हाथरस सत्संग हादसा: आयोग ने पूछा, अनुमति 80 हजार की, कैसे पहुंचे लाखों लोग
जेल में निरुद्ध 11 बंदियों ने दर्ज कराए न्यायिक आयोग में बयान,वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तीन घंटे तक न्यायिक आयोग ने पूछे सेवादारों से सवाल,सिकंदराराऊ में सत्संग हादसे के दौरान भगदड़ में हुई थी 121 लोग की मौत
सत्संग के वक्त मची भगदड़ में 121 श्रदालुओं की मौत के मामले में अलीगढ़ कारागार में निरुद्ध दो महिलाओं सहित 11 आरोपियों के मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन घंटे तक न्यायिक आयोग के समक्ष बयान हुए। न्यायिक आयोग ने मुख्य सेवादारों से तमाम सवाल पूछे।
सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव मुगलगढ़ी फुलरई में दो जुलाई को विश्व साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के समापन के बाद चरण रज लेने को मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर सहित कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह सभी लोग सत्संग आयोजक कमेटी से जुड़े हैं। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। सभी आरोपी दो महीने से अधिक समय से जिला कारागार अलीगढ़ में निरुद्ध हैं। इस पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग कर रहा है। जेल में निरुद्ध सभी आरोपियों को पुलिस के जरिए नोटिस भेजे गए। इसलिए मंगलवार सुबह 11 बजे जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी के बयान के दर्ज किये। सबसे अधिक सवाल मुख्य सेवादार और आयोजन की अनुमति लेने वाले देवप्रकाश मधुकर से किए गए। मुधकर से पूछा गया कि 80 हजार भीड़ की अनुमति किस आधार पर ली गई। अनुमति से अधिक भीड़ वहां कैसे जमा हुई। इस तरह के तमाम सवालों के जवाब लिए गए। वहीं आरोपी पक्ष के अधिवक्ता डा. एपी सिंह के मुताबिक देवप्रकाश मधुकर ने आयोग को बताया कि भोले बाबा के जाने के बाद वहां कुछ लोग काले रंग की गाड़ियों में आए और जहरीला स्प्रे कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई और श्रदालुओं की जान चली गई। इसके अलावा मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू यादव, मंजू देवी, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार, दलवीर सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए हैं।
उपेन्द्र बोला हादसे के दिन ¸मैं था ही नहीं
आरोपियों के अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह ने बताया है कि उपेन्द्र यादव ने आयोग को अपने बयानों में बताया है कि जिस दिन दो जुलाई को हादसा हुआ था, उस दिन वह वहां मौके पर ही नहीं था। मगर पुलिस ने उसे निर्दोष होने के बाद भी जेल भेजा है।
डीएम-एसपी सहित कई अफसरों के हो चुके हैं बयान
न्यायिक आयोग के समक्ष पिछले दिनों डीएम, एसपी, एएसपी, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, सिकंदराराऊ नगर पालिका के चेयरमैन सहित तमाम लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं। न्यायिक आयोग लगातार नोटिस जारी कर हादसे से जुड़े लोगों के बयान दर्ज कर रहा है।
मंगलवार सुबह करीब 11 बजे से दोपहर के दो बजे तक कारागार में निरुद्ध 11 बंदियों के बयान न्यायिक आयोग के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराए गए हैं।
-बिजेन्द्र सिंह यादव, जेल अधीक्षक अलीगढ़
सत्संग प्रकरण में एक महिला आरोपी को मिली अंतरिम जमानत
सिकंदराराऊ के मुगलगढ़ी फुलरई में सत्संग हादसे के दौरान 121 मौत के मामले में 11 आरोपी जेल में निरुद्ध हैं। मंगलवार को हाईकोर्ट से एक महिला आरोपी को अग्रिम तिथि तक अंतरिम जमानत दी गई है।
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपी मंजू देवी ने हाईकोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की थी। मंगलवार को उस पर सुनवाई हुई। सरकारी वकील मनीष गोयल ने जमानत का विरोध किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद मंजू देवी को सर्शत अग्रिम अंतरिम जमानत दी है। उसमें उल्लेख किया गया है कि न्यायिक आयोग के समक्ष बयान होने के बाद अंतरिम जमानत लागू होगी। अतंरिम जमानत मिलने के बाद महिला विवेचना में पूरा सहयोग करेगी। गवाहों को डराएगी या धमकाएगी नहीं। भारत छोड़कर नहीं जाएगी।
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