Hindustan Special: दिव्यांग बच्चों को कॅरियर की राह दिखा रही यह शिक्षिका, प्रधानमंत्री भी कर चुके तारीफ
- दिव्यांग बच्चों के माता-पिता उनके जीवन यापन को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं। इन बच्चों के कॅरियर निर्माण में भी बड़ी दिक्कत आती है। प्राइमरी स्कूल डभौरा गंगापुर की प्रधानाध्यापिका दीपमाला पांडे इस समस्या के समाधान के लिए लगातार कार्य कर रहीं हैं।
दिव्यांग बच्चों के माता-पिता उनके जीवन यापन को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं। इन बच्चों के कॅरियर निर्माण में भी बड़ी दिक्कत आती है। प्राइमरी स्कूल डभौरा गंगापुर की प्रधानाध्यापिका दीपमाला पांडे इस समस्या के समाधान के लिए लगातार कार्य कर रहीं हैं। दीपमाला दिव्यांगजन स्वावलंबन प्रदर्शनी के माध्यम से अभिभावकों को जागरूक करती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में दीपमाला की प्रशंसा कर चुके हैं।
प्रधानाध्यापिका दीपमाला पांडे दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए चर्चा में रही हैं। उन्होंने इसके लिए वन टीचर वन कॉल अभियान शुरू किया था। अभियान से जुड़े शिक्षक गांव-गांव जाकर दिव्यांग बच्चों को तलाशते थे और फिर उनका किसी न किसी स्कूल में दाखिला सुनिश्चित कराते थे। कोरोना काल में इस अभियान के कारण बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चों का स्कूलों में प्रवेश हो पाया। दीपमाला अब दिव्यांग बच्चों के कॅरियर निर्माण पर कार्य कर रही हैं। उनका मकसद दिव्यांग बच्चों को स्वावलंबी बनाना है ताकि उनका जीवन आसान हो सके। इसके लिए वो दिव्यांगजन स्वावलंबन प्रदर्शनी का आयोजन करती हैं।
स्वरोजगार की भी देते हैं जानकारी
दीपमाला कहती हैं कि दिव्यांग बच्चों को कॅरियर संबंधी समस्या सबसे ज्यादा आती है। उनके अभिभावकों को भी इसके बारे में बहुत जानकारी नहीं होती है। दिव्यांगों के स्वावलंबन के लिए आवश्यक है कि उन्हें रोजगार और स्वरोजगार की जानकारी दी जाए। हम वन टीचर वन कॉल से जुड़े शिक्षकों के माध्यम से दिव्यांगजन स्वावलंबन प्रदर्शनी का आयोजन करते हैं। बच्चे और अभिभावक इस प्रदर्शनी में शामिल होकर विभिन्न तरह के कोर्स की जानकारी प्राप्त करते हैं। इसके अलावा उन्हें स्वरोजगार की भी जानकारी दी जाती है।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने किया था जिक्र
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपमाला के प्रयास का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि आज देश में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई प्रयास हो रहे हैं। मुझे उत्तर प्रदेश में हो रहे ऐसे ही एक प्रयास वन टीचर वन कॉल के बारे में जानने का मौका मिला है। बरेली में यह अनूठा प्रयास दिव्यांग बच्चों को नई राह दिखा रहा है। इस अभियान का नेतृत्व कर रही हैं डभौरा गंगापुर में एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका दीपमाला पांडेय। दिव्यांग जनों के लिए दीपमाला और साथी शिक्षकों के इस नेक प्रयास की मैं प्रशंसा करता हूं। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा हर प्रयास हमारे देश के भविष्य को संवारने वाला है।