असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव के खिलाफ वाराणसी की अदालत में 17 को सुनवाई, ये है मामला
शिवलिंग की आकृति के संबंध में गलत बयानबाजी पर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी।
Gyanvapi Case: वाराणसी के अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाना में गंदगी, शिवलिंग की आकृति पर बायानबाजी के संबंध में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई टल गई। निगरानीकर्ता की तबीयत खराब होने के कारण अगली तारीख देने की गुहार लगाई गई, जिस पर कोर्ट ने 17 अगस्त की तिथि तय की। वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय और अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कुछ महीने पहले अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल की थी। उसमें कहा गया था कि वुजूखाने में नमाजी गंदगी फैला रहे हैं। वहीं, शिवलिंग की आकृति के संबंध में गलत बयानबाजी पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी। इन मांगों को निराधार बताते हुए लोअर कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी।
ज्ञानवापी में गेट के संबंध में डीएम को प्रार्थना-पत्र
ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार के निकट नया गेट न लगाने और पुराना बंदोवस्ती रास्ता बहाल रखने की मांग के साथ लोहता के मुख्तार अहमद अंसारी ने डीएम, सीपी और कमिश्नर को प्रार्थना-पत्र दिया है। प्रार्थना पत्र में कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित दृश्य तथा अदृश्य मजार हैं। इस संबंध में प्रार्थी ने सिविल न्यायालय में वाद दाखिल किया है कि मंदिर प्रशासन मस्जिद के रास्ते को बंद करना चाहता है।
चादरपोशी पर सुनवाई 16 अगस्त को होगी
ज्ञानवापी में उर्स और मजार पर चादर चढ़ाने के मामले में कुछ हिंदू पक्ष को पक्षकार बनाने के खिलाफ लंबित निगरानी अर्जी पर सुनवाई टल गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
कृति वाशेश्वर महादेव मुक्ति का वाद 13 को सुनेंगे
सिविल जज जूनियर डिविजन शुभी अग्रवाल की कोर्ट में मंगलवार को कृति वाशेश्वर महादेव को पूरी तरह मुक्त कराने के संबंध में एक और वाद दाखिल किया गया। कोर्ट ने इसे मूलवाद के रूप में दर्ज कर प्रतिवादी गण को नोटिस जारी किया है। छ: सितंबर को लिखित कथन दाखिल करने और 13 सितम्बर को सुनवाई की तिथि नियत की है। इस मामले में वैदिक सनातन न्यास के पदाधिकारी संतोष सिंह, विकाश शाह ने प्रतिवादी के रूप में राज्य सरकार, कमिश्नर, कृतिवाशेश्वर समिति, उक्त परिसर में रहने वाले मो. इम्तियाज, जहीर हैदर को पक्षकार बनाया है।