्रेस-वे केंद्र ने नहीं दिया है। कोई नया आईआईटी, आईआईएम या एम्स यूपी को नहीं दिया गया।

कहा कि अग्निवीर की योजना लाए है, कहते हैं बजट कम करना है। इन चीजों को कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता। इन्वेस्टमेंट के नाम पर केवल एमओयू हुआ है। माफिया से जमीन छुड़ाने की बात होती है। सवाल किया कि इन्वेस्टमेंट के लिए जो जमीन चाहिए वह कहां है। स्थिति यह है कि अफगानिस्तान का रुपया हमसे आगे बढ़ गया है।

वन नेशन वन इलेक्शन और एक दिन में परीक्षा नहीं करा पा रहे

अखिलेश यादव ने पीसीएस प्री और आरओ एआरओ परीक्षा एक ही दिन कराने की मांग को लेकर प्रयागराज में चले आंदोलन को सपा के सपोर्ट पर कहा कि यह भाजपा की नकारात्मक सोच है। अगर वहां जाता तो लोग कहते कि आंदोलन को राजनीति रंग दे रहे हैं। बच्चों की मांग जायज है। वन नेशन वन इलेक्शन की बात करते हैं और एक एग्जाम एक दिन नहीं करा सकते। उदाहरण देते हुए कहा कि इन लोगों ने पुलिस की परीक्षा कराई थी। 40 लाख बच्चे बैठे थे। एक दिन में 20 लाख बैठे थे। फिर दस लाख बच्चों का एक साथ एग्जाम क्यों नहीं हो सकता है। अखिलेश ने लोक सेवा आयोग को लोक सेवा अयोग्य करार देते हुए कहा कि इनके एजेंडे पर नौकरी नहीं है, केवल नौकरी उलझाना है। जो बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, उन्हें धरने पर बैठा दिया गया।

कैसे मिली लोकसभा चुनाव में जीत

अखिलेश ने लोकसभा में मिली जीत पर कहा कि एनडीए को हराने के लिए पीडीए बना दिया। पीडीए से यह लोग घबराए और डरे हुए हैं। यह लड़ाई नई नहीं है, बाबा साहेब अंबेडकर का यही सपना था। भाजपा वालों को तो डीएपी में भी पीडीए दिख रहा है। किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। किसान खाद के लिए हर जिले में परेशान हैं। अगर उपज ज्यादा उगा दे रहे हैं तो भी उनके सामने दिक्कत है।

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